गर्मियों की छुट्टियों में एक पुरानी किताब आरुषि को ऐसे जादुई सफ़र पर ले जाती है, जहाँ हर कदम पर रहस्य, रोमांच और अनजाने अनुभव उसका इंतज़ार कर रहे हैं। 🌌
00:00आरुशी और समय का रहस्य मैं रहस्या निशल की बुक्स पढ़े मिमिफ्लिक्स डॉट कॉम पर गर्मियों की छुट्टिया थी और आरुशी अपने माता पिता के साथ दादी मा के घर आई थी
00:13दादी मा की किताबों वाली अलमारी में एक बेहत पुरानी किताब थी जिस पर लिखा था कल्पलोग कीचाबी
00:23ये किताब साधारण नहीं है दादी मा ने कहा ये उस जगह का रास्ता है जहां समय भी रुख जाता है
00:30आरुशी ने जैसे ही किताब खोली, कमरा रोशनी से भर गया और वहाँ अचानक एक अंजानी जगा पर पहुँच गई
00:39अब आरुशी एक जादूई जंगल में थी, जहां पेड भी नीले रंग के थे
00:45तभी एक सफेद, सुनेरे कानों वाला खरगोश उसके पास आया
00:51मैं मोती हूँ, सम्यश्री का दूत, तुम ही हो जिसे पहली पूरी करनी है
00:58मुझे क्यों? आरुशी ने हैरानी से पूछा
01:02क्योंकि तुम्हारे पास है सत्य को देखने वाली द्रिष्टी और दिल से सोचने की शक्ती
01:08मोती और आरुशी एक जील के किनारे पहुँचे जहां एक पत्थर पर लिखा था
01:14जब दिल सवाल पूछे और आत्मा उत्तर दे
01:18तब ही खुले कलपलोग का द्वार
01:21जील के पानी में जैसे ही आरुशी ने अपनी परचाई देखी
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