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क्या वक्फ कानून से मुसलमान हो रहे टारगेट? देखें 'दंगल'
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00:00आज का दंगल हम भारत के सबसे बड़े विवारित कानूनों में एक वख कानून पर करने वाले हैं।
00:08देश की संसत ने कई बरस की तैयारी बाचीत, जनसंपर्क और संसत की सैयुक्त समिती में चर्चा विमर्ष के बाद वख कानून बनाया।
00:18इस कानून को लेकर देश में संपरदाईक, राजणितिक, नैतिक और सम्विधानिक सवाल भी उठाएगे।
00:24तमाम विरोध प्रदर्शन हुए संसत अप रही सडकों पर भी कई प्रदर्शन किये जगे जगे जगे पर रैली कारेकरण तक हुए और फिर मामला सुप्रिम कोर्ट तक पहुंच है।
00:35सुप्रिम कोर्ट में दो-दो चीफ जस्टिस की बेंच ने जिस वफ कानून से जुड़े मामलों पर सुनवाई की थी, उसमें मौझूदा चीफ जस्टिस की तीन जज़ों की बेंच ने आज एक अंतरीम फैसला सुनाया हुए।
00:48ने वफ कानून को लेकर सुप्रिम कोर्ट में दस से ज़ादा राजनेतिक दलों, कुछ एंजियों और मुस्लिम संगटनों की ओर से 20 से ज़ादा याचिकाएं दायर की गए।
00:58इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रिम कोर्ट ने 128 पन्नों का अंतरीम फैसला सुनाया।
01:04इसमें 19 पन्नों में याचिका करताओं के वकीलों की दलील है, 34 पन्नों में सरकारी वकीलों की दलील है और इसके बाद अदालत ने वफ्क से जड़े पुराने 6 कानूनों का जिक्र भी किया हुआ।
01:17और मवजूदा वफ्क संचोधन कानून की 12 धाराओं की व्याक्या के बाद फैसला सुनाया हुआ है और वो फैसला ये है।
01:25और ये हैं, ने वफ्क कानून की धारा तीन खंड आर में जो वफ्क करने वाले जो पात साल पुराना प्रैक्टिसंग मुस्छीं होने की शर्त रखी गई थी
01:35यानि 5 साल तक अगर आप मुस्लिम धर्ग की प्रैक्टिस करते हैं तभी आप वफ कर सकते हैं प्रॉपर्टी ये जो नए कानून में रखा गया था उस पर अदालत ने कहा है कि जब तक प्रैक्टिसिंग मुस्लिम की पहचान के नियम नहीं बनते तब तक इस धारा पर रोक �
02:05लगा दी फिर नए कानून की धारा 3C की उपधारा 3 जिसमें नमित अफसर वक्त विवात की सूरत में संपत्ति को सरकारी मानकर राजस्व अभिलेक में सुधार करके सरकार को रिपोर्ट दे सकता था उस पर भी अदालत ने रोक लगा दी अदालत का कहना है कि ये सरकारी अ
02:35अभिलेक में जरूरी सुधार का निर्देश दे सकती थी ये प्राउधान भी स्थगित किया गया इसके बाद जो बड़ी आपत्ती थी जिसमें नए कानून की धारा 9 में केंद्रिय वक्त परिशत के सदस्यों का जिक्र किया गया था अदालत ने कहा है कि सेंट्रल वक्त का
03:0514 में जो राज्य वक्त बोर्ड के सरस्यों की नियूक्ति का प्राउधान किया था उसमें अदालत ने कहा है कि 11 में से तीन से अधिक गैर मुस्लिम सरस्यों का बहुमत होगा
03:20ने वक्त कानून की धारा 23 में जो राज्यवक्त बोर्ड का CEO यानि पदेन सचिव का जो पद है उस पर भी अदालत ने साफ कर दिया है
03:29कि ये CEO यथा संभाव मुस्लिम समुदाइस से ही होना चाहिए
03:34एक और एक बड़ी बात है सुप्रिम कोट ने अपने फैसले में ये बात कही है
03:39कि वक्त क्रिबूनल के फैसले और हाई कोट में अपील के फैसलों तक वक्त को किसी संपत्ती से बेदखल नहीं किया जा सकता
03:48यानि उस संपत्री से जो आमधनी होगी वो वक्ष बोर्ड के पास ही दी जाएगी
03:52नहीं राजस्वा और वक्ष बोर्ड के लैंड रिकॉर्ड में कोई तब दिली की जा सकेगी
03:57यानि जब तक फैसला नहीं होता तब तक उसका रजिस्ट्रेशन नहीं बदला जा सकता
04:01फैसला होने तक तीसरे पक्ष को भी दावेदार नहीं माना जाएगी
04:06एक तरीके से पार्लेमेंट आफ इंडिया का जो डिसीजन है उसको काहिम रखा
04:15एक जो प्रेक्टिसिंग मुस्लिम का जो मामला है उसको हम दो देखेंगे
04:19रूल्स में भी क्या उसका रखना है
