00:28शर्णेत्रियंब के गोरी नारायनी नमुस्तुतेहे बड़ा ही पावन और अवित्र जो मुहुरत आप लोगों के सामने आने वाला है वो है
00:4422 सब्तंबर से लेकर मा भगवती नवदुर्गा के रूप में हमारे घरों में पधारने वाली हैं
00:5522 सब्तंबर से लेकर के 2 अक्तूबर तक जो है इस बार भगवती के नवरात्रे रहने वाले हैं
01:02नवरात्रों में मां जगदंबा की पूजा अर्चना करने का हमारे सनातन धर्म में विधान है, मां दुर्गा के नो रूपों की व्याख्या अलग-अलग दिन होती है, अलग-अलग पूजा होती है.
01:17प्रथमंग शैल पुत्री चे दृधियम ब्रम्हे चारनी, तरित्यम चंदरगंते ती कुष्टमांडर की चतुरुकं, पंचम सकंद माते ती सप्तम काथ्यायनीति चे सप्तम कालरात्री機 महा गवरही चे वश्तम नवम शिद्यधात्री नवदुर्गा प्रकिदः लुदा �
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02:37कलस की स्थापना करें, कलस में जो है एक नारियल, माता की चुनरी, आम के पत्ते, पंच पल्लव जिसी कहा जाता है, और जो बीज करके भगवती की कलस की स्थापना करनी चाहिए, जिसमें हल्दी, रोली, चावल, तथा सुपारी और द्रव्य दक्षिना उसके अंदर डालनी
03:07सिखी से जलानी चाहिए, मा भगवती जगदंबा का दोनों समय, सुभै और शाम को, जैसा भी जिससे बन पड़े, वो चाहे दुर्गा शप्षती से, या फिर जो सामान्य व्यक्ति जो दुर्गा शप्षती नहीं पड़ सकता, जिसको दुर्गा शप्षती का ग्या नहीं
03:37उनको तो सब विधान पता ही है, कि हमें क्या खाना है और क्या नहीं खाना, लेकिन जो व्यक्ति नवरात्री का आलमें, वो व्रत या अनुष्ठान नहीं करें, उनको भी सुद्ध खानपान सातिक भोजन अवश्य करना चाहिए, वैसे तो मनुष्य जीवन मिला है, सभी को
04:07करना चाहिए, लख्सुन प्याज इत्यादी घर में वर्जित होना चाहिए, किसी भी त्रहें का, और माभगती माजगदंबा को परसंद करने के लिए, जो है, वो आपको अपनी पूजा अर्चना करनी चाहिए, घर में संकीरतन करना चाहिए, महौल जो है हमेशा सकारातन �
04:37जिसमें कहा जा रहा है, कि माभगती जगदंबा जो है, वो हाथी परस्वार होकर आ रही है, हाथी परस्वार होने का अभिप्राई क्या है, हाथी जो है, वो महा लक्ष्मी का प्रतिक है, माजगदंबा इस बार जो है, भंडारन भरने के लिए आ रही है, अपने भक्ष्म
05:07and those people who are living in the house,
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