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  • 2 days ago
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Transcript
00:00शुर्भी नाम की एक 36 वर्षिय महिला थी जो अपने पती की मृत्यू के बाद अकेली रह गई थी उसका एकलोता सहारा उसका बेटा आरव था उसने अपनी जिन्दिगी का हर पल अपने बेटे की परवरिश और उसकी देखभाल में ही गुजारा जब आरव छोटा था तो स�
00:30लेकिन सुर्भी ने धीरे धीरे उसके बरताव में बदलाव देखना शुरू किया उसकी कुछ आते अब उसे अजीब लगने लगी एक रात जब सुर्भी गहरी नीन्द में थी उसे अपने शरीर पर किसी का सपर्श महसूस हुआ नीन्द में ही उसने अपनी आखे खोली �
01:00लेकिन उसने कुछ नहीं कहा उस रात के बाद सुर्भी ने आरफ के व्यवहार में और भी बदलाव देखना शुरू कर दिया उस रात के बाद से सुर्भी के मन में असमंजस और बेचैनी बढ़ती गई
01:14वह सोचने लगी कि ऐसा क्या हो गया है कि आरफ का व्यवहार अचानक इतना बदल गया
01:20वह कई बार खुद से सवाल करती कि क्या यह उसकी अपनी सोच का कोई भ्रम है या फिर सच में कुछ गलत हो रहा है
01:28लेकिन हर बार उसकी चिंता और असज़ता और बढ़ जाती
01:33आरफ का व्यवहार अब और भी सपष्ट था वहां अक्सर सुर्भी के करीब आने के बहाने ढूंडने लगा
01:39और उसकी नजरों में कुछ ऐसा था जो उसे पहले कभी महसूस नहीं हुआ था
01:45सुर्भी ने कई बार सोचा कि वहां इस बारे में उससे बात करे लेकिन एक अजीब डर उसे हर बार रोग देता
01:53वहां खुद को समझाने की कोशिश करती कि यहां बस एक ध्रम है और शायद आरफ का कोई गलत इरादा नहीं है
02:00लेकिन फिर एक दिन जब वह किचन में काम कर रही थी आरफ अचानक उसके पीछे आकर खड़ा हो गया
02:07उसने धीरे से सुर्भी के कंधे पर हात रखा
02:11सुर्भी का शरीर एक पल के लिए सिहर गया
02:14वह मुड़ी और उसकी आँखों में देखा पर उसकी नजरों में जो देखा उसने उसे और भी असच कर दिया
02:22सुर्भी ने तुरंथ दूरी बना ली और कहा आरफ ये ठीक नहीं है
02:26उसकी आवास में डर और गुसा दोनों थे
02:30आरफ कुछ कहे बिना वहां से चला गया लेकिन उसके चहरे पर एक अजीब सी मुसकान थी
02:36जिसने सुर्भी को और भी परेशान कर दिया
02:38उस दिन के बाद से सुर्भी ने अपने बेटे से दूरी बनानी शुरू कर दी
02:44वह अब उसे अकेले समय नहीं देती थी
02:47और जब भी आरफ घर में होता वह कोशिश करती की हमेशा किसी न किसी काम में व्यस्त रहे
02:52लेकिन उसके दिल में एक डर और बेचेनी हमेशा बनी रहती थी
02:57कुछ दिन बाद उसने अपने एक करीबी दोस्त माया से इस बारे में बात करने का फैसला किया
03:04Maya 있어 that they could be Tell by Arav with a human mind
03:12She would know that they could see this in the dead
03:13But today she decided to draw a high value to focus on it
03:14She had thought that she went through all ready
03:16but
03:21that took lut from back to the mortal буд
03:24Her voice went through song
03:25And then she moved on SHEIL
03:30उस रात जब आरव घर लोटा, सुर्भी ने हिम्मद जुटा कर उससे बात करने का फैसला किया.
03:36आरव अपने कमरे में था.
03:39सुर्भी धीरे से दर्वाजे के पास गई और अंदर जाका.
03:43वह उसे सहज दिखने की कोशिश करते हुए बोली आरव हमें बात करनी होगी.
03:48उसकी आवाज में एक हलकी सी सक्ती थी जिसे आरव ने तुरंत महसूस किया.
03:54आरव थोड़ा हैरान हुआ लेकिन उसने कहा क्या हुआ मा?