04:22इस से साफ है कि जो कानून पारित हुआ वो कानून बैद है अब उसके कुछ प्रोविजन्स पे जो इस्टे किया है उस पे निश्चत तोड़ से
04:32सरकार उस पे विचार करेगी जो सुप्रिम कोट के फैसले उसके आलेक पर उसके कारवाई करेंगे
04:38सुप्रिम कोट के इस फैसले को लेकर दोनों ही पक्ष जीत का दावा कर रहा है
04:54सरकार कह रही है कि अदालत के फैसले ने कानून को लेकर फैलाए जा रहे दुश प्रचारों को ध्वस्त कर दिया है
05:00तो याची का कारता कह रहे हैं कि कलेक्टर राज और गैर मुस्लिम सदस्यों को लेकर अदालत ने उनकी आपती सही मानी
05:07अभी जो भी ने आले का जो फैसला है अम लोग स्वागत करते हैं
05:13अफ के अंदर नौन मुस्लिम को उन्होंने अलाउ कर दिया है
05:18ना तो यह इसलामे कानून नौन मुस्लिम जानते हैं और ना ही मुसल्मान हिंदू परसनल लाज को जानते हैं
05:28आज सर्वोष नियालय के द्वारा वक्त अमेंडमेंट एक्ट दो हजार पच्चीस पर जो भी इंट्रिम इंजेक्शन अड़राया है
05:36यह स्वागति होगे हैं सुकूम देने वाला है लेकिन मुकमल तौर से संतुष्ट करने वाला नहीं है
05:44नियालय द्वारा आज का जो फैसला है यह इस बात को साबित करता है कि यह फैसला जो मुदी सरकार ने
05:51मुसल्मानों पर ठोपने की कोशिश की थी लाजने कोशिश की थी दरसल यह मुसल्मानों के अधिकारों का हननों औरतिकरमरत था
06:00तो वफ संचोधन कानून को लेकर दोनों ही पाक्ष अपनी अपनी और से जीत का दावा कर रहा है
06:22लेकिन दरसल दरशकों को ये समझना जरूरी है कि इस वफ कानून को लेकर क्या कानूनी और समिधानिक सवाल उठाए गए थे
06:28और याचिका करताओं की क्या मांगते है अदालत के फैसले में जिक्र है कि तमाम याचिका करताओं की अरजियों पर गौर करने से पता चला
06:36इसकी सरकार ने जो वफ संचोधन कानून बनाया है वो समझना के अनुछे 14, 15, 19, 21, 25, 26, 29, 30 और 301 के खिलाफ है
06:49याने कुल मिलाकर उनका ये दावा था कि समविधान की कई धाराओं के खिलाफ, आर्टिकल्स के खिलाफ दर असल ये कानून बनाया गया है जिसमें आपको स्वतंतरता मिलती है आपके धारमिक फैसले करने की
07:01क्योंकि इसमें 1995 के कानून की धारा 3R, 3C, 3D, 3E, 9, 14, 23, 36, 104, 107, 108, 108A में संशोधन कर दिया गया था
07:16और ये तमाम संशोधन ने वफ कानून के सेक्शन 4, 9A, 4, 9B, 5, 10, 12, 16, 21, 43, 44, 45 के तोर पर रखे गए थे जिनको लेकर अदालत में चुनोती दी गई थी
07:31वफ कानून के खिलाफ अदालत तक पहुंची तमाम 21-22 अर्जियों की शुरुआती परक्त के बाद सरवच्चा अदालत के मुक्य नयादिश वाली तीम जज़ों की बेंच ने तीन मुद्दों की पहचान की थी
07:43पहला वक्त बाई यूजर के प्रावधान को खट करने को चुनोती दी गई थी याने वक्त अगर कोई इस्तमाल कर रहा है कोई जमीन या कोई संपत्ती तो वो वक्त बाई यूजर के तोर पर वक्त की प्रावपरटी माना जाता था इस प्रावधान को खट कर दिया गया थ
08:13शामिल करने के प्राधानों को भी चुनोती दी गई
08:16अदालत ने वफ्सक से जुड़े भारत में बनाये गए अब तक के तरह तरह के कानूनों
08:22और सम्विधानिक अधिकारों और मुल्यों की परक के बाद जो फैसला दिया है
08:27उस फैसले से ये भी साफ हुआ कि नया वक्त कानून पुरी तरह गलत नहीं है
08:32यानि जो दावा पिटिशनर्स के तरफ से किया गया था कि पूरी तरीके से ये कानून रद होना चाहिए वो नहीं माना है
08:40राजनितिक फाइदे के लिए प्रचारित किया जा रहा था ये भी अदालत नहीं माना है
08:45अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि वक्त वही कर पाएगा जो उस संपत्ति का मालिक होगा
08:53यानि आप पहले उस संपत्ति आपके पास होनी चाहिए तब ही आप उसको वक्त कर पाएगा
08:58यानि नए कानून की धारा तीन आर सही है
09:01अदालत ने माना कि वक्त वाई यूजर के प्रावधान का दुरुप्योग हो रहा है
09:05इसलिए इससे खट किया जाना चाहिए
09:07यानि नए कानून की धारा तीन आर एक को सही माना है
