Vishwakarma Puja 2025: हर साल 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा मनाई जाती है।क्या आप जानते हैं कि विश्वकर्मा जयंती सूर्य के कन्या राशि में गोचर पर क्यों होती है? इस वीडियो में जानिए विश्वकर्मा पूजा का महत्व, कन्या संक्रांति का राज़ और भगवान विश्वकर्मा का जन्म कैसे जुड़ा है सूर्य की स्थिति से।
00:00भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का पहला वास्तुकार और शल्पकार माना जाता है
00:06मानिता है कि उन्होंने अपने पिता भगवान ब्रह्मा जी को ब्रह्मांड बनाने में मदद की थी
00:11साथ ही विश्वकर्मा जी ने ही देवताओं के अस्त, शस्त, रत और नगरों का निर्मान किया है
00:18वे हिंदू पौराने को कताओं में निर्मान और शल्पकला के देवता माने गए हैं
00:23तो आईए आज किस वीडियो में आपको बताते हैं विश्वकर्मा पूजा पर्व 17 सप्तंबर को ही क्यूं मनाया जाता है
00:29विश्वकर्मा पूजा को विश्वकर्मा जोयनती भी कहते हैं
00:33मान जिता है कि इसी दिन भगवान विश्वकर्मा का प्राकट्ट हुआ था
00:36जिस दिन सूर्य ग्रह गोचर करके कन्या राशी में पहुंचते हैं उसे दिन विश्व कर्मा जोयंती मनाई जाती है
00:43और साल 17 सेतंबर को ही सूर्य का कन्या में गोचर होता है अब इसलिए विश्व कर्मा जोयंती 17 सिप्तंबर को मनाई जाती है
00:50विश्यकर्मा जोंती पूजा की तारीक चंद्रमा की स्थिती के बज़ए सूरे की स्थिती से तै होती है। माना जाता है कि कन्या संक्रांती के दिन ही भगवान विश्यकर्मा का जन्म हुआ था।
01:20बचकर 20 मिनट तक वह विजव महुरत दो पहर 12 बचकर 18 मिनट से दो पहर 3 बचकर 7 मिनट तक वह गोधुली महुरत शाम 6 बचकर 24 मिनट से शाम 6 बचकर 47 मिनट तक रहेगा। फिलाल इस वीडियो में इतना ही आपको चौन करे कैसे लगी कमेंट में लिपकर ज़रूर बताए�
01:50बादिटें से राल करें आप अईोने को सबस्क्राइब से दित को पूलिए ये पूली का नहिंग को सब्सक्राइब है
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