03:58सब ठीक है.
04:00सुर्भी ने गहरी सांस ली और उसके पास बैठ कर धीरे से कहा
04:04तुम्हारे और मेरे बीच कुछ ऐसा हो रहा है जो बिल्कुल ठीक नहीं है.
04:09तुम्हारा व्यवहार बदल रहा है और मैं समझ नहीं पा रही हूँ कि क्यों?
04:15आरव ने कुछ देड़ तक कुछ नहीं कहा उसकी आखे जुकी हुई थी.
04:20लेकिन फिर उसने नजरे उठाई और कहा मा मुझे समझ में नहीं आ रहा कि मैं क्या कर रहा हूँ.
04:27लेकिन मैं भी खुद को रोक नहीं पा रहा हूँ.
04:29शुर्भी यह सुनकर अंदर से तूट गई लेकिन उसने खुद को मजबूत बनाये रखा.
04:36उसने धीरे से कहा ये जो भी है इसे हमें अभी रोकना होगा.
04:41मैं तुम्हारी मा हूँ और तुम्हारे साथ मेरा रिष्टा ऐसा नहीं हो सकता.
04:47हम दोनों को अपनी भावनाओं पर नियंतरन रखना होगा.
04:51आरफ की आंखों में आंसु आ गए और वह बोला मुझे माफ कर दो मा.
04:55मैं नहीं जानता था कि मैं क्या कर रहा हूँ.
04:58सुर्भी ने उसके कंदे पर हात रखा और कहां मैं समझती हूँ कि तुम्हें एक मुश्किल दौर से गुजर रहे हो लेकिन हमें इस परिस्थिती से निकलने का रास्ता ढूर्णना होगा.
05:10मैं तुम्हारे साथ हूँ, लेकिन हमें इस समस्या को सुल्जाना होगा चाहे इसके लिए कुछ भी करना पड़े.
05:18उस रात के बाद सुर्भी ने आरव के लिए काउंसलिंग का इंतिजाम किया ताकि वह अपनी भावनाओं को समझ सके और सही मार्ग पर लोट सके.
05:27धीरे धीरे आरव का व्यवहार बदलने लगा और वह अपने जीवन में संतुलन पाना शुरू कर दिया.
05:34सुर्भी ने भी खुद को संभाल लिया और दोनों ने अपने रिष्टे को फिर से एक स्वस्त और सही दिशा में आगे बढ़ाया.
05:42सुर्भी जानती थी कि यहां आसान नहीं था लेकिन उसने अपने बेटे को सही रास्ते पर लाने के लिए जो भी किया वह उसके लिए आवशक था.
05:51सुर्भी ने कांसलिंग के साथ साथ आरव के साथ अपने रिष्टे में नई सीमाएं तै करना शुरू कर दिया.
05:59अब वह हर समय उसे समझाने और सही दिशा दिखाने की कोशिश करती.
06:03उन्होंने अपने रिष्टे को लेकर खुल कर बात की ताकि दोनों को यह समझ में आएं कि उनके बीच की दूरी और भावनाओं का भटकाव कैसे रोका जा सकता है.
06:13आरफ धीरे-धीरे बदलने लगा.
06:17काउंसलिंग ने उसे अपने भीतर के संघर्षों और भावनात्मक अस्थिर्था को समझने में मदद की.
06:23वह जानने लगा कि उसकी उम्र में होने वाले शारिरिक और मानसिक बदलावों का सामना कैसे करना चाहिए.
06:30उसके अंदर पहले जो उल्जन थी वह अब साफ होने लगी.
06:35काउंसलर की मदद से उसने यह सीखा कि उसके और उसकी मा के बीच एक विशेश प्रकार का सम्मान और सीमाए होनी चाहिए जो एक स्वस्त और सामान्य रिष्टे की नीव होती है.
06:46सुर्वी भी इन सत्रों में शामिल हुई जहां उसने सीखा कि इस मुश्किल दौर में उसे धहर्य और समझदारी से काम लेना होगा.
06:55उसने अपने खुद के भी भावनात्मग घावों को भरने की कोशिश की क्योंकि वह जानती थी कि अगर वह खुद मजबूत नहीं रहेगी तो आरव की मदद भी नहीं कर पाएगी.
07:06समय बीटता गया और आरव ने अपने आपको एक नई दिशा में ढाल लिया.
