00:00लोहर दगा के शुमन प्रजापती आस्ट्रेलिया में वर्ल्ड बोशिया चैंपियनसीप में भारत का प्रतनी धित्व करेंगे।
00:09शुमन दिव्यांग हैं। बावजूद इनके होसलों की उडान काफी उची है।
00:16साल 2016 में पेड से गिरने की वज़से स्पाइनल इंजूरी आ गई थी जिसके कारण इनके हाथ पैर ने काम करना बंद कर दिया।
00:28इसके बावजूद सुमन ने हार नहीं मानी। शंकल्प लिया की जीवन में कुछ कर दिखाना है। इसी संकल्प के साथ शुमन आगे बढ़ रहे हैं।
00:58वहाँ पर मैंने पार्टिसिपिट किया था और पेर में मैंने सिलोर मेडल जीता था और इंडिविजबल में मैरा फोर्थ रहेंग था। और उसके बाद अभी 9th वोशया चेम्पेनसिब जो 2035 में हुआ अब विशा का पतनाम में। वहाँ पर मैंने पार्टिसेपिट किया
01:28विशाखा पत्नम और ग्वालियर में आयोजित हुई प्रतियोगिता में रजत्पदक जीता था जीवन में कभी हार न मानने के संकल्प के साथ सुमन आज भी कदम बढ़ा रहे हैं सुमन की यह जीत और यह सफर तमाम दिव्यांगों के लिए एक शीक है एक शंकल्प है कि कभ
01:58जिसके बाद वह लगतार आगे कदम बढ़ा रहे हैं इस खेल के परती मुझे एक मेरे भाईया है जो गढ़वाक रहने वाले हैं वो भी डिसेबल है और वो इस गेम को पहले से खेलते हुए आ रहे है तो उनसे मुझे इस बार में पता चला उनका नाम अजय राज है जो इ
02:28हिंडाल को कंपनी ने भी साथ दिया है सुमन को बोसिया गेंद की अवशक्ता थी ऐसे में हिंडाल को कंपनी ने CSR मद के तहत उन्हें बोसिया गेंद उपलब्ध कराई अब वह चाहते हैं कि अपने सपने को पूरा करें और देश के लिए पदक जीत कर लाएं विक्रम ETV �
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