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Watch **Possessed – Episode 3 (Hindi Dubbed)** in stunning **4K UHD** – the third chilling installment of **Sahipli Season 1**, a Turkish horror-thriller dubbed in Hindi as **अधीन**.

**Plot Summary**:
Haunted by sinister spirits and cursed dreams, Bahar and Selin’s lives begin to spiral. As the supernatural presence grows stronger, hidden secrets of the past start emerging—and someone may not survive what lies ahead.

🎭 **Main Cast**:
- **Furkan Andıç** as Selim
- **Burcu Özberk** as Bahar
- **Seda Güven**
- **Ali Yagci**

🌙 **Original Title**: *Sahipli*
🎧 Language: Hindi Dubbed
📺 Genre: Supernatural | Horror | Thriller
📽️ Resolution: 4K Ultra HD

🕯️ If you love shows like *The Haunting of Hill House* or *The Exorcist*, you’ll be hooked on **Possessed (अधीन)**.

📌 Don’t forget to **Like**, **Comment**, and **Subscribe** for more episodes in this chilling series.
#Possessed #Sahipli #HindiDubbed #Episode3 #अधीन #TurkishDrama #HorrorSeries #SupernaturalThriller #FurkanAndic #BurcuOzberk #PossessedInHindi #DailymotionDrama #4KUHD

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Fun
Transcript
00:00वजसे खार रहा करें
00:12करें
00:13करें
00:18करें
00:20करें
00:22करें
00:27करें
00:27गुद मॉर्निंग
00:31गुद मॉर्निंग
00:33बिल्कुल सही वक्त पर आ गए
00:35मैं यहां से सरफ दो मिनट की दूरी पर रहता हूं
00:38स्कूल कितनी देर में पोचना है तुम्हें?
00:40अभी है तेड़ गंटा
00:57अभी है तेड़ गंटा
01:06आ कितनी दूरी तेड़ पर जाल
01:09चंटाई पर आ जुद तेड़ में पर दोने दूर गलम
01:14डाल
01:17बाल
01:23ओड के अज़ दूरी तेड़ में पर बाल
01:25अज़ चंब कोई तेस्दी गव необходимо
01:26ये क्या है
01:36एक पौधाल आया हूँ
01:38अपने अबबा की कबर पर लगाओगी तो वो खुश हो जाएंगे
01:44ये पौधाल आकर तुमने बहुत अच्छा किया
01:47ये सिर्फ दो तिन हफते का है
01:50इस पौधे को शुब माना जाता है और ये बुरी आत्माओं को दूर रखता है
01:56बहुत अच्छी बात है
01:57सज बताऊं तो मेरी अम्मी को बागबानी के बहुत शौक था
02:03अगर उनकी किसी पौधे का एक पत्ता भी जड़ जाता था
02:07तो वो परिशान हो जाती थी
02:10मैं 15 साल का था जब वो मुझे छोड़ कर चली गई
02:13सुनकर अफसोस हुआ
02:17क्या करे
02:19मैं तुम्हारे लिए फूल आने वारा था पर सोचा पता नहीं लोगी या नहीं
02:26शायद ले लेती
02:40अधी अंकल को गुजरे किते साल हो गए पांच साल हो गए है
02:53पांच साल वक्त का पता ही नहीं चलता हाँ यह तो सच है
02:58लगता है इनमें काफी अच्छी दोस्ती हो गई है
03:08जबकि मिले हुए जादा वक्त भी नहीं हुआ है
03:12चार साल हो चुके है यह तो हो नहीं है आखिर कब तक अकेला रहेगा बेचारा
03:18उस हिसाब से देखा जाए तो वो सही है
03:20पोस की अब बाकी कबर पर आए है इसलिए उदास लग रही है
03:25आमी
03:26उसकी रूह को सुकून मिले
03:28चलो चलते हैं
03:30लगभ आए है
03:37टरदता है