07:12उसने अपनी पढ़ाई और दोस्तों पर ध्यान देना शुरू किया और धीरे-धीरे वह सामान्य जीवन की ओर लोटने लगा.
07:20माम बेटे के रिष्टे में जो तनाव था वह धीरे-धीरे कम हो गया.
07:25कुछ महीने बाद सुर्भी ने महसूस किया कि अब आरव पहले जैसा बन रहा है एक जिम्मेदार और समझदार यूवक.
07:32उन्होंने आपस में जो कठिन बाते की थी, उनका असर साफ दिखाई देने लगा.
07:38दोनों ने उस कठिन समय को पीछे छोड़ कर अपने रिष्टे को फिर से मजबूत बनाया.
07:44सुर्भी को एहसास हुआ कि एक मा के रूप में उसकी जिम्मेदारी सिर्फ अपने बेटे की परवरिश करना ही नहीं, बल्कि उसकी भावनात्मक दिशा को भी सही रास्ते पर ले जाना था.
07:56उसने अपने और आरव के बीच आई उस खाई को समझदारी और प्यार से पाटने का प्रयास किया.
08:03आखिरकार जीवन फिर से सामान्य हो गया.
08:06आरव अपने भविश्य की और ध्यान देने लगा और सुर्भी ने भी अपने जीवन में नए सपनों और खुशियों की खोच शुरू कर दी.
08:14उस कठिन दौर ने दोनों को और भी मजबूत बना दिया था.
08:19जैसे जैसे समय बीता गया सुर्भी और आरव दोनों ने अपने जीवन में संतुलन पा लिया.
08:25आरव अप कॉलेज की पढ़ाई में व्यस्थ हो गया और अपने करियर के बारे में गंभीरता से सोचने लगा.
08:33उसकी दोस्ती का दाइरा बढ़ने लगा और वह नए लोगों से जुड़ने लगा जिससे उसकी सोच और दृष्टिकोन और व्यापक हो गई.
08:41सुर्भी ने भी अपने जीवन में बदलाव लाना शुरू किया.
08:45अब वह केवल एक मा के रूप में नहीं, बलकि एक स्वतंत्र महिला के रूप में भी खुद को देखने लगी.
08:52उसने अपने पुराने शौक और रुचियों की और फिर से ध्यान देना शुरू किया जो उसने पती की मृत्यू और बाद की कठिनाईयों के चलते छोड़ दी थी.
09:02उसने योग कक्षाएं शुरू की और स्थानिय सामुदाई केंडर में कुछ सामाजिक कारियों में भाग लिना शुरू किया.
09:10आरव की काउंसलिंग कुछ महीनों तक चलती रही और अब वह पूरी तरह से मानसिक और भावनात्मक रूप से संतुलित महसूस कर रहा था.
09:31उसने वल माम बेटे का प्यार था बलकि एक आपसी समझदारी और सम्मान भी था.
09:37एक दिन सुर्भी ने माया से मुलाकात की.
09:40दोनों ने अपनी पुरानी बाते याद की और सुर्भी ने माया को धन्यवाद दिया क्योंकि उसकी सला ने उसकी जिन्दगी में बड़ा बदलाव लाया था.
09:50माया ने मुस्कुराते हुए कहा तुमने बहुत हिम्मत दिखाई सुर्भी.
09:54हर मा को इस तरह की परिस्थितियों में इतनी मजबूती दिखाने की जरूरत होती है.
10:00सुर्भी ने महसूस किया कि उसकी जिन्दगी अब एक नए अध्याय में प्रवेश कर रही थी.
10:06उसने खुद से वादा किया कि वहा अबना केवल एक मा बलकि एक व्यक्ति के रूप में भी अपने जीवन को खुशाल बनाएगी.
10:14उसने नए रिष्टों के लिए अपने दिल के दर्वाजे भी खुले रखे यहा समझते हुए कि जिन्दगी सिर्फ मातरित्व या अकेलेपन तक सीमित नहीं है बलकि इसमें कई नए अवसर और खुशिया छिपी हुई है.
10:28आखिरकार समय के साथ सब कुछ ठीक होने लगा.
10:31आरव अपने करियर और जीवन में आगे बढ़ने लगा और सुर्भी ने अपने लिए एक नए पहचान बनाई.
