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Transcript
00:00क्या ढूंदे रही है जंगल में सकीना
00:30या बाबा कसी ना गूंदे रही है जंगल में सकीना
00:45बाबा कसी ना गूंदे रही है
01:00रहा सके बाबा कसी ना गूंदे रही है जंगल में सकीना
01:06कानों से चलेगा हर और आगे थी दामन में धबराई हुई बच्ची
01:25केहती रही रन में रह कोई जो मुझे को हुचा के बदीना
01:38काहो मेरे ही रहे देल सकी आगा सिके बाद मुझे बाद कसी आगा
01:55केहती थी के अस्वर को ले आओ मेरे बाबा सुना नजर आता है भाई का मेरे जूला
02:12इस वर के वागे देल जिको नहीं जीना
02:20आगो मेरे ही रहे देल सकी आगा सिके बाद मुझे बाद मुझे बाद मुझे लौख कसी आगा
02:38जद पर है मजालिम की ये पुली सी मासूमा
02:46वक्तल से कहाँ आए शाबीर की मज्लूमा
02:55वो दुर्ण का खाना वो आश्म का पीना
03:03जागों ये ही दे दे दे दे लिसकी आए
03:12वाह सिर्के बादू या वाह कसी आए
03:20मुश्किल में घिरी हाए ऑलादे नबी कहसी
03:29इस दस्त मुझीबत में है तस्नाना भी कैसी
03:38आया नहीं अब तक सास्ता सकी आए
03:46वाह में रही है दे दे लिसकी आए
03:55वाह सिर्के बादू या वाह कसी आए
04:03कहती थी सिदा दे है भाई जो मेरे प्यासे
04:12जब तक नहीं लोगेंगे अम्मू मेरे दरिया से
04:20कहने दे दे लिसकी आए
04:25वाह मेरे प्याए
04:29वाह मेरे दे लिसकी आए
04:38वाह सिर्के बादू या वाह कसी आए
04:46ये शामर के जिना में दीवारों को तकती है
04:55क्या सोच के ये जाने धिन रात से सकती है
05:03च्छी हर चचा से जब से ये खजी आए
05:12वाह मेरे रही है दे लिसकी आए
05:21वाह सिर्के बादू या बाद कसी आए
05:29वो वक्ते जुदाई वो फाला थे की मजबूरी
05:38सरवर से सकीना की अब तक ना मेटी दूरी
05:47वक्त तल में अंगोटी है जिन्दा में रगीना
05:56वाह मेरे ही है दे लिसकी आए
06:05वाह सिर्के बादू या बाद कसी आए
06:13असरू के अबादत हो तुम शामों सहर में संग्
06:22कहते हैं यही लोके दिन रात जबर में संग्
06:30आए नजर सकीना करश को खजीना
06:39आगों रही है जिन्गर सकीना
06:47वाह सिर्के बादू या बाद कसी आए
06:56वाह सिर्के बाद कर दो
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