09:12लेकिन उसके बावजूद ये भी कहा गया है कि
09:14एक अपरेल दोजार पच्चीस तक जो रजिस्टर्ट वक्त वाई यूजर प्रावधान प्रापरटीज है
09:20उन्हें उसे टच नहीं किया जा सकता
09:22इन्हें रिट्रोस्पेक्टिवली पहले से ये धारा लागू नहीं होगी
09:26अदालत ने कहा है कि सरकारी जमीन को वक्त कोशित नहीं किया जा सकता
09:30इसलिए नए कानून की धारा तीन सी एक और दो ये भी सही है
09:35अदालत ने ये भी माना कि सौरक्षित धरोहर वक्त नहीं हो सकता
09:40इस तरह नए कानून की धारा तीन डी भी सही है
09:43फिर अदालत ने ये भी कहा कि ट्राइबल या शेडूल इलाके वक्त नहीं होशित किये जा सकते
09:50याने नए कानून की धारा 3E भी सही माना गया हर वफ का रजिस्ट्रेशन जरूरी है और वफ का लिखिड डीड भी होना चाहिए
10:00याने कानून की धारा 36.1 और 36.1 A ये भी सही माना गया
10:06एक और बड़ी बात है कि अगर कलेक्टर रिपोर्ट देता है कि जमीन सरकारिया विवादित है तो इस संपत्ती का वक्फ रेजिस्ट्रेशन रुख जाएगा याने नए कानून की धारा 36.7.A भी बिल्कुल सही माना गया है
10:22इसी तरह अगर वक्फ संपत्ती गोशना के 6 मेने के अंदर वक्फ बोर्ड में रेजिस्टर नहीं होती है तो अमान्य हो जाएगी याने लिमिटेशन एक्ट भी याने धारा 34.10 भी बरकरार रखी गई है
10:35इसी तरह गैर सरकारी वक्फ नहीं कर सकता याने धारा 43.10 भी बरकरार रखी गई है
10:41और सबसे बड़ी बात नए कानून की धारा 44 के तहट वक्फ के विवादों में केस दायर करने के लिए लिमिटेशन एक्ट लागू रहेगा
10:50याने तैय मियाद के अंदर ही आप मुकद्बा कर सकते हैं
10:54और अदालत ने ये भी कहा है कि इस कानून का कोई प्राहधान रिट्रोस्पेक्टिव एफेक्ट याने पीछे के समय से लागू नहीं होगा
11:03वफ वाई यूजर के मामले में भी अदालत ने यही कहा है
11:06तो यह सारा मामला है और इसी पर आज के दंगल में हम चर्चा करेंगे
11:10हमारे साथ विशेश महमान है
11:11वफ कानून के बहान है पॉलिटिकल स्कोरिंग करने वाले विपक्षी दलों के नेता भी हमारे साथ इस वक्त पोजुद है
11:18तबा महमान हमारे साथ जुड़े हैं उनसे भी हम बात करेंगे
11:21और ये भी जानने की कोशिश करेंगे कि आखिरकार वफ कानून में किसकी जीत हुई है
11:26हमारे साथ प्रदी भंडारी है भारतिय जनता पार्टी के प्रवक्ता है
11:29प्रफेसर रतनलाल कॉंग्रेस के प्रवक्ता हमारे साथ जुड़ रहे है
11:32अब इक जमाई समाजवारी पार्टी के प्रवक्ता हमारे साथ जुड़ रहे है
11:35मुप्ती शमून कास्मी ये प्रेसिडेंट है उत्तराखंड मदर्सा शिक्षा परिशत के
11:41और प्रोफिसर संगीत रागी पोलिटिकल एनलिस्ट वो भी इस चर्चा में शामिल होंगे
11:45तीन सवालों के साथ हम इस चर्चा की शुरुबात करना चाहते हैं
11:48पहला सवाल होगा क्या वक्त कानून की समविधानिकता पर उठे सवालों को सुप्रिम कोट ने सही माना है
11:55कई धाराओं का उलनंगन समविधान की किया गया या आरोब पेटिशनर्स की तरफ से लगाए गया था
12:00दूसरा सवाल क्या पुराने वक्त कानूनों में कई गैर समविधानिक प्रावधान रखे गये थे
12:05क्या राजनेतिक फाइदे के लिए नए वक्त कानून के खिलाफ दुछ प्रचार किया गया
12:10क्योंकि अदालत ये कह रहा है कि इस कानून को हम रद नहीं कर सकते
12:14लेकिन कुछ धारा इस कानून के भीतर है उसको लेकर अदालत ने उस पर स्टे लगा दिया
12:19तो इन तमाम सवालों पर हम चर्चा करेंगे लेकिन इससे पहले
12:23सुप्रिम कोट ने जो इंटरीम आदेश दिये हूँ है उसमें कई सारी चीजे इस कानून की मान ली गई है
12:33लेकिन उसके साथ-साथ कई चीजों पर रोग भी लगा दी गई हमारे साथ में जॉइन परलिमेंटरी कमीटी के चेर्मन जगदबिकापाल जी इस वक्त मौझूद है
12:42सबसे पहले जगदबिकापाल जी जो आपके जॉइन परलिमेंटरी कमीटी का जो रिपोर्ट आया था
12:49उसमें कुछ चीजे मानी थी आपने लेकिन कई सारी चीजे जो मानी नहीं थी उस पर भी आज सुप्रिम कोट की टिपनी है
