00:00बच्पन में नकसलियों का अत्यचार देखा, वे अभी देखा कि नकसलिक की इस तरह पढ़ाई को प्रभावी करते हैं, बढ़ा होने के बाद सब इंस्पेक्टर बन गए, सब इंस्पेक्टर बनने के बाद नकसल इलाके में तैनाती हुई और अब बच्चे उन्हें मास्ट
00:30के कोचिंग की शुरुआत किया है, वहीं नकसल अध्यान एवन पिलिसिंग के कारे से फुर्जद मिलने के बाद वे बच्चों का क्लास लेते हैं.
01:00इसलिए मैं लगातार मैं जाकर अपने खाने मुलाकर में बच्चों को लाता हूँ.
01:14इसलिए मैं पिता की मौत के बाद उन्होंने काफी संघर्स किया और नवदय बिद्याले से पढ़ाई किया था.
01:272017 में उन्होंने बीएड की डिगरी ली, बीएड के डिगरी लेने के बाद उन्होंने वन्रच्ची की नौकरी किया प्रिवेट इस्कूल में भी पढ़ाया.
01:372017 में वे जारखंट पुलीस में बहाल हुए और सब इंस्पेक्टर मने.
01:43उनकी तैनाती करें देड़ वर्स वाले पलामू के मनातुक ठानेदार के पद पर हुई है.
01:48राची में में भी रहकर मैं त्यारी किया और वहां टूशन पढ़ा के अपना खर्चा वगरा सारा मेंटन किया.
01:56मैं जुरूर से ही मतलब इस चित्चतर में रहा हूँ कि गरेदी कितनी रिया जाए लेकिन पढ़ाय को छोड़ा नहीं है.
02:02मैं इसलिए मैं मुझे आता है कि गरेदी बड़ी बच्चों को परनें कितनी समझाई होती हैं.
02:12मैं जुरूर से अपने मुकाम पर हासिल किया हूँ.
02:19मैं बच्चे भी अच्छे हैं, बच्चे पढ़ाय में ध्यान दो.
02:25दरसल मनातू का इलाका नक्सल हिंसा अफिम के खेती एवं बाल तसकरी के लिए चरचित रहा है.
02:32थानेदार की स्पहल से वहां के बच्चे बहुत हैं और बोलते हैं कि साथ आज दिनों तक थानेदार सर जब तक क्लास नहीं लेते हैं तो उनका मन नहीं लगता है.
02:43मानातू का इलाका बिहार के गया एवं जहारखन के चत्रा से सटा हुआ है.
02:552000 के बाद इस इलाके में नक्सल हिंसा चरम पे रही जिस कारण कई स्कुल को उड़ा भी दिया गया था.
03:03अब इस इलाके में थानेदार नेरमाल उराओं बच्चों को मुक्हधारा से जोड़ने के लिए कई पहल कर रहे हैं.
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