03:49पजया हं पाई मिलेん
03:53छूहँपा नहीं होους
03:59झाल झाल
04:29झाल
04:59झाल
05:29एक बात नहीं बूल पाता
05:37उस वक्त मैं स्कूल में सेकंड क्लास में था
05:40एक दिन
05:43स्कूल के बाग में
05:46मक्यां पकड़ रहा था
05:48मैंने उनको पकड़ कर दवा की एक छोटी सी बॉटल में डाल दिया
05:53उसके ढकन के अंदर थोड़ा
05:56जैम लगाया जो अम्मी ने मुझे दिया था ताकि उनको भूप न लगे
06:01फिर ढकन को कसके बंद कर दिया और पोटल को गर ले आया
06:06उसको अपने बैट के पास रखा
06:10उनको रात पर देखता रहा
06:13मुझे अपरी याद है उनके पंखों के पड़ पड़ाने की आवास
06:19अगली सुबह उठा उठते ही उस पोटल को देखा
06:27कोई हरकत नहीं थी बोटल को हिलाया की शायद वो फिर से जिन्दा हो जाए
06:34और फिर रोने लगा
06:38क्योंकि मैंने मौत को पहली बार देखा था
06:45मैं इस बोटल को लेकर बाहर बाग में गया
06:52मैं मिटी खोद रहा हूँ और साथ में दूआ माग रहा हूँ
06:55प्लीज फिर से जिन्दा हो जाओ
06:57मैं चाहता हूँ तुम उड़ो बारिश हो रही है
07:00रोते रोते मिटी को खोदता रहा
07:07फिर मैंने अखबार का एक टुकडा लिया
07:08उन सब मक्हियों को इके करके अखबार पर रखा
07:13और उसे अच्छे से मोड़ कर दबा दिया
07:16फिर जैसे बच्छों का दिमाग होता है
07:20अगले दिन उसको देखने का मन किया तो जमीन खो दी
07:22अखबार को बाहर निकाला
07:25देखा तो कुछ नहीं था
07:28वो काली था
07:32मुझे लगा मुरी दुआ कुपूल हो गई वो जट़ों हो गई है
07:44वो मेरी जिंदगी का सबसे खुशी का दिन था
07:47मुझे जजबाती कर दिया
07:51बहुत अच्छी कहानी है तुम्हारी सच में
07:54अब मुझे लगता है
07:57वो मक्हिया मुझे जिंदगी
08:00और मौत के बारे में बहुत कुछ सिखा गई
08:03उस दिन के बाद से
08:11मैंने किसी मक्खी को, किसी कीडे को
08:15बिलकुल लुक्सान नहीं पहुँचाया
08:19बच्चपन की कुछ बाते हमारे दिमाग पर गहरा असर डालती है
08:24तुम्हारे ये बात बिलकुल सही है
08:30जब मेरी अम्मी की मौत होई तो मुझे लगा
08:36कि एक बार फ़िछ वरी चमतकार होगा
08:40अगर दुआ मांगँगा उनकी कबर को पानी दूगा तो वो पिर से जिन्दा हो जाएंगी
08:47हर रात को चुपके से अपनी अम्मी की कबर पब जाता था
08:51और उस पर पानी देता था
08:53पर जाहिर है कि कुछ नहीं हुआ
09:13अब चलना चाहिए और ना देर हो जाएगी
09:16चलना चाहिए
09:20सलाम वालेकुम कैसे हो
09:39वालेकुम सलाम भाईजान
09:41आओ बैठो बैठो चाहे चलेगी
09:44आँ थोड़ी सी
09:50आच्छाहे बहुत हो गई
09:55ज्यादा नहीं लूँगा
09:57हसन तुम्हें याद है
10:14तुम्हारा एक दोस्त हुआ करता था अब्दुल्ला
10:17उसकी एक बेटी थी बुश्रा याद है
10:21उसे कैसे भूल सकता हूँ
10:23उसकी और मेरी बेटी में
10:26पांच-छे साल का फर्द था
10:28वो गाउं वापस आई है
10:30डॉक्टर बन कर
10:32यहां के हॉस्पिटल में
10:34बहुत अच्छी बात है
10:35वो अपनी बेटी से बहुत प्यार करता था
10:39लेकिन बेचारा
10:41उसकी शादी भी देख नहीं सका
10:43आखिर में
10:45वो सिर्फ तुम से बात करता था
10:47मेरे साथ सिर्फ दूआ सलाम ही करता था
10:51मौज से कुछ महीने पहले
10:53बहुत अजीब सा हो गया था
10:56शाहिद कोई परिशानी थी
