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  • 2 months ago
 लखनऊ : लोकनिर्माण विभाग के विश्वेश्वरैया प्रेक्षागृह में शनिवार को भोजपुरी महोत्सव का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने किया. अखिल भारतीय भोजपुरी समाज संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभुनाथ राय ने बताया कि भोजपुरी संस्कृति के रंगारंग कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध लोकगायिका कल्पना पटवारी, बलिया के गोपाल राय, अवधेश, संजय यादव, सुरेश कुशवाह, रविशंकर देहाती, अंगद राम ओझा सहित 100 से अधिक लोक कलाकार अपनी प्रस्तुतियां दी. साथ ही 10 से अधिक सुप्रसिद्ध भोजपुरी कवि अपनी हास्य-व्यंग्य रचनाओं का पाठ किया गया. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि भोजपुरी एक भाषा ही नहीं, बल्कि एक संस्कृति है, जो हमसे जुड़ी हुई है. भोजपुरी भाषा ने बिहार से पूर्वांचल होते हुए देश में ही नहीं विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाई है. प्रभु नाथ राय ने कहा कि बीते 40 साल से भोजपुरी भाषा, संस्कृति और लोककला के संरक्षण एवं संवर्धन का निरंतर कार्य किया जा रहा है. भोजपुरी समाज की विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाना और संरक्षित करना भोजपुरी महोत्सव का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य है. 

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00:30Thank you very much.
01:00foreign
01:12foreign
01:24foreign
01:28दियाना जराईदा आंगुरी में डस ले दियान गिनिया रेहे नन दो दियाना जराईदा
01:43दियाना जराईदा आपन भाय के बुलाईदा नस नस उठे ये लहर यारेहे नन दो दियाना जराईदा
02:07मैं तीन सालों से भोजपरी समा से जुड़ी हूँ और तभी से मैं हर साल यहां पे आती हूँ
02:11मैं गा चुके अभी जस्ट में गा के आई हूँ और बहुत ही खुर्चुरत सा एक भोजपुरी की इत्था मैं दो लाइंग गा कर सुनाती हूँ
02:19राह चले ले तटो के ला सुनार सैया जी का है नथिया गढवला
02:36बहुत अच्छा लगता है इस महसो में और 40 वर्शों से महसो मनाय जारा तो बहुत बड़ी बात है
02:54और सभी कलाकारों का प्रभुनात्राजी बहुत सम्मान देते हैं और सभी को ही बुलाते हैं और अबधी भोजपुरी सभी को ही मौका देते हैं
03:03ड़वहम कजरी गा रहे हैं आज क्योंकि यह मौसम ऐसा है यह बारिश जूला तो कजरी ही गा रही हूँ चुकि अभी जन्माश्चमी गई है
03:13तो मैं जन्माश्चमी एक कृष्ण कर नहीं हलाल पर एक उसनाऊंगे
03:17के हरे रामार मुझिम बरसे पनियां के जूले राधा रनियारे हारी
03:47गोश्पुरी भाषा सबसे पहले तुम्हें अपने आपके लिए ही बोलूँगी कि मैं प्रॉपर लखनों की हूँ और मेरा पालन पोशन बिल्कुल लखनों के हुआ और गोश्पुरी भाषा से मेरा कहीं भी टच नहीं रहा हमारे आवधी बोली जाती ती बट ऐसा कुछ इ
04:17तो जब यहां पर गोश्पुरी भाषा का यहां पर आना हमारा आग्मन होता है निभी ने शहरों में जाना होता है देश के बाहर भी जाना होता है जया की नाम से मैं आप सभी लोग मुझे चानते हैं और गोश्पुरी समाच का बहुत जादा मुझे इस नहीं दूलार मिल
04:47I am a master of my life, that I am a master of my life.
05:11I am from Lakhnau. Today I have been singing in Bhotspuri.
05:18People have loved it. It's a dream.
05:22It's a dream. It's a dream.
05:25It's a dream.
05:27I am from Lakhnau.
05:45I am from Lakhnau.
05:55I was from Lakhnau.
06:03I have been singing in Bhotspuri.
06:09We have a lot of people who are living in this country, and we have a lot of people who are living in this country.
06:39एक दूसरे संस्कृति के साथ पहुंचता है और लोग जो नहीं पिडिये हैं जानती है कि हमारे पुरूज कैसे थे, क्या थे, कैसे मेरी बिरासत है उसको सबको पहुंचाने अच्छू रखने के लिए ये कारिकर्म किया जाता है
06:53इसमें लगभग 100 कलाकार हैं और कलपना जो भोश्बुरी के बहुत बड़ी गायक हैं कलपना और गुबाल आ जो बलिया कराने वाले हैं और इस तरह के लगभग 100 कलाकार जो है आ चुके हैं कारिकर्म चल लहा है और इसके साथ ही हमारे उत्वदे सरकार के पुप मंत्री जी �
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