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Waqf Board Amendment Act: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने वक्फ कानून (Waqf Board Amendment Act) पर अंतरिम आदेश दिया है। इसका मतलब है कि इस मामले पर दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई जारी रहेगी। कोर्ट ने कानून पर रोक (Waqf Board Amendment) लगाने से इंकार कर दिया और कुछ प्रावधानों पर ही रोक लगाई है।

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~HT.410~PR.88~ED.104~GR.124~

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Transcript
00:00वक्त कानूनों के खिलाफ दायर की गई याचकाओं पर आज अकरकार सुप्रीम कोट ने अंत्रिम आदेश दे दिया
00:06कोट ने आदेश को पढ़ते हुए इसपस्ट किया कि कानून को रद करने या फिर रिस्टे लगाने या फिर बैन लगाने जैसा इसा कुछ नहीं है
00:14यानी रद करने या फिर उस पर रोक लगाने से कोट ने इंकार कर दिया
00:19हाला कि कुछ प्रावधानों पर इन याचकाओं में मांग जो की गई थी उन पर ध्यान देते हुए रोक लगा दी और कुछ प्रावधानों को बदल दिया गया
00:28सरकार को इस कानून में बदलाओ की जरौत क्यों पड़ी नए कानून के किन प्रावधानों का विरोध हो रहा था और कोट ने किन प्रावधानों पर बदलाओ किया और इस मामले में आगे क्या होगा इन सारी चीजों के लिए बने रही मेरे साथ आप देख रहे हैं One India और मैं
00:58जिसके तहट केंसरकार ने इसमें संसुधन किया था नए कानून के मुताबिक किसी भी संपत्ति को वक्ष संपत्ति के रूप में दर्च करने से पहले सभी सम्मंधित, दस्तावेज और उचित नोटिस के साथ ही राजस कानूनों के अनुसार इस पर कारवाई हो इसका मकस�
01:28लेकिन वक्ष कानून के किन परावधानों का विरोध हुआ अब इसको चाल लीजे दरसल नए वक्ष कानून में गैर मुसल्मानों को भी केंद्रिय वक्ष परसद और राज्य वक्ष बोडों में शामिल करने का परावधान किया गया था, जसके बाद विरोध शुरू हु�
01:58संपत्यों के सर्वेक्षन और विवादित संपत्यों के इस्तित्य करने का अधिकार होगा।
02:04मुसलिम समुदाय का मानना है कि ये वक्ष बोडों की स्वैतता पर सरकारी हस्ता चेप होगा।
02:10वे आशंका जताते हैं कि कलेक्टर की शक्तियां संपत्तियों को गलब तरीके से गैर वक्षित करने के लिए इस्तमाल की जा सकती है।
02:19नए कानून में सभी वक्ष संपत्तियों का पंजी करन और डिजिटल रिकॉर्ड बनाने जरूरी है।
02:24विरोध करने वाले समोहों का कहना है कि ये प्रक्रिया छोटे और अनौचारिक वक्ष को जैसे मस्जिदों और कबरस्तानों के लिए बोचिल हैं और इससे संपत्तियों को सरकारी नियंतरन में लेने का खत्रा है यानि सरकारी कब्ज़ हो सकता है।
02:39इसके लाओ नए कानून में मुसलमान वक्ष अधनियम को रद कर दिया गया है।
03:09बढ़ेगा हालनकि कहा जाए तो ये एक धर ही था।
03:13हलनकि कुछ नेताओं और संगठनों का दावा है कि संसोधन से वक्ष संपत्तियों को गैर वक्ष गोसित कर निजी ये सरकारी उप्योग में लाने का रास्ता खुल सकता है।
03:23कोट ने किन प्रावधानों में बदलाव किया अब इसको समझ लिए।