12:55सबसे बड़ी बात तो कलेक्टर को जो पावर दी गई थी जो बात को ले कर विपक्षी सांसत्स वाल उठा रहे थे
13:01आज कोट ने कलेक्टर के पावर पर रोक लगा दियूँ और कहा है कि सुप्रिम कोट का ये कहना है
13:07कि जो ट्रिबुनल कहेगा जी हो जो कानूनी प्रक्रिया होगी उस ते हिसाब से होगा लेकिन कलेक्टर को ये पावर नहीं होगी कि लैंड डिसाइड करने को लेकर उसको लेकर आपकी क्या प्रतिक्रिया रहे हैं
13:17कि जो हमने अमेंडमेंट किया है और ये कहना आज भी इस फैसले के बाद विपक्ष के नेताओं का इलकुल उचित नहीं है
13:27आप ने देखा होगा और आपके रिपोर्टर्स ने देखा होगा कि हमने 36 बैठकें दिल्ने में किया जॉइन पार्लिमेंटी कमिटी और जो भी बैठक होती थी 11 बिजे से शुग होती और साम को साथ में तब
13:40ये कहना कि विपक्ष के पार्टियोंग दौर आज ये प्रत्क्रियाविक करना हमारी बात सुनी नहीं जी
13:4836 बैठक आज तक कि इतिहास में किसी जुआइन पार्लिमेंटी कमिटी की 6 मेहने में नहीं
13:54और कोई बैठक साथ गंटे, आठ गंटे, नो गंटे चलती जी
13:58कभी कभी बीच में अगर ऐसी इस्तिती तनावपूर भी हो जाती थी, तो साथ 10 मिनट बाद अस्त्कित हो करके फिर हम बैठक करते थे, बैठक बहुत ही कॉडियर धंग से हुआ, बैठक के बाद इस तरह से हमारे सांसत, चाहे
14:12कॉड्रेस-पार्टी के रहे हो, चैर्वी तिर्मूल कॉड्रेस के रहे हो, कल्यान बिन जी रहे हो, वैसी की रहे हो, संजैसिक रहे हो, इमेरान मसूद रहे
14:37आपको याद होगा कि बारावेंसिव चर्चा के बावजूद सूप्रिम कोट ने जो दो एहम पहलू है इस पूरे कानून के सबसे बड़ा पहलू जिसका मैंने इससे पहले जिक्र किया था कि कोई सरकारी कलेक्टर इस बात को तै नहीं कर सकता कि कोई लैंड ये वक्त की लैं
15:07को लेकर सुप्रिम कोट ने कहा है कि वो अधिकार उनके पास नहीं है क्योंकि conflict of interest होगा उसके साथ-साथ और एक चीज़ पर सवाल उठाए गये थे कि पांथ साल प्रैक्टिसिंग मुस्लिम होने चाहिए उसको लेकर भी कई सवाल विपक्षी सांसुद ने उठाए थे और
15:37से सिंग मुस्लिम तैय करने के लिए पात साल का जो मुद्दा रखा गया था इस अमेंडमेंट कानून में उसको भी सुप्रिम कोट ने रद किया हुआ है एक तो मैं इसमें कह दू हूँ कि जो आज सप्रिम कोट का फैसल आया है यह जो सर्वोच न्याले का आदेश है कि सि
16:07में कुछ उन्होंने इस्टे किया है आप ही मैं एक सवाल आप से पूछ दू कि हर डिस्टिक में अगर आपके घर में गाउं में आपकी लैंड होगी तो इस लैंड का कस्टोडियन कौन है सारी सरकारें आती रहती जाती रहती है कोई ब्योस्ता बदलती ही रहती है लेकिन �
16:37सुप्रिम कोट ने कानून को स्थगित नहीं किया हुआ है उन्होंने यह नहीं कहा है कि कानून को स्टे देना चाहिए कानून अपने अपने जगे पर ठीक है लेकिन उस पे कुछ प्रावधान जिसको लेकर विपक्ष खास करके विपक्षी सांसत इस बात को लेकर कई सवा
17:07या फिर मुसल्मानों को अपने बावरे में डिसिजिन्स लेने के फैसले लेने के अधिकार होने चाहे और इसलिए सुप्रिम कोट ने कहा है कि वक्त काउंसल हो या बोर्ड हो उसमे तीम या चार से ज़ादा गैर मुसलिम नहीं हो सकते हैं
17:21बहुमत मुसल्मानों का होगा, जो CEO होगा, वो भी मुसलिब होगा, ये भी बात आज सुप्रिम कोट ने साफ़ शब्दों में कह दिये, पहले भी बहुमत नहीं था, अगर आप देखें, मैं एक तो कह दू, ये जो आज सुप्रिम कोट का भी फैसला है, ये लोकतंतर के लि�
17:51उकाने खड़ी हो जारे, जो वक का परपज है, कोई भी, कोई भी जो मुसल्मान अपनी संपत्ती को इसलिए वक करता है, कि हमारी संपत्ती का फाइदा किसी आर्फन को, गरीब को, अनात को, विडो को मिले, क्या आप अपने सहर में कहीं देख रहे हैं, आखिर आज ये जो
18:21परपरटी पर अथिकरमण हो रहा था, उस वक्त की प्रपरटी के अथिकरमण को रोका जाए, और उस वक्त की प्रपरटी का एकदम ध्यू धंक से उसका रिजिश्ट्रेशन किया जाए.
