00:08जिसके परिणाम सुरुप Sarv Seva Sangh के स्थापना हुई
00:11और उस Sangh से जुड़े तमाम लोग जो हैं,
00:16देश भर से वो Rachi में जुटे हुए हैं,
00:19संग के अध्यक्ष पटनायक साब हैं,
00:22और भी तमाम पदाधिकारी मौजूद हैं,
00:25हम उनसे ये जानना चाहेंगे कि ये बैठा क्यों हो रही है,
00:29और इसमें एजिंडा इनका क्या रहा,
00:31पटनायक साब अपका स्वागते पहले बताएं कि आज का जुटान का मकसद क्या है,
00:38आगे आप लोग क्या करना चाहिएं।
00:39मैं आदित पटनायक हूँ और अखेल भारिते सर्वोदे मंदल या सर्वसवासंका मैं अध्यक्ष हूँ।
00:46और यहां पर मेरे बगल में महादे बिद्रोई हैं जो मैनेजिंग ट्रस्टी हैं जिन्होंने सारे देश भर के संपती जो गांधी के सर्वोदे के संपती हैं उसका देखवाल करना, उसके बितरन करना ये उनकी काम हैं।
01:02और मेरा काम एक बिचार, सैधान्तिक और अंदोलन परिपक्ष में महात्मा गांधी जो सर्वोदे के जुनारा दिया उन्होंने सबका उदय, अंतो देश सर्वोदे, तो उसका रचनात्मक जो अंदोलन है, ओ सहरे देश भर में, हर राज्यों में बहुत अच्छे धंग से
01:32जगह पर जो हम लोग एक जुट हुए हैं, आथ और 9 अगस को, 1925 को महात्मा गांधी जार्खन में आये थे, उसका समारिकी के हिसे से और उस स्पीरिट को देखते हुए, हमने सारे देश भर के जो लोक से भक हैं, हर राज्यों के जो पदादेकारी हैं, उनका यहां पर समा
02:02अध्यात्मिक और अर्थनाइटिक, इनका ओपर हम चर्चा करेंगे, सबका स्तलाह लेंगे, और हमारा संगठन को कैसे आगे बढ़ाएंगे, यह भी सबका राय लेकर एक निनए हम करेंगे, तो इसलिए रांची में हम लोग आए हैं, जो जगह एक रांथी की जगह है,
02:23सर एक सवाल है आपसे कि भारत में आज के दोर में अहिंसा शब्द जो है, जो गांधी जीने उस समय में किया और बिना कोई सस्तर उठाये देश को आजादी दिलाई, आज तो तमाम जो देश हैं बड़े बड़े वो तो आपस में लड़ रहे हैं, अभी हम लोग हाल में प
02:53लग रहा है कि ये दुनिया जो है, ये किस तरफ गांधी की जो फिलोसपी है, क्या वो कहीं भाटकाव लग रहा है, क्यों ऐसा दोर आ रहा है, सारे विश्व में गांधी की अहिंसा को मानते हैं, और United Nations तो अहिंसा को एक दिवस बना दिया 2nd October को, जब भरत में सत्य अहिंस
03:23करता है, और इसको आज की जो आप देख रहे हैं, कि अमेरिका वर्सेस रसिया, वर्सेस उक्रेन, पकिस्तान, भारत, चाइना, ये सारे जो हो रहा है, एक पागलपन है, और इंसा से नहीं चलेगा, योध नहीं चाहिए, सान्ती चाहिए, और ये गांधी का नारा था, इसल
03:53करुना की बाद थी, और सेवा की भावना थी, जो आज इतना देखने को नहीं मिलता है, आज एक materialistic way of life को ज़्यादा दोड़े, पागल दोड़े है, जिको कहते हैं कि हम यांतरिक जीवन चाहते हैं, गांधी ने यांतरिक जीवन को नहीं चाहता, और उन्हें सही कहा था, क
04:23और इतना सारे industrial revolution हुआ है, हम अज ठक चुके हैं, और आखरे में कुन सबसे बड़ा है, ये आंकार है, और एक competition है, जिसको हम कहते हैं कि एक rat competition है, ये चुहों की दौर है, कि दूसरों की लढ़ाई करके, दूसरों की संपतिक आधिकार करके, हम सबसे बड़ा सक्तिसाली बन
04:53समानता चाहते हैं और सरवोदे चाहते हैं, भले ही हम कमजोर है, developing countries हैं, लेकिन हम developed होंगे, और वही सरवोदे होगा, जो महापगान के सपने थे, और सरवोदे, सरवस्भासंकि भी वही vision है, और वही mission है.
05:11Thank you sir, sir, sir ने बताया कि एहंकार और ये जो होड मची हुई है, rat competition, इसी का ये नतीजा है कि विश्व का जो सवरूप है बदल रहा है और गांधी जी ऐसा नहीं चाहते थे, गांधी जी चाहते थे, समानता हो समाज में, खुसहाली हो, लोग सुखी जीवन जी सकें, हमारे सा�
05:41जो भूमिहोनों को देना है, sir, कई दशक निकल गए, जिनका अधिकार था उन जमीनों पर, उनको नहीं मिल पा रहा है, जारखन में जमीने ऐसे ही अटकी पड़ी हैं, लाखों एकर जमीने, और यहां एक एक इंच के लिए गरीब आए दीन जुगी जोपड़ी बनाते हैं
06:11जमी में भी था और लंबे समय तक जेल में रहा हूँ, मार खाई है, रहता हूँ मैं गुजरात में, पिछले 40 साल से गुजरात में हूँ, लेकिन मूलरूप से मैं बिहार का हूँ, दो बातें मुझे कहनी हैं, जो पहले सवाल अपने आदित जी से पूछा था, उसके बाले
06:41और Tony Blair उसमय ब्रेटें के परधान मंत्रे थे, उनके उपस्तिति में उसका उद्गाटन हुआ, तो ब्रेटें के लोगों ने Tony Blair के कहा कि Blair तुम ब्रेटें के परधान मंत्रे हो, जिस ब्यक्तिन है, हमारी सलतनत पूरी दुनिया से उख़़ दी, उसकी प्रतिमा हमारे पार्
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10:03This is the Supreme Court of the Supreme Court. Why are you doing this? Why are you doing this? Why are you doing this? Why are you doing this?
10:12The question is that the Supreme Court of the Supreme Court has come. You are saying that you have been killed.
10:22Why are you doing this? Why are you doing this? Why are you doing this?
10:34Our authority is so important that we will recommend this as a board.
10:41We need staff to build and build a rules. That is a law of law. We can't do that. We can do it.
10:52Though we should do it, we should do it. We should do it.
11:02We should do it. We should do it. But we should do it.