10:38दोनों ने उस कठिन दौर से बहुत कुछ सीखा था मजबूती समझ और एक दूसरे के लिए बिना शर्ट का प्यार.
10:46अब उनके जीवन में शांती और स्थिर्टा लोट आई थी और दोनों ने महसूस किया कि कठिनाईया भी हमें जीवन में आगे बढ़ने का मौका देती हैं, बशर्टे हम उनका सामना हिम्मत और धहर्य से करें.
10:57शुर्भी और आरव की जिन्दगी अब एक नई दिशा में आगे बढ़ रही थी.
11:04जीवन में जो कड़वे अनुभव उन्होंने साजा किये थे वे अब उन्हें और भी मजबूत और समझदार बना चुके थे.
11:12आरव अब अपने कॉलेज के अंतिम वर्ष में था और उसकी रुची तक्नी की ख्षेतर में थी.
11:18उसने एक स्टार्ट अप शुरू करने का सपना देखा और उसके लिए पूरी मेहनत से जुटा हुआ था.
11:25सुर्भी ने उसके सपनों का समर्थन किया और उसे प्रेरित किया कि वहाँ अपने जीवन में बड़ा मुकाम हासिल करें.
11:32एक दिन जब आरव ने सुर्भी से कहा कि उसे एक बड़ी कंपनी में इंटरनेशिप मिल गई है, सुर्भी की आंखों में गर्व जलक उठा.
11:41उसने महसूस किया कि उसका बेटा अब न केवल एक सफल इंसान बनने की और बढ़ रहा है, बलकि भावनात्मक रूप से भी परिपक्व हो चुका है.
11:51वे दोनों अब एक दूसरे के साथ खुल कर बाते करते थे और उनके रिष्टे में वहाँ पहले की तरह की असहचता नहीं थी.
11:59सुर्भी की अपनी जिन्दिगी भी अब नई दिशा में चल रही थी.
12:03उसने एक छोटे से व्यावसाई की शुरुवात की जिसमें वहा हस्तशिल्प और स्थानिय कलाकारों के उत्पादों को बेचती थी.
12:12यहाँ काम उसे न केवल आत्मनिर्भर बना रहा था बलकि उसने अपने जीवन में एक नई पहचान भी महसूस की.
12:20अब वह न केवल आरफ की मा थी बलकि एक स्वतंत्र और सफल महिला भी थी.
12:25एक दिन माया ने सुर्भी से कहा तुम्हारी जिन्दगी में जो बदलाव आए हैं, वे वाकई अद्भुत है.
12:33तुमने जिस तरह से अपने और आरफ के रिष्टे को संभाला है, वह किसी भी मा के लिए प्रेरना दायक है.
12:40सुर्भी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया मुझे लगता है कि मुश्किल समय हमें बदलने और सीखने का मौका देता है.
12:47मैंने भी यही किया.
12:48और सबसे बड़ी बात मैंने अपने बेटे को सही दिशा में चलते देखा यही मेरे लिए सबसे बड़ी जीत है.
12:57आरफ की इंटरनशिप सफल रही और उसने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अपने स्टार्ट अप पर भी काम करना शुरू कर दिया.
13:04सुर्भी ने उसकी हर सफलता को मनाया और उसकी हर असफलता में उसे प्रोचसाहित किया.
13:11वे अब न केवल माम बेटे थे बल्कि अच्छे दोस्त भी बन गए थे.
13:16समय बीता गया और एक दिन आरव ने सुर्भी से कहा मा मैं सोच रहा हूं कि अब मेरे जीवन में सब कुछ सही दिशा में है तो मैं चाहता हूं कि तुम भी अपने जीवन में और खुश्या ढूंडो.