18:32तो जगदमबिका पाल, जिनके पर जिम्मेदारी थी, जॉइन पार्लमेंटरी कमिटी की, उन्होंने अपनी रिपोर्ट पेश की, और उस अमेंडमेंट्मेंट्स के आधार पर संसद में ये बिल पारित किया गया था, लंबी चर्चा संसद के भीतर भी होई थी, लोकसभा
19:02गई है, यानि कुल मिलाकर सरकार का कहना है कि जिस तरीके से कानून पास हुआ है, अदालत को भी लगता है कि इस कानून की जरूरत है, ये बाट ठीक है कि उसमें से कुछ प्रावधानों पर फिलहाल एक रोक लगा दी गई है, लेकिन उसके बावजूद सरकार जीत का दा�
19:32मैं ये समझता हूँ कि इतनी ट्रांस्परेंसी की बात हो रही है बक बोर्ड में और तमाम, ट्रांस्परेंसी तो डिमक्रिसी में होना ही चाहिए, हर इंस्टिटूशन में होना चाहिए, हर जगा होना चाहिए, इससे कौन इंकार कर सकता है, लेकिन जहां परधान मंतरी जी
20:02है सिब्ल कोडぎशनु सिविल कोड़ नगके मुसलमान में और कोई समच्चा नहीं
20:09बेसिकली जैसे किसानों के लिए तीन कानून लाए थे और
20:14यह करने कानून का पूरा परपस यह था किसानों सवाज लिए दर्षों भी यहां
20:22धरना पर दर्शन चला और किसानों के दवाव में मुदी साहब ने कानून को वापस ले लिया उस कानून का पूरा परपस यह था कि किसानों के जमीन लेके कॉर्परेट को दिया जाए और वक बोट जो कानून आ है 2025 लगातार इसमें हम लोग बात चित कर रहें उसका परपस �
20:52उफिस कहां पे है जरा सरकार सर्वें तो कराय कि अतिकरमन कहा हो रहा है कोई डेटा तो हो बीना डेटा के सारे कानून बनना है सिर्फ तार्गेट में मुसल्मान है कि बंगला है कब जा करना उसको कॉर्परेट को देना है
21:05इस कानून का परपस यही था और मैंने जो भी अंतरीम आदेश आया है मैं पढ़ा हूं उसको मिलाजुला के आप सब बात करेंगे ही यह सरकार की हार है जो ट्रांसपरेंसी की बात होती है कि ट्राइबल लैंड शिडूल लैंड यह सब नहीं हो सकता तो अच्छी बात है न व
21:35मुख्या अक्षे पिये था कि सम्विधान की कई सारी धाराएं हैं उसका उलंगन इस कानून के तहट हुआ है 14 15 19 26 29 30 30 30 कुल मिलाकर यह बात रखने की कोशिश की गई थी कि धारमिक्स वतंतरता को यह कानून चैलेंज करता है कही न पर रोक लगाने की कोशिश करता है उनक
22:05अदालत यह भी कहता है कि हाँ उसका गलत इस्तमाल हो रहा है यह बाट ठीक है कि उसका रिट्रोस्पेक्टिव यह लागू नहीं होगा लेकिन उसके साथ-साथ रेजिस्ट्रेशन जरूर करना पड़ेगा यह नहीं हो सकता कि आप रेजिस्ट्रेशन नहीं कर रहे हो आपक
22:35तो वक्त की प्रॉपर्टी थी और आज यह कोई और इस्तमाल कर रहा है तो यह भी बात यहां पर देखी गई है याने सारी की सारी बाते आपकी नहीं मानी गई है यह भी इसमें साफ नज़र आता है
22:45कोई भी सेंसिबल व्यक्ति इंसान या कॉम्मिनिटी वो ट्रांस्परेंसी खिलाफ कौन हो सकता है रूल आफ लॉल लागू हो इसे खिलाफ कौन हो सकता है नहीं हो सकता है लेकिन वहीं बात है कि यह जितना आया है इसमें तो कि मुस्लिम समुदाय ने तो विरोध नहीं किया
23:15लाज जाए मैं बार बार इस सवाल उठा रहा हूं कि देश में भुकमरी ब्लिजगारी कोई समस्मस्या नहीं होते जा रहा घृत कोई समस्या नहीं इस जतने कानून ला रहे है कानून देख हलाल जटका है कानून ला देंगे
23:30एक कमिनिटी क्यों है जिसकी संख्या भारत में सबसे जाधा दुनिया के जितने मुस्लिम देश में संख्या उस से जाधा यहाँ पे है पाकिसान मुस्लिम यहाँ पे रहते हैं तो वो टार्गेट यह sedan
23:46मुटूटीब को समधे जिनरिक चर्चा है ये तो प्रफेसर
23:48रतलाल ये जनरिक चर्चा तो हम कर सकते हैं और बाकी कई सारी
23:51चर्चा इसको लेकर होसकती है या आज का मुदध हैं
24:12ठीक है ठीक है राम जनम भूमी बाबरी मजीद में जो फैसला आया था उस सम्विधान सम्मत था क्या आज कोट कम से कम इसमें खुल के खुले दिमाग से बहस हो रही है और जो आपने पढ़ा मेरे पास भी दस्तावेज हैं और इसमें कोई दिक्कत नहीं अगर मान लिजे कि �
24:42तो उस वक्त तो कॉंग्रिस पार्टी ने कहा था कि जो फैसला आया हुआ है उसका हम सागत करते हैं और आगे बढ़ते हैं करके लेकिन अगर उसको लेकर आप कुछ और कहना चाते हैं तो बात अलग है आज तो हम वक्त कानून को लेकर बात करेंगे अगर आपको लगता है
25:12विपक्ष को खास करके लगता है कि पूरी तरीके से उनकी हार नहीं हुई है लेकिन ये बात भी सही है जो मैं जगदबिका पाल जी को पूछने की कोशिश कर रहा था प्रदीबंडारी कि सारी बाते आपकी भी नहीं कहीं सरकार को भी कुछ चीजे समझनी चाहिए जो वि�
25:42के कलेक्टर के पास जो आपने अधिकार दिये थे उसको लेकर खास करके विपक्षी दलों का बड़ा सवाल था यह conflict of
25:49इंट्रेस्ट हो जाएगा यह भी बात पहले कही गई थी लेकिना सुप्रिम कोट से आपको सुनना पड़ा कि नहीं कलेक्टर इसका फैसला नहीं कर सकता यह ट्रिबिनल के पास जाएगा
25:56कॉंग्रेस पार्टी के प्रवक्ता ने प्रभूज जी राम के मंदिल बनने पर सुप्रीम कोट के प्रैसले का बुरूब किया है
26:08मैं बापस से आज तक के मन्ठ के कहना चाहता हो और बापस अगर इस किप को आज तक ने करे यह बहुत बड़ी बात है
26:15कॉंग्रेस पार्टी कोट करती है कि प्रभूज ली राम का मंदिर के ओपर जो सुप्रीम कोट का जज्जमेंटा वो गलत सा
26:41कॉंग्रेस पार्टी अभी इस्ती हिंदों से नफरत करती है कि अभी तग जो सब्सक्राइब के तक इनों नहीं बार्भूज नहीं दने दिया
26:49और मंदिर बंगा तो उस पहसले का अभी तक यह विरोज कर रहे है कि हिंदू विरोजी लोग है
26:55अब मैं आपके पैसले पर आजाता हूँ मूल काट क्या साथ जाएंगी आप जाहिए कपिल चिबन से लेकि जितने भी कॉलरेस के निटा से समाज़दी पार्टी के निटा थे वो क्या क्या क्या थे
27:03कि वख का एक्ष रहों संवेधानिक साहिए सुप्रीम पाइस ने कह outer पर चा है जाए हैंgebयोित आदीवासी तो भांक आजाता i
27:27तो अगर श्रतार में जाम टी की शर्कार्ट में लुवन्युटिके जीत है.
