00:00सत्पाल मलिक जी एक बहादूर नेता थे निडर नेता थे निर्भीकता के साथ अपनी बात कहते थे तीनों किसानों के काले कानून के खिलाफ उन्होंने मुखरता से बोला सरकार के अब घस्टाचार के खिलाफ बोला और शायद इसी वज़ा से उनको ये सजा मिली कि मृत्य�
00:30इसका मतलब ये प्रधान मंत्री जी की और इनकी सरकार की एक बहुत ही घटिया मानसिक्ता को प्रदर्शित करता है हम सभी दुखी मंद से सर्त्यपाल मलिक जी को अपनी सद्धानजली अर्पित करते हैं और उनको सर जुपा के उनकी बाहदरी को नमन करते हैं पहले तो द�
01:00दूस्मन भी जो है वह बैर भूल जाते हैं मगर मुझे लगता है सरकार आज भी बैर ने पूल पाई उनकी सेवाओं का मजा खुड़ा है मैं उनके प्रिवार के लिए प्रात्ना करता हूं खुदरत उनको शक्ति देश दुख को सहने की और उनको जो है महाँ प्रूश्व
01:30दूस्त दो कमरों के अलावा हमने साथ कुछ नहीं देखा वार एक लंबा जो है हमारा उनसे रिलेशन रहा है अपने कमरे से आते ते उस टेबल पर बैठते थे एक सोपे पर वहीं उनसे मिलने वाले बैठते थे थिर वापर चले जाते हैं सरकार के बहुत अजंसिया सरकार
02:00वे कहां है जब सीबी आई ने पता किया तो सीबी आई को यह पता हुआ कहां है वह 22 क्रोड रिकवर करें सीबी आई और एक ट्रस्ट मना लें उसके मुख्य ट्रस्ट या देने परधान मंत्री जी बन जा कम सको वो किसान के गरीब के बच्चों की सिक्षा पर खर्च हो जा
02:30उसके बाद सुभा साय आप देख रहे हैं गार्ड और भी नहीं दे लिए एक सम्वैधानिक व्यवस्ता एक परंपरा रही है कि जो आदमी सम्वैधानिक पदपर रह लें उसको सम्मान देती इसमें क्या लग रहा था एक आपकी पार्टी के रास्टे उपाद्धक्स रहे
03:00सब्सक्राइब कोई चीज नहीं है हम लोग किसान होने के नाते और हमारे तो छात्र जीवन से संब्मझ रहे हम लोग बहुत दुखी है अभी मैंने देखा उनका कसूर एक ही था कि वह खुलके बोलते थे
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