13:29तुमने मेरे लिए बहुत कुछ किया है अब तुम्हें अपने लिए भी जीना चाहिए।
13:34सुर्भी उसकी बात सुनकर भावुक हो गई।
13:38उसने महसूस किया कि अब वक्त आ गया है कि वहाँ अपने जीवन को और भी खुल कर जिये।
13:44उसने अपने दोस्तों के साथ यात्राएं करने का सोचा नए रिष्टों और अनुभवों को अपनाने के लिए खुद को तयार किया।
13:52आरव और सुर्भी दोनोंने अब जीवन को एक नए नजरिये से देखना शुरू कर दिया था।
13:58उन्होंने सीखा कि मुश्किलों का सामना करने से व्यक्ति और मजबूत होता है और सबसे बड़ी बात यहां की प्यार और समझदारी से हर रिष्टे को बहतर बनाया जा सकता है।
14:09आखिरकार उनकी जिन्दगी ने एक खुशाल और संतुलित मोड ले लिया था।
14:14दोनों ने अपने अपने रास्तों पर आगे बढ़ते हुए एक दूसरे का साथ देना और साथ में खुशियां बाटना जारी रखा।
14:22समय ने सुर्भी और आरव के जीवन में स्थीरता और संतुलन को और मजबूत कर दिया था।
14:28आरव अपने स्टार्टप को सफलता की ओर ले जा रहा था और सुर्भी का व्यवसाय भी धीरे-धीरे फलफूल रहा था।
14:36उनके रिष्टे में अब एक परिपक्वता और गहराई आ गई थी जहां वे एक दूसरे को समझने और सहयोग देने में पूरी तरह सक्षम थे।
14:45सुर्भी ने अपने जीवन के उन कठिन पलों को पीछे छोड़ते हुए नई दिशाओं में आगे बढ़ना शुरू किया।
14:53उसने अपनी खुद की स्वतंत्र पहचान बनाई थी और अब वह सिर्फ मा नहीं बलकि एक प्रेरनादायक महिला बन चुकी थी।
15:01उसने कई महिलाओं के साथ अपने अनुभव साजा किये जो जीवन में कठिन परिस्तितियों का सामना कर रही थी।
15:09वह एक प्रेरक्ट वक्ता भी बन गई जहां उसने महिलाओं को अपने आत्म सम्मान और साहस को मजबूत बनाने के लिए प्रेरित किया।
15:17आरव ने भी अपनी मा से बहुत कुछ सीखा।
15:21उसने देखा कि कैसे सुर्भी ने अपनी मुश्किलों का सामना किया और जीवन में आगे बड़ी।
15:28यहां देखकर उसने अपने खुद के जीवन में भी मुश्किलों को अवसरों में बदलने की ताकत पाई।
15:33He had a great deal with his company.
16:03. . . . . .
16:33He has been working with new people in the world and has been working with new people in the world.
17:03ुपुष रुष पर तै किया है।
17:33foreign
17:40foreign
17:43foreign
17:47foreign
18:01इस तरह सुर्भी और आरफ की कहानी न केवल कठिनाईयों को पार करने की थी बल्कि यह भी दिखाती थी कि कैसे कठिनाईयां हमें मजबूत समझदार और स्वतंत्र बनाती हैं।
18:12उन्होंने अपनी जिंदगी को अपने तरीके से समवारा और अब वे दोनों अपने भविश्य की और आत्म विश्वास और उमीद के साथ देख रहे थे।
18:21समय बीता गया और सुर्भी और आरफ की जिंदगी में स्थिर्था और संतुलन के साथ नए आयाम जुडने लगे।
18:29सुर्भी ने अपनी किताब लिखना शुरू कर दिया था।
18:33उसने अपनी जिंदगी के उतार्चधाव संघर्षों और उन कठिनाईयों के बारे में लिखा जो उसने जेली थी साथ ही यह भी की कैसे उसने और आरफ ने मिलकर हर चुनौती का सामना किया।
18:46किताब का शीर्शक था नए रास्ते नई शुरूआत।
18:49इसमें उसने उन सभी चीजों को समेटा जो उसने जीवन से सीखी थी।
18:54माहोने के नाते एक महिला के रूप में और एक इंसान के रूप में।
19:00जब उसकी किताब प्रकाशित हुई उसे लोगों से जबरदस प्रतिक्रिया मिली।
19:06कई महिलाएं और परिवार उसके अनुभवों से प्रेरित हुए।
