Skip to playerSkip to main content
  • 4 months ago
सवाईमाधोपुर. कुदरत की मार ने एक बार फिर किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। गत दिनों आई बाढ़ के कहर से क्षेत्र के किसानों अब तक नहीं उभर पाए है। किसानों के दर्जनों बगीचे पानी में डूब गए है। सूरवाल से जड़ावता व चकेरी गांवों तक अमरूद के बगीचे पानी के तेज बहाव में बह गए है। इससे किसानों को करोड़ो रुपए का नुकसान हुआ है। उद्यान विभाग के अनुसार बाढ़ से क्षेत्र में पांच हजार अमरूदों के बगीचे जलमग्न हुए है। इनमें से 470 हैक्टेयर में अमरूद के बगीचे पूरी तरह से नष्ट हो गए है।

जिले में 14 हजार से अधिक परिवार अमरूदों की बागवानी करते है। वहीं किसानों की रोजी-रोटी अमरूदों की खेती पर ही निर्भर है। ऐसे में आजीविका का मुख्य स्त्रोत भी अमरूद की बागवानी है लेकिन गत दिनों अतिवृष्टि ने किसानों की अमरूदों की बागवानी को बबार्द कर दिया है। पानी के तेज बहाव के चलते अमरूदों के बगीचों में खाइया बन गई है। इससे अमरूद के पेड़ जड़ो सहित उखड़ कर पानी में बह गए है।
470 हैक्टेयर में हुआ नुकसान

उद्यान विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में बाढ़ से 470 हैक्टेयर में अमरूदों के बगीचों में नुकसान हुआ है। इसमें करमाेदा, दौंन्दरी, सूरवाल, मैनपुरा, अजनोटी, दुब्बी बिदरखां, पूसोदा, गोगोर, सेलू, पढ़ाना, जड़ावता, लोरवाड़ा, जटवाड़ा, सुनारी, बंधा, दोबड़ा कलां, दोबड़ा खुर्द, जीनापुर, गंभीरा, आटून कलां, पचीपल्या, गोठड़ा, मखौली, कानसीर, आदि गांवों में अमरूदों के बगीचों में नुकसान हुआ है। उद्यान विभाग के अनुसार इन गांवाें में 40 प्रतिशत से अधिक अमरूदों के बगीचे पानी के बहाव ने नष्ट हो गए है।
जिले में यहां है अमरूद के बगीचे

जिले में सूरवाल, करमोदा, दौंदरी, मथुरापुर, आटूनकला, गुढ़ासी, शेरपुर-खिलचीपुर, श्यामपुरा, ओलवाड़ा, पढ़ाना, मैनपुरा, अजनोटी, भाड़ौती, सेलू, रांवल, गंगापुरसिटी, बामनवास आदि स्थानों पर 14 हजार हैक्टेयर में किसानों ने अमरूद के बगीचे लगा रखे है। जिला मुख्यालय के आसपास के क्षेत्र रामसिंहपुरा, करमोदा, सूरवाल सहित कई गांव अमरूद की अच्छी पौध के लिए जाने जाते है। यहां बर्फखान गोला, लखनऊ 49, इलाहाबादी,सफेदा किस्म के अमरूदों की पौध तैयार की जाती है।

फैक्ट फाइल...

- अतिवृष्टि से जिले में 4 करोड़ रुपए का हुआ किसानों को आर्थिक नुकसान।
- जिले में 14 हजार कृषकों की आजीविका अमरूदों की खेती पर निर्भर है।

- अतिवृष्टि से किसानों के खेतों में 40 प्रतिशत से अधिक अमरूदों में हुआ नुकसान
- जिले में बाढ़ से 470 हैक्टेयर में बहे अमरूदों के बगीचे

- बाढ़ से पांच हजार हैक्टेयर से अधिक बगीचे हुए जलमग्न।
ये बोले किसान....
बाढ़ से हो गए बर्बाद
परिवार की रोजी-रोटी अमरूदों की बागवानी पर ही निर्भर है लेकिन बाढ़ से अमरूदों के बगीचे पूरी गलकर नष्ट हो गए है। ऐसे में आर्थिक परेशानी हो रही है। सरकार को जलभराव से प्रभावित बगीचों का शीघ्र मुआवजा मिलना चाहिए।

हाबूलाल मीना, किसान, निवासी पढ़ाना
जड़ सहित बह गए अमरूद

कमाई का मुख्य स्त्रोत अमरूदों की बागवानी है। बाढ़ से अमरूदों के बगीचे में दूर-दूर तक खाइयां बन गई है। इससे अमरूद के पौधे जड़ सहित उखड़ कर पानी में बह गए है। सरकार को शीघ्र ही खराबे का मुआवजा दिया जाना चाहिए।
प्रेमराज मीना, किसान निवासी सूरवाल

पहले ध्यान देते तो नहीं होता नुकसान

कर्जा लेकर अमरूदों के पौधे लगाए थे लेकिन बाढ़ से पूरे सपने धराशायी हो गए है। प्रशासन पहले ध्यान देता तो आज यह हालात देखने को नहीं मिलते। अब पानी में डूबे अमरूदों का जल्द से जल्द मुआवजा मिले ताकि किसानों को राहत मिले।
दामोदर मीना, किसान, निवासी दुब्बी बनास

इनका कहना है...

अतिवृष्टि से जिले में सूरवाल सहित जड़ावता क्षेत्र में अमरूदों की बागवानी में नुकसान हुआ है। इसके लिए इन दिनों गिरदावरी की प्रक्रिया चल रही है। गिरदावरी पूरी होने के बाद राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
मदनलाल मीणा, तहसीलदार, सवाईमाधोपुर

Category

🗞
News
Transcript
00:00I
00:02I
00:04I
00:06I
00:08I
00:10I
00:12I
00:14I
00:16I
00:18I
00:20I
00:22I
00:24I
Be the first to comment
Add your comment

Recommended