रीना मुखर्जी — एक जानी-मानी पत्रकार, जिसने The Statesman जैसे प्रतिष्ठित अख़बार में अपने साथ हुए यौन और पेशेवर उत्पीड़न के खिलाफ आवाज़ उठाई। साल 2002 में, उन्होंने अपने सीनियर पर यौन शोषण का आरोप लगाया और कुछ ही हफ्तों में उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया।
इस वीडियो में हम बताते हैं कि कैसे एक महिला पत्रकार ने अदालत की चौखट पर न्याय के लिए 10 साल लंबी लड़ाई लड़ी और आखिरकार सच की जीत हुई।
यह कहानी सिर्फ रीना की नहीं है, बल्कि हर उस महिला की है जिसने #MeToo मूवमेंट के तहत चुप्पी तोड़ी थी। Vishaka Guidelines, Workplace Harassment और Women Empowerment जैसे विषयों पर यह मामला एक मील का पत्थर है।
⚖️ जानिए कैसे Industrial Tribunal और फिर Kolkata High Court ने इस केस को देखा।
📌 अगर आप चाहते हैं कि कार्यस्थल पर महिलाएं सुरक्षित महसूस करें — इस वीडियो को ज़रूर देखें और साझा करें।
🎥 Satyanveshi चैनल पर हम लाते हैं सच्चे घटनाक्रमों के पीछे की असल कहानियां।
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00:20Reena Mukherjee and Reena Jamshirjee, Karisthalpur Yonit Piranthi's case, 10 years ago, lived and lived and lived.
00:26This case, he used to be in Kolkata's famous story, the state man's news coordinator, Yishan Joshi.
00:3310 years ago, the defamation suit after Rina Mukherjee and Reena Jamshirjee took place.
00:39We listened to the story of Reena Mukherjee and Reena Mukherjee.
00:43I was joined by Kolkata.
00:50I was joined by Kolkata.
00:57I had a career with leading media houses and I had a PhD and UGC fellowship.
01:05I had a career in the US.
01:07I had a career in the US.
01:11My husband had a career in the US.
01:14I had a career in the US.
01:16I had a career in the US.
01:19I had a career in the US.
01:23I had a career in Finland.
01:29I had a career today at the US.
01:43I will try to argue with my boss's complaint.
01:50I have a complaint with Chief Reporter.
01:53I had a complaint with court hearing that I would go and have a complaint with Monkey.
02:01Which was formal complaint didn't have happened.
02:05But as soon as it was not, I had to abuse.
02:08But I could have a complaint with.
02:10gdzieś there
02:13had her
02:26she could do anything
02:29but in the news room
02:30she could go
02:31if she could be
02:31when she could veo
02:32召喚
02:33as if so
02:34she田
02:36always�에서
02:36took around
02:37she could be
02:38no part without
02:39अबस्ट करना मेरे भी मुश्किल होता था।
03:09और editor in chief को सीधर report करता था
03:12उसकी कई हर बात सभी के लिए
03:14एक पत्थर की लखीर सी होती थी
03:15मुझे पता चला कि
03:18मेरी ही तरह एक और लड़की के साथ
03:19वो ऐसा ही बताओ करता था
03:21पर जब उसने आवाज उठाई
03:22तो इशान ने उसको नौगरी से निकाल दिया था
03:39I don't know.
04:09बात तब की है जब चीफ एडिटर छुट्टी पे था इसके बात तो इशान के जैसे पर निकलाये थे. उस समय तो उसने मुझे हैरस करने की सारी हदे पार कर दी. अभी तक आफिस में मेरे कई दोस्त बन गए थे. हाला कि ये सब पहले से जानते थे. फिर वे मैं कोशिश कर �
04:39चलने की ठान ली. उसने मुझे रिजाइन करने को बोला. उसने ये मेंशन किया कि मैं इस जाब में फिट नहीं हूँ. एक तरफ वो आज तक सब के सामने मेरी तारीफ करता आ रहा था और अब बोल रहा था कि मैं इस जाब के लिए फिट नहीं हूँ. मैंने इस बात को ची�
05:09maafi maungi, or ye jatane ki
05:11puri kojish ki ki joh huwa so huwa
05:13usse bhuul jau. Mager
05:15mayre hošt tab uđ gae, jab unho ne
05:17mucz se Ishaan ke saad kompromise karne ko bola.
05:2025 September
05:212002 ko muczhe eek mahenne ka
05:23notice dya jaja chuka tha, jisko
05:25maynay sirhe ze nakaar diya tha.
05:27Isse pahle muczhe mayri performance ko
05:29lekar kooy bhi warning ya e-mail nahi
05:31bheji gai thi. Muczhe kooy
05:33kompromise nahi karna tha, or apni image
05:35or position ko waapas bana tha.
05:37Maynay lardnay ka faysela kiya.
05:38Mager maynay socha bhi nahi tha, or
05:4112 October 2002 ko bina kishi
05:43reason ke, achanak mayri services ko
05:45finally terminate kar dya gya.
05:47Eek dhin ka bhi notice nahi dya gya.
05:50Shuru ke dhu week to muczhe
05:51laga ki muczhe azadhi mil gai hai, mager
05:53tisre week se mahi depression mein jane legi.
05:55Mere dhimag meh ya hi ghumta rata tha
05:57ki eek toh maynay sab ke sámane
05:59Ishaan ki gandhi harqaton ko jhela
06:01اور uske baad muczhe hi inaukari se nikal dhiya gya.
06:04Merehi self respect ki
06:05dhajjee aond chukhi thi. Mager
06:07abhi tuk is bárhe meh mirei pati ko kuch
06:09meh nahi pata tha. Mera depression
06:11bada raha tha, jiske chalte akir kar
06:13meneh apne pati ko sab kuch bata diya
06:14اور phir joh kuch bhi huwa, o duniya ke sámane hai.
06:18Sabse pahle meneh company
06:19ke khilaaf police complaint darch ki
06:20jiski chanj bhut hi slow rahi.
06:23Uske baad meneh eek online consulting
06:25firm ko contact kiya, jinnohne
06:27mujhe eek NGO sahita se connect kara ya.
06:29Ye NGO pahle wii
06:30car sister per yon student ko lhe kar
06:32kai muddha uđtha chukha tha.
06:34Mere jab office ke kolleague se baat hoi
06:36to mere immediate boss, chief reporter
06:39hunne daya to dikhayi, mager
06:40unnohne ye bhi kaha ki, ishan josi ke khilaab
06:42koye bhi action lena tumko mehenga padega
06:44kyunki woha eek powerful family
06:46se aata hai, aur uske political connection
06:49bhi bhoat strong hai.
06:51Mujhe is tarhe ke negative response
06:52bar bar miltay rahe, mager
06:54iske opposite, mujhe encourage karne valo
06:56ki bhi koye kami nahi thi.
06:58The statesman ke fourth class employee
07:00ne bhi mera utna hi saat diya,
07:01jitna senior most editors, finance, accounts
07:04और technical