10:58जिसके बारे में बता नहीं पा रहा था
11:02वो टीचर सलीम उसकी कबर के बारे में पूछ रहा था
11:06टीबुश्रा जाना चाहती हो
11:09उसे अपने अबबा याद होंगे
11:12पर मुझे तो ऐसा नहीं लगता
11:16मेरे अबबा भी जल्दी गुजर गए थे
11:18पर मुझे तो कुछ याद नहीं
11:20मुक्तार भायजान
11:21कल रात में सेलिम निकला था यहाँ से
11:28वो उस चंगल की तरफ जा रहा था
11:34पहले भी कई बार देखा है उसे यहाँ पर
11:38समझ में नहीं आता है
11:41इतनी रात में कहां जाता है
11:43मुझे उसकी बहुत फिक्रों कुदी है
11:46इतने साल बात भी वो खुद को सम्हा नहीं पाया है
11:51कोई नहीं जानता
11:55उस लड़की के साथ क्या हुआ था
11:58ये बात इस किसे को और दर्दनाग बना देती है
12:03चलता है
12:11थोड़ी देर और बैठो
12:13थोड़ी सी चाय और
12:14अभी थोड़ा काम है
12:16फिर मिलेंगे
12:17खुदा हाफिस
12:18खुदा हाफिस
12:19तो फिर टेलिविशन देखते हैं वक्त
12:28कौन सा सेंस और्गन इस्तमाल होता है
12:30यासिन
12:32हमारी आखें
12:35हमारी आखें बिल्गल सही
12:38और क्या
12:38और हमारे कान
12:40हमारे कान
12:41शाबाश यासिन
12:43जब हम खाना खाते हैं
12:47तो कौन से सेंस ओगन से पता चलता है कि नमक ज्यादा है या कम है
12:52बुकेट
12:53हमारी मूँ से सो
12:55हाँ पर हमारे मूँ के किस ओगन से
12:59हमारी जीब से
13:00शाबाज बुकेट
13:02तो हमारी जीब है जो हमें स्वाद के बारे में बताती है
13:05काश तुमने उससे सच नहीं चपाया होता
13:08उसे किसी और से पता चलेगा ता उसे बिलकल अच्छा नहीं लगेगा
13:11आस पास के बच्चों से बच्च के रहना बेटा
13:19कुछ आत्माएं कमजोड शरीरों को इस्तिमाल करके तुम पर असर डालना चाहती है
13:26अपनी अपनी कॉपी खोलो और उनके बारे में लिखो
13:50मैं हैरान रह गई जब उन्होंने कहा कि वो एलिफ नहीं है
13:55और यहां तक कि उसने हम दोनों को पहचाना भी नहीं
13:58उसका नाम उम्रान है
14:00ऐसा लग रहा जो कुछ हुआता कल वो सब जूट था
14:06पर कैसे उसने आपको नहीं पहचाना
14:09उसने अपने अबबा से पूछा ये लोग कौन है
14:12उसने आपसे बात की
14:14मुझे भी जटका लगा जब मैंने उसे बोलते हुए सुना
14:19अजीब बात है
14:21समझ नहीं आ रहा आखिर ये कैसी बिमारी है
14:25मैंने भी ऐसी बिमारी के बारे में कभी नहीं सुना हो लिया
14:29अबनी अबनी अबनी अबनी
14:47अबनी मुझे फिर से वही चाहिए जो तुम पिछली बार लाए थे पर ध्यान रहे
14:58वो ताजा होना चाहिए बद्बू नहीं आनी चाहिए उसमें से
15:01ठीक है अंकल आज रात को नहीं ला पाया तो कल ले आउंगा
15:04अरे नहीं मुझे आज ही चाहिए कल नहीं
15:07ज्यादा पैसे दे दूँगा
15:08हाँ ठीक है मैं ले आउंगा
15:10अभी देखना पड़ेगा का में लेगी याद रखना आज ही चाहिए मुझे ठीक है पर ध्यान से जाना ध्यान से
15:17अजीज मैं आता हूं जरा 10 मिट में भी
15:33मुझे भी बिला रही है ठीक है जाओ
15:39अजीज व्यान से जाओ
15:48मेडम बागी सब हो गया है
16:12दिक्कत नहों तो यहां पर पोछा लगा दू
16:14हाँ हाँ कर लो कोई भी दिक्कत नहीं है
16:17अजिस हाँ हमने कर श्याम तुम्हारी दादी को दिखा था जब हम सलीम की कार लेने जा रहे थे
16:40अजिस तहां पर देखा
16:41तुम्हारे घर के सामने से गुजरते हुए