19:10सुर्भी को विभिन प्लाटफॉर्मों पर बोलने के लिए आमंत्रित किया जाने लगा
19:14जहां वह अपने जीवन की कहानी साजह करती और दूसरों को मुश्किल वक्त में हिम्मत बनाये रखने के लिए प्रेरित करती।
19:21उसकी कहानी सिर्फ उसकी नहीं रह गई थी वह एक मिसाल बन चुकी थी उन लोगों के लिए जो अपने जीवन में किसी भी तरह की कठिनाईयों का सामना कर रहे थे।
19:32आरव इस दौरान अपने स्टार्टप को नई उंचाईयों पर ले जा चुका था।
19:36उसकी कंपनी अब अंतराश्य स्तर पर फैल चुकी थी और उसने एक नई टीम बनाई थी जो दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में काम कर रही थी।
19:46उसकी महनत और समर्पन ने उसे एक सफल उद्यमी बना दिया था।
19:51लेकिन इस सफलता के बीच भी उसने कभी अपनी जड़ों को नहीं भूला।
19:57वह हमेशा अपनी मा के साथ खड़ा रहा और जब भी उसे जरूरत पड़ी वह सुर्भी से सलाह लेता था।
20:04फिर एक दिन आरव ने सुर्भी से कहा मा मैं सोच रहा हूं कि अब हमें एक नई शुरुआत करनी चाहिए।
20:11मैं चाहता हूं कि हम दोनों एक साथ कुछ नया करें, कुछ ऐसा जो समाज को वापस दे सके।
20:18सुर्भी ने उसकी ओड देखा और मुस्कुराते हुए कहा तुम्हारा क्या विचार है, आरव ने उत्सा से कहा मैं एक फाउंडेशन शुरू करना चाहता हूं, जो मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक समस्याओं पर काम करें।
20:31हमारे जैसे कई लोग हैं, जो किसी ना किसी कठिनाई से गुजरते हैं, लेकिन उन्हें मदद और मार्ग दर्शन नहीं मिलता, हम उन्हें सही दिशा दिखा सकते हैं।
20:43सुर्भी इस विचार से बेहत प्रभावित हुई। उसने तुरंट हामी भरी और दोनों ने मिलकर उस फाउंडेशन की शुरुवात करने का फैसला किया।
20:53फाउंडेशन का नाम रखा गया नई दिशा जिसका उद्देश शता लोगों को मानसिक स्वास्थिके प्रती जागरूप करना, रिष्टों में आई दरारों को भरने में मदद करना और परिवारों को एक जुट रखने के लिए परामर्ष सेवाय प्रदान करना।
21:07फाउंडेशन की शुरुआत के कुछ ही समय में यह एक सफल पहल बन गई। लोगों को इससे बहुत मदद मिली और सुर्भी और आरव ने खुद वहां परामर्ष दिना शुरू कर दिया।
21:19सुर्भी के अनुभव और आरव की समझदारी ने मिलकर कई परिवारों और व्यक्तियों को उनकी जिन्दगी में नई दिशा दी। इस काम ने दोनों को और भी करीब ला दिया।
21:30वे अब सिर्फ माम बेटे नहीं थे बलकि दो साथी भी थे जो समाज को कुछ देने के लिए एक जुट थे।
21:38सुर्भी की किताब और उनके फाउंडेशन ने उन्हें समाज में एक सम्मानित स्थान दिलाया था।
21:44कुछ सानों बाद जब सुर्भी ने एक बड़े सेमिनार में अपनी कहानी साजा की उसने अंत में कहां जिंदगी में हर मुश्किल हमें गिराने नहीं बलकि उठने और और भी मजबूत बनने का मौका देती है।
21:56हर तूफान के बाद एक नई शुरुआत होती है और अगर हम हिम्मत नहारे तो हम उस नई शुरुआत को सुन्दर बना सकते हैं।
22:05उसके ये शब्द वहां मौजूद हर शक्स के दिल को छूगए।
22:09सुर्भी और आरव की यात्रा सिर्फ एक व्यक्तिगत जीत नहीं थी बलकि एक प्रेरना थी उन सभी के लिए जो मुश्किलों के बीच अपने जीवन में उम्मीद की किरन ढूंड रहे थे।
22:21सुर्भी और आरव ने साबित कर दिया था कि अगर इंसान अपने रिष्टों और भावनाओं को समझदारी से संभाले तो जीवन में हर कठिनाई के बाद भी खुशी और सफलता पाई जा सकती है।
22:33उनकी यह यात्रा कभी न खत्म होने वाली थी। हर दिन एक नई शुरुवात हर कदम एक नई दिशा।