27:29ज़ूसरा, हम चाहते हैं कि प्रडेक्टिव ओर्म्यूमेंट्स को बस नहीं का जा सकता है.
27:33प्रडेक्टिव बातना मुझी जीत है.
27:38हाँ अगर तो अगर अगर शर्कार्ट करेंगे,
27:43तो वक्त आप आप जो बात पी वही है कि पांसार फ्लैक्टिसिंग मुष्मिंग का इसको भी कोट ने आर्बिट्री नहीं का है
28:00कोट ने काहा है कि इसके उपर आप कानून बनाएगा तो इसका आप लादू कर सकते हैं
28:06तो इसको इसको इसको इनवालिडेट नहीं किया है
28:08नेट ना जातों वक्त वाइउजर का सवर्चन कर रही थी
28:13आप कोट के ओडर से पढ़िए पेड़ा नंबर बन किसी
28:16कोट यह कहता है कि सरकारी जमीन के उपर वक्त का जो कबदा होता है
28:20अगर उसकी जमीन पर वक्त करता है
28:28तो इसको प्रवाच सकती है
28:30तो यह वह कह प्यार है
28:32लेकिन प्रदी पंडरी यह बात जरूर कही है
28:35लेकिन उसके साथ-साथ अधालत ने ये भी कहा है
28:38कि जो कानून के तहत आपने जो कलेक्टर को अधिकार दिये थे
28:42यह तै करने का यह पर्टिकुलर जबीन सरकार की है या वक्त की है वो भी सरकार वो भी अदालत में खारिज करने हैं कि यह तै कर सकता का कॉलेक्टर का कॉंफिक्ट ऑफ इंट्रेस्ट हो सकता है और यह बात भी पक्षिसांसव दोने रखने की कोशिश की
28:56साइन जी साइन जी नहां रहा हूं मैं कॉलरेस्ट वाज़ी के जैसे गुमावल लाली कुकि इनने पड़ा नहीं है यह बिल्कुई बात आपकी तीक है तो यह प्रोसीजर रेंग है एक प्रोसीजर रेंग है तो मतलब क्या हूँ अगर माल लीजिए कोई डिस्टीटिट प्र
29:26तो दिक्त था है नहीं हम तो इस बात सब रिरेंग कर रहे ते कि प्रिजूनर इसके फाइनल अर्विट्रेटर अज़्मेंट नहीं है तो यह बात को लेकर है आज के फैसले के बात जो सरकार के तरफ से कहा गया है
29:54उनका यही कहना है कि उन्होंने इस बात का कभी रिरोधी नहीं किया था कि वक बोर्ड के भीतर गेर मुस्टिमों का भाएमत होगा यह बात ऑबबार माग रही है कि मुसल्मानों को अपनी बाते तैकरने का इधिकार होना चाहिए
30:08सुप्रिम कोट ने यह बाद जरूर माना है
30:10लेकिन कैप लगाई है
30:12अभी भी तीन गैर मुस्लिम हो सकते हैं
30:14और चार गैर मुस्लिम हो सकते हैं
30:15जो सेंटल जो बोर्ड होगा उसके बीतर
30:19साहिल भाई दिखे
30:24सब्सक्राइब का जब लगाई तो हम लोगों को भी इसमें शामिल होने का मौका मिला
30:30आज जो वख संशोदन अधिनियम 2025 पर सरवश न्याले ने जो एंटरिंग फैसला दिया है
30:35इसने पूरा एंडिये का जो मुस्लिम प्रेम है सोगॉड मुस्लिम प्रेम उसका धुवा निकाल दिया
30:41उसकी हुआ निकाल दिये मिरे नेतभ बोर्ड शादव जी पहले दिन से वह यह जह पूर जो यह वाफ का जो अमिंड्मेंट है
30:53कि अदिनापनिक की निगाएं वकफ बोट की जो भी जमीने मुसलमानों की जमीने उसको कभजा करके वो इस देश के कॉर्पेट्स को बिल्डरों को बेचना चाहते हैं अरे यह राममंदिर में प्लाटिंग करके उसकी जमीनों का कितना हेर फेर हुआ हमारे मुकमंती जी ने �
31:23का होता है बीजेपी का डियम है तो डियम रही सी बात है वो फैसला कर देगा सरकार के हक में तो यह जो सबसे बड़ी बात है कि जो कलेक्टर राज पे जो बहुत लगाया है इसके लिए हम माने सरुप्रिम कोट के यह भी कहा है कि एक अपरेल दोजार पच्चीस तक जिनका
31:53पड़ेगा सर्ण होगा आप तो बहुत जनकार है डिस्टिक मजिस्टेट और लेडी डिस्टिक मजिस्टेट बाइड डिफॉल्ट वफ कमिशनर होता है किसी भी जमीन को सर्वे सर्वे करने के बाद उसका रिजिस्टेशन का प्रॉसेस होता है हम यह उमीद करते हैं कि ज�
32:23लग गया अब 14-15 में अगर आपको दोबारा से सारे रिकॉर्ड करने हैं तो जायर सी बात है कि हमानी सर्वेश नियाले से उमीद करते हैं कि उन्हें समय मिलेगा दूसरी बात एक चिंदा क्या विशह यह है कि देखिए आपने तीन मिंबर्स को नॉन मुसलिम को रखने की �
32:53और बुद्धिस्टों में नॉन बुद्धिस्ट लोगों को भरके अमीद जमेजी आपको भी पता है कि जो यह तिन गैर मुस्लिम सर्वेश से हो सकते हैं यह सरकारी अधिकारी हो सकते हैं यह बात भी तो है ना उसमें जरूरी नहीं है कि वो मुस्लिम हो बाप नहीं हमारा
33:23अगर डीयंम मुसलुमान हुआ डीकिए डीयंम उसका केटेकर है डीयफ मुसलुमान हुआ तो दीयूम नीचे का जो एक हिं्दू भी हो लेकिंगे लिग मुसीष करेंगे
33:38आप इसे बिहार या बाकी जगे के जो कानून पूरी तरीके से अलग है जो ट्रिबुनल वहाँ पर बनाए गया है जिस तरीके से कौशी जुडिशल अधिकार उनको दिये गए है उस तरीके के अधिकार बाकी ट्रस्ट को नहीं है
34:03मैं साहिल जी साहिल जी मैं इसले चीओ रहा हूँ क्युकि ये जमीने मसलिमानों की दान की हुई जमीने ये मुसलिमानों की अपनी जमीने säger
34:14और 7% इसके लिए मुसलिमान भारत सरकार को एक फीस पे करता है सालाना
34:20सारे ITR जमा होते हैं एक एक चीज का रिकॉर्ड होता है
34:23और वकफ बोर्ड ऐसा तो नहीं कि वो भारत सरकार का बोर्ड नहीं है
34:26भाई प्रिंस्पल लेवल का सेकेटरी भारत सरकार का है
34:29उसी के अंदर ये आइमिस्टेट होती है
34:31क्योंकि ये रिलिजिस मामला है तो अगर को जियो होता है
34:35उसके बात ने संगीत रागी जी के पात जाना चाहता हूँ
34:38जल्दी से प्रदीब बंडारी
34:39साहिल जी आज ये बात कर रहे हैं
34:43कि अगरी पाटी केमिसा प्रदी प्रदी प्रदी नाइख कर नियुक्त करने था रहे हैं
34:57तो बात यह तो यह पर नॉन बुसल्मान दी है
35:00इसी देखा लिए और वज़िज़ा इंडॉलमेंट बोड नहीं है
35:04वज़िप पर प्रप्रेशेंट करने वाला नहीं है
35:06वह एक लाइन डोनर्शिप्स की बात है और इसको आप काशी में चुना चेह किसी मंदर या किसी गुरुदवारे समझ नहीं करिए यह लाइन डोनर्शिप्स की बात आती है दूसरी बात लोगा उपनी रापस से पहुना साहिए जी क्या समाज भी पार्टी ने यह साहता कि व
35:36मैं बहुत साथ कहना चाहता हूँ मेरी पार्टी की तरफ से मानी इफलेश अदोडी की तरफ से कि हमारा सुप्रीम कोर्ट का जो यह एंटरिम आदेश जो आया है ओडर हम इसका समान करते हैं लेकिन हम आपको पदीब बंडारी आप भी रहोगे इस बात को नोट कर लेना न
36:06कोर्ट के फैसली के बार क्या इस बहस पर रोक लख पाएगी क्योंकि अभी भी यह बहस इसी तरीके से जारी है दोनों पक्षों से जीत के दावे किये जा रहे हैं प्रोफिसर रागी
36:16साहिल सबसे पहले दो तीन बात तुझे उठाए उसका मैं जवाब दे दू तो इस प्रस्ण का भी उत्तर उसमें मिला महुशारे प्रश्णों का उत्तर प्रदी बंडारी ने दे दिया है लेकिन सीख इस देश में लैंड जहाद नहीं करता है जैन और बौद इस देश में
36:46आठ लाग एकड़ नौ लाग एकड़ की जमीन जो है दान की हुई जमीन नहीं है यह हड़पी हुई जमीन है लोग सभा के पटल पर ग्रिवमें तर नहीं किया तरफ से
37:08अगर आपके पास कोई कागजात है आपके पास कोई नंबर से तो बता लिएगा डिक्ता ये बिल में दावा नहीं किया गया है लेकिन जो परलेमेंटरी कमीटी की जो रेकॉर्ड है उस भी आप प्रोशिडिंग्स में इसकी चर्चा जरूर आई है और जगदंबी का पाल से �
37:38कि देखें कलक्टर्स जो है वो लैंड का कॉस्टोडियंद एक धन से सबके लिए देखता था सिविल मैटर्स में मुसल्मानों को ही एक अलग सिक्क्यों इस प्रकार के एक अधिकार दिया जाए ये बहुत महत पूर्ण था और दुरभाग्य है कि सुप्रिम कोट ने इस च
38:08उसको आप ट्रिबनल वक्फ ट्रिबनल मत बोलिये उसको बोलिये मुसलिम ट्रिबनल क्योंकि यदि बाइस में से तीन के अत्रिक्त बाकी सारे मुसल्मान होंगे तो यही तो दिक्कत थी कि वो सारे के सारे फैसले जो है वो मुसल्मानों के पक्ष में दे दिया करते थे ये
38:38बिल्कुल नहीं हुए एक सेट और सुन लेजे सुन लेजे सुप्रिम कोट इस बात का भी तो खयाल रखा है ना आर्टिकल की धाराओं के तहत आर्टिकल 26 आर्टिकल 29 उसी के तहत अधिकार होता है अलपसंख्यांकों को धार्मिक अपने फैसले लेने का अपनी प्रॉपर्�
39:08अपनी संपत्ति को मैनेज करने का उसको अधिकार है दूसरी संपत्ति पर दावा करके हड़पने का अधिकार उसको नहीं है आर्टिकल 26 के अंदर ठीक है ध्यान रखिएगा अमिक जमाई गल्दी से जवाब देना चाहते हैं तो वह रिलिजियस बोड जो है उसको मैनेज क
39:38सप्रिम कोट के अंदर तुसार मेता जिने स्वें कर लिया कि वो जो है वो पिछले के डेट से हो रिट्रोस्पेक्टिव लागू नहीं होगा उसी बात को सप्रिम कोट ने आधो रा दिया है यानि
40:03कि जो पाले से कब जा है ज़रूर इसमें राइडर लेकर किया है कि उसको उसका जो है वो रेजिस्ट्रेशन करना पड़ेगा लेकिन जो पाले से लेंग ज़रूर संगित बाइड चौदा से सत्रा से बीजेटी की सरकार है
40:1814 से 14 से मरकज में और 17 से सूबे में 13 पार्टी की सरकार है वकफ बोर्ट का जो मेंबर बनता है वो सी चीफ मिस्टर की आफिस से बनता है माइनोटरी अफेर के जरीए
40:32Tribunal का जो appointment होता है
40:34जो भी उसके judges appointment होते हैं
40:35जो भी member appointment होते हैं
40:37वो मुखमंतरी का दफ्तर via law department करता है
40:40तो इसमें बताईए ये Muslim vote कैसे हो गया
40:42और दूसरी बात
40:43जितने सर्वे हुए हैं
40:45किसी भारत सरकार के सर्वे में
40:47इसमें इरानी और हमारे नकवी साहब
40:49जब minority of air minister थे
40:51ऐसा कोई record नहीं आया कि
40:53मुस्लमानों ने यहां से इतनी जमीन से
40:55इतनी बढ़ा के कब्जा कर ली
40:56संगी जागी भाई जूट हमत बोला करो
40:58थोड़ा सा पर लिक का तत्थों पर आया करो
41:00मुफती शमूम कास्मी जी
41:02जूट बोलते हो याद इस फैसले को लेकर आप संतुष्ट है क्या जो मुद्धे आपने उठाए थे उन
41:08मुद्धों का जवाब आपको इस फैसले से मिलाए क्या फिलाल या
41:10इंटरीम फैसला है आपकी प्रतिक्रिया साहिजी
41:14साथ साल कॉंग्रेस का कारिय काल रहा और इन ग्यारा सालों के अंदर देश के परदान
41:24मंत्री श्री नेंद मोदी जी ये एक साहा सी फैसला किया और उनके माइनेटी अफेर्स मिनिस्टर किरुन रिजी जी जी ने इस पर जो कारिय किया है वो बड़ी
41:34аются साथ साल के अंदर गरीबों के लिए वख्फ की गईती है समपत्ती क्या आप इन से सवाल करेंगे क्या उन गरीबों पर खर्च हुई अगर उन गरीबों पर खर्च होती पहले
41:46कि जो मुस्लिम लिडर्शिप थी उसने उन्हें गरीब बनाया उनके लिए कोई कारिया नहीं किया और इन तथाकतित मैं कॉंग्रेस को सीधा मैं इस बात को कहना चाहता हूं और तथाकतित जो यह सेकुलर मुसल्मानों के वोट लेने वाले इन्होंने उन्हें वोट बैंक ब
42:16सबसे लाश्ट में आपने लिया है मुझे पूरी बात केने लिए आज साथ साल के अंदर जिन प्रोपर्टियों को बरबाद किया है क्या वो कॉंग्रेस का लंबा कार्यकार नहीं है और आज अगर इन ग्यारा सालों के अंदर परधान मंतरी ने निने लिया कि हम गफ संपत
42:46पुस्त आज़ी साल में कितनी संपतिया वापस आ पाई कितनी संपतिया रिजिस्टर कराइं गई जरा उसका अकड़ा अगर होगा उत्राखन का अकड़ा हुगा तो दे दीजेगा
42:54मैं आपको यह बता रहा हूँ अभी उत्राखन की बात में कर रहा हूँ यहां हमारे माने मुख्यमंतरी पुष्कर सिंग धामी जी ने सीधा एलाम किया है कि वो किसी भी इस करप्शन को बरदाश्ट निंग करेंगे अब यहां आगे प्रोफेसर रतनलाल मुझे आप से एक सं
43:24साहिल ने ने पहले आर्गमेंट को हिंदू हिंदे समराट बैठे हुए ना इनसे पूछे कि हिंदू टेंपर ट्रस्ट में कितने दलित बैकवर्ड हैं कितने ट्राइबल हैं जो भी हिंदू हैं इंसे पूछ लिजे जरा पहले
43:38चलिए मेरा समय खतम हुआ है बाफ करिये रतनलाल जी की मैं आपको बीच में काटना पड़ा है लेकिन समय पूरी तरीके से खतम हुआ है आज इंकरीम फैसला सुप्रिम कोर्ट से आया हुआ है लेकिन ये बहस खतम नहीं हो रही है अभी भी ये अंतिम फैसला आना बाकी है
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