16:44वो सलीम को देखके पका चिल लाए होंगे
16:47बहुत जोर से
16:49उनको पसंद नहीं करती है
16:51सलीम भी यही कह रहे थे
16:53पर वो उन्हें पसंद क्यों नहीं करती है
16:57ये बताना मुश्किल है कि मेरी दादी किसी को पसंद क्यों नहीं करती है
17:02का नुए अम्मी भी पसंद्ध पर मुझे सलीम पसंद है सब के साथ बहुत अच्छे से पेश आते आ है कि पर हमके साथ जो अच्छा नहीं हुआ
17:15कि क्या हुआ कैसे साथ मुझे आपको किसेने कुछ पताया नहीं occup हिसमें कुछ बताना चाहिए था
17:27वैसे मेरा आपको इसा बताना ठीक नहीं रहेगा मैडम
17:44ऐसा कुछ नहीं है अजीज बताओ मुझे
17:47आज से ठीक चार साल पहले लोहार अंकल नेल और उनकी बेटी ये से रहा
17:55उसी घर में रहते थे जिसमें आप रहते हैं भी
17:59उसके बाद नेल अंकल पूरी तरह से पागल हो गए
18:03उनके पास बहुत साथे घोड़ी थे वो सब एक ही रात में मर गए
18:08कुछ लोग कहते हैं कि उन्होंने घोड़ों को जहर दे दिया था
18:13और सब को बताया कि घोड़े उस घर में आकर उनसे बात करते हैं
18:17कहते थे कि इन घोड़ों को पता है कि मेरी बेटी कहा है पर मुझे बताते नहीं है
18:24फिर वो धेरे धेरे पूरी थर से बागल हो गए और फिर एक रात उन्होंने चूहे मारने के दवा पी ली
18:31जो भी हुआ बहुत बुरा हुआ पर उस सब का सिलिम से क्या बास था
18:40वो ही तो बता रहो मेडम एसरा सिलिम की मंगेतर थी
18:54उस दड़की का चार साल से कुछ पता नहीं है टीचर से लिम को बहुत सब पहुचा पता नहीं है उसे समय खा गई आसमान निकल गया
19:05क्या हो तुम्हें बहुत खासी आ रही है अजीज तुम्धी हो
19:22अराम से अराम से सब ठीक हो जाएगा यह पानी प्योगा गले में कुछ पास किया था
19:32सांस लो गहरी सांस लो तुम ठीक तो हो ना तुमने जो कुछ भी बताया मुझे उसके लिए शुक्रिया
19:43अराम से बहुत काम था मुझे मैं घर जानी हो जादी
19:53मैं चलती हूँ गुड इवनिंग गुड इवनिंग डॉक्टर साहिब तुम्हारा दुमाग खराब हो गया क्या क्या जरूद थी उनको वह सब बतानी की वह सब रस्ती पूचरे तो क्या करूँ
20:09चलो कोई बात नहीं पाने पीड़ा
20:12अलो के अभम करूँ साहिए
20:42उनके पास बहुत साली खोड़ी थे, वो सब एकी रात में मर गए, एसरा सलीम के मुन के इतर थे
21:12हलो कौन, हलो, हलो, हलो, आलिल ने बस अभी बताया, आप ठीक है ना, मैं ठीक हूँ लिया, पर मुझे सलीम पर गुसा रहा है,
21:42काश आपको इस तरह से बताना चलता, यह आपको मैं भी बता सकती थी, पर मैंने सोचा मिलने पर सलीम ही खुद बता देंगे,
21:49वो बाकी सब ना भी बताते तो ठीक था, पर यह तो बताना चाहिए था ना कि, जिस घर में मैं रुकी हूँ वहाँ, क्या हुआ था, सुनके मेरा दिमाग खराब हो रहा है, बस वही सब दिमाग में चल रहा है मेरे,
22:01खर, तब यह पूछने के लिए शुक्रिया,
22:31कर दो चाहिए
23:01नीन खराब तो नहीं की, तुम्हारे लिए ये लाया हूँ
23:21आज सुबर बात हुई थी ना
23:25आपको शुक्रिया
23:28पर मैं इनका ख्याल नहीं रख पाँगी
23:31तो आप इन्हें वापस ले जा सकते हैं
23:35माव कीजेगा, आज मैं बहुत ठकी हुई हूँ, मुझे आराम करना है
23:40शब्दा खेर
23:42शब्दा खेर
23:44शब्दा खेर
23:46अचखद ऑच़
23:47शब्दा
23:49शब्दा
23:50शब्दा
23:52झाल झाल
24:22झाल
24:52झाल झाल