22:41सुर्भी और आरव की जिंदगी में उनके फाउंडेशन नई दिशा की सफलता के साथ एक नई उर्जा आ चुकी थी।
22:48फाउंडेशन ने न सिर्फ लोगों की मदद की बलकी समाज में मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक संबंधों को लेकर जागरुकता भी फैलाई।
22:59अरव को कई राश्ट्रिय और अंतराश्ट्रिय मंचों पर आमंत्रित किया जाने लगा जहां वह अपने अनुभव और सीख को साझा करती थी।
23:08हर बार जब वह बोलती लोगों को एक नई उम्मीद मिलती।
23:12आरव भी अपने काम के साथ साथ फाउंडेशन के विकास में दिल्चस्पी लेने लगा।
23:18उसकी कमपनी अब बहुत बड़े पैमाने पर काम कर रही थी लेकिन उसने फाउंडेशन के लिए समय निकालना कभी नहीं छोड़ा।
23:26उसने फाउंडेशन के लिए टेकनोलोजी का इस्तिमाल करके लोगों को और बहतर सेवाएं प्रदान करने की योजना बनाई।
23:33उसने एक मोबाइल एप और वेबसाइट शुरू की जहां लोग बिना जिजक अपनी समस्याएं साजा कर सकते थे और तुरन सहायता प्राप्त कर सकते थे।
23:42इससे फाउंडेशन को और भी अधिक पहुँच मिली और अब देश भर के लोग चाहे वह छोटे शहरों में हो या गावों में फाउंडेशन की सेवाओं का लाब उठा सकते थे।
23:54फाउंडेशन की सफलता के साथ साथ सुर्भी की किताब नए रास्ते नई शुरुवात भी एक बेस्ट सलर बन गई।
24:02उसने कई भाशाओं में अनुवाद होने के बाद अंतराश्रियस तर पर भी लोग प्रियता हासिल की।
24:08सुर्भी ने इस किताब के जरिये महिलाओं को अपनी आवाज खोजने और समाज में अपनी पहचान बनाने के लिए प्रेरित किया।
24:17उसकी कहानी अब दुनिया भर की महिलाओं के लिए एक प्रेरना बन चुकी थी।
24:22इस बीच सुर्भी के जीवन में एक और नया मोड आया।
24:26माया ने सुर्भी से कहा तुम्हारी जिंदगी में अब इतनी स्थिर्ता और शांती आ गई है।
24:32क्या तुमने कभी सोचा है कि तुम्हें अब अपनी जिंदगी में एक साथी की भी जरूरत हो सकती है।
24:38सुर्भी ने हंस्ते हुए जवाब दिया मैंने इस बारे में कभी गंभीरता से नहीं सोचा माया।
24:44लेकिन अब मैं जिंदगी के इस दौर में हूँ, जहां मैं खुद को पूरी तरह संतुष्ट महसूस करती हूँ।
24:51अगर भविश्य में ऐसा कुछ होता है तो मैं उसे खुले दिल से स्वीकार करूँगी।
24:57कुछ महीनों बाद एक सम्मेलन के दौरान सुर्भी की मुलाकात एक व्यक्ति अर्जुन से हुई जो एक मानसिक स्वास्थ्य विशेशग्य और सामाजिक कार्य करता था।
25:07अर्जुन ने भी जीवन में कई उतार्च धाम देखे थे और उसके पास भी दूसरों की मदद करने का जुनून था।
25:15सुर्भी और अर्जुन के बीच धीरे-धीरे गहरी दोस्ती हो गई।
25:19दोनों के विचार मिलते थे और एक दूसरे के साथ समय बिताने से उन्हें नया दृष्टिकोन और प्रेरना मिलती थी।
25:27आरव भी अर्जुन से मिला और उसने देखा कि उसकी मा के जीवन में कोई ऐसा व्यक्ति आ रहा था जो उसे समझता था और सम्मान करता था।
25:37उसने अपनी मा की खुशी में खुशी महसूस की और उसे प्रोटसाहित किया कि वह अपने जीवन में इस नए रिष्टे को एक मौका दे।
25:46समय के साथ सुर्भी और अर्जुन का रिष्टा और भी गहरा हो गया।
25:51दोनों ने एक दूसरे के साथ जीवन के बाकी सफर को साजह करने का निरने लिया।
25:57उन्होंने शादी नहीं की लेकिन साथ रहने का निरने लिया जहां वे दोनों अपने अपने कामों में एक दूसरे का साथ देते और समाज की भलाई के लिए काम करते रहे।

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