03:27कि लिए धारा 3R जुसमें वक कानून में प्रावधान किया गया है कि कोई भी व्यक्ति अगर 5 साल तक इसलाम धर्म का पालन करता है तो ही वो कोई संपत्ति वक्ष गोद्दान कर सकता है।
03:41कानून के सेक्षन 3R में इसका प्रावधान किया गया था इस पर कोट ने इस्टे लगा दिया है।
04:1125 में प्रावधान है कि 5 साल से अधिक वक्ष तक इसलाम का पालन करने वाला ही वक्ष बोड का सदस बन सकता है।
04:20सुप्रीम कोट ने इस पर भी रोक लगा दी और कहा है कि जब तक राजी सरकारें इसको लेकर के कोई उचित नियम कानून नहीं बना ले थी तब तक ये शर्त सस्पेंड रहेगी यानि इस्टे रहेगा।
04:30इसके बाद आती है धारा 2C यानि प्रोवीजो।
05:00का अस्तित्त रखा और अब फिर से इसलिए हम मानते हैं कि पंजी करण नया नहीं है।
05:30इस कानून में इस प्रावधान को हटा दिया गया है।
05:34इस प्रावधान पर ये कहते हुए रोक लगा दिया कि इस प्रावधान पर ये कहते हुए रोक लगा दिया।
06:02ये विक्तिके विक्तिकत अधिकार पर कलेक्टर को फैसला लेने का अधिकार नहीं दिया जा सकता है।
06:06ये अधिकारों के विकेंद्री करण का उलंगन होगा।
06:10इसके लावा गैर मुसल्मानों को यानि हिंदू सिक तमाम अन्ड लोगों को बोर्ड में शामिल करने की सदस्यों के तोर पर भी एक फैसला दिया गया है।
06:19दरसल बोर्ड में गैर मुसलिम सदस्यों की संख्या सीमित कर दी गई।
06:23केंद्री वक्त परिशद में अधिक्तम चार गैर मुसलिम हो सकते हैं।
06:26वही राज्य वक्त बोर्ड में अधिक्तम तीन सदस्यों होंगे।
06:30धारा 23 एक्स वक्त संसुधा नद्रियम 2025 में प्रावधान है कि वक्त बोर्ड के 11 सदस्यों में से गैर मुसलिम भी सामिल होंगे
06:40इस पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्णा दिया है कि वक्त बोर्ड में 3 से ज़्यादा मुसलिम सदस्य शामिल नहीं हो सकते हैं
06:47इसके अलाव केंद्रिय वक्त परिश्यत के 22 सदस्यों में 4 से ज़्यादा गैर मुसल्मान सदस्य नहीं हो सकते हैं
06:53कोर्ट ने वक्त कानून के शेक्षन 23 पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई है
06:58यानि कानून के इस सेक्षन में वक्त बोर्डों के एक्स ओफीसियो मेंबर यानि CEO की न्यूक्ति का प्रावधन किया गया है
07:07इस पर कोर्ट ने कहा है कि जहां तक संबह हो किसी मुसलिम को ही इस पद पर न्यूक्ति किया जाना चाहिए
07:13खला कि उन्होंने ये नहीं सपच किया है कि सर्फ मुसल्मान ही हो सकता है
07:18हाला कि इसको लेकर के सर्फ राय दी है
07:20अब आगे क्या हो सकता है
07:22दरसल नया वक्त कानून लागू रहेगा और प्रशासन इसके अनुसार का रवाई करेगा
07:28जिन प्रावधानों पर कोर्ट ने रोक लगाई है उन से जुड़े मामलों पर कारवाई नहीं हो
07:33इस वीज सुप्रीम कोर्ट में भी सुनूआई और भहसले चाहरी रहेगी
07:37सुनूआई पूरी होने तक कोर्ट का अंतिरिम फैसला लागू रहेगा
07:41कोट अंतिम फैसला सुनुआई के बाद सुनाएगा
07:44सुनुआई की बीश में नए आदेश या अन्रदेश भी जारी किया जा सकते हैं
07:48जब राजी ये तैकर लेंगे कि इसलाम का अनुवाई कौन है
07:51तब प्रावधानों पर दुबारा चर्चा हो सकती है
07:54फिलाल इस कबर में इतनाई अपडेट्स के लिए बने रही
07:57One India Hindi के साथ नास्कार
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