25:22झाल झाल
25:52झाल
26:22ये क्या किया अबू
26:34हाँ
26:36अम्मी की बनाई सारी चीज़ें आपने जला डाली
26:40आपका दमाग खराब हो गया क्या
26:43उन्हें देखके खबराट होती थी इसलिए चला दिया उने
26:49आखिर आप चाहते के हैं मुझे इस बात का जवाब चाहिए
27:07मेरे साथ इतने सालों से मुझरम जैसर शिरू क्यों कर रहे हो
27:10बस बहुत हो चुका मुझे बताओ कि प्रॉब्लम क्या है
27:14मैं और नहीं से सकता हूँ बताओ मुझे
27:16क्या चाहते हो कई सालों से मुझे पर इल्साम लगाया जा रहा है
27:19बताओ मुझे प्रॉब्लम क्या है
27:21अरशान हो चुका हूँ मैं अब नहीं जलेगा बू अब नहीं जलेगा
27:46अरशान हो चाहते है
28:16कि अरशान हो चाहते है
28:46झाल झाल
29:16दाओ अंकल
29:26मैं यहां हूँ
29:30दाओ अंकल
29:36वो ले आए
29:46पर आप इनका करते क्या है
29:48आपके पास कुत्ते हैं क्या
29:49कभी कभी पुत्ते आ जाते हैं यहां पर
29:52उनको दे दुँगा बहुत भूखे होते हैं
29:54जुलाए हूँ
29:56वो बासी तो नहीं है
29:57नहीं अंकल
29:58बहुत अच्छे कसाई खाने से लेकर आया है
30:00यह बताओ रखना कहा है
30:01यही रख दो उठा लूगा मैं
30:03यह रख लो
30:12शुक्रिया
30:14शब्बा खेर
30:30यही रखना कहा है
31:00यही रखना कहा है
31:30यही रखना कहा है
32:00यही रखना कहा है
32:29यही रखना कहा है
32:59यही रखना कहा है
33:29जिस लड़की से तुम मिले हो
33:51वो तुमारी खुस्मत का फैसला करेगी
33:55वो अच्छा होगा या बुरा
34:01इसका फैसला तुमें मिल के करना होगा
34:05अगर तुमने अपने खिसमत का फैसला खुद नहीं किया
34:09तो ये काम कोई और करेगा
34:12उससे अच्छाई की उमीद मत रखना
34:25जससे अच्छाई करता घच्छाई नहीं है
34:41जससे थाच्छाई के अच्छाई
34:46अच्छाई छुमने इससे पैसे अच्छाई
34:52झाल झाल झाल झाल
35:22इसे अपने सिराने के नीचे रख दे
35:24ये क्या चीज़ दादी
35:28सवाल मत पूछ
35:30बस इसको सिराने के नीचे रख दे
35:32ये तुझे महफूज रखेगा
35:34मैंने आज सुबह फिर से देखा था
35:37मैंने काहा था ना मच जाना
35:38ठीक है मैं उसके पास नहीं जाओंगा
35:40उसका
35:42कुछ भरोसा नहीं है
35:44हाँ वो कुछ भी कर सकता है
35:46उसके पास मत जाना
35:48ठीक है
35:49अब खाना खाले
35:53मैंने भी नहीं खाया
35:54मैं खाना खा चुका हूँ
35:56और आपको भी इस वक तक खाले न चाहिए था ना
35:58ये अच्छा नहीं है दादी
36:00अब चुक चाप सोजाओ
36:02इसे सिराने के नीचे रख दे
36:05हाँ ठीक है रख रहा हूँ
36:30और आपको अच्छार से को करें है
37:00अजीज, यहाँ, खाना खा लेते हैं, यहाँ
37:13क्या वो दादी
37:30क्या हुआ दादी
37:44क्या हुआ दादी
38:00क्या हुआ दादी
38:11वहाँ क्या कर रहा है, यहाँ
38:16दादी आप सोई क्यों नहीं है
38:22यहाँ, खाना खा लेते हैं
38:26क्या हुआ दादी
38:29दादी
38:31कहा हुआ दादी
38:36आजा खाना खा लेते हैं
38:40आजा यहाँ
38:53आजा
38:57आजा यहाँ
38:59अजीज
39:01यहाँ
39:05वहाँ क्या देख रहा है तू
39:21आजा
39:29आजा खाना खा ले
39:30नहीं दादी
39:32मेरा मन नहीं दादी
39:36आजाया खाए
39:41यहाँ
39:46यहाँ
39:48यहाँ
39:48यहाँ
39:50झाल फैंखना कैन्
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