सवाईमाधोपुर. सड़कों के बीच बने गहरे गड्ढे तो कहीं टूटी पुलिया तो कहीं उखड़ी रोड। कुछ इस तरह के हालात जिले में बारिश के चलते टोंक-चिरगांव राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 552 के हो रहे हैं। जगह-जगह क्षतिग्रस्त सड़क और पुलिया ने वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिए हैं। कई जगह चार पहिया वाहनों का निकलना तो दूर दोपहिया वाहनों से भी निकलने में खतरा बना हुआ है। अब एनएच की ओर से इस हाईवे के 41 किमी. सड़क के हिस्से को लेकर 36 करोड़ का प्रस्ताव भिजवाया है।
वन विभाग की एनओसी का अड़ंगा एनएच की ओर से इस पूरी रोड के जगह-जगह से खराब होने पर 41 किमी. सड़क का 36 करोड़ का प्रस्ताव बनवाया है। इसमें कुछ हिस्सा एनएच-23 का भी है। वहीं यह कार्य पालीघाट तक करवाया जाएगा। हालांकि इस सड़क का कुछ भाग वनविभाग क्षेत्र में आता है। ऐसे में एनएच को एनओसी में भी परेशानी आ रही है। इसके चलते बोदल पुलिया को नए सिरे से फिर से बनाने की अनुमति नहीं मिल पा रही है। रात में ज्यादा जोखिम भरा सफर सवाईमाधोपुर से श्योपुर के पालीघाट तक जाने वाले इस एनएच पर दिन से ज्यादा रात में खतरा बना हुआ है। सवाईमाधोपुर शहर में लटिया नाला की पुलिया के ऊपर बनी रोड जहां क्षतिग्रस्त है तो श्योपुर-खंडार की तरफ बढ़ने पर कुशालीपुरा दरवाजा पर इस सड़क की पुलिया दोनों तरफ से टूट चुकी है। यहां सड़क धंसने से वाहनों के निकलने में भी खतरा बना हुआ है। वहीं आगे चलकर यह रोड बोदल पुलिया पर पूरी तरह टूटी हुई है। हालांकि यहां फिलहाल मिट्टी डालकर दोपहिया एवं हल्के चार पहिया वाहनों को निकाला जा रहा है। यह पुलिया इस बारिश में दूसरी बार टूटी है। इससे आगे बढ़ने पर मानसरोवर बांध के बहाव क्षेत्र में 300 फीट सड़क कंडूली नदी में बहकर जा चुकी है। यहां वर्तमान में सड़क नजर नहीं आती। ऐसे में रात के समय यहां हादसे का डर बना रहता है।
इनका कहना है पूरे रोड का रिन्यूवल का 36 करोड़ का एस्टीमेट बनाया है। इसमें सवाईमाधोपुर से श्योपुर पालीघाट तक की 41 किमी. सड़क को लिया है। प्रस्ताव पर आगे निर्णय के बाद ही कार्य शुरू होगा। वहीं बोदल पुलिया पर फिर से नए निर्माण की बात है, यहां पर वनविभाग से एनओसी नहीं मिलने के कारण कार्य नहीं हो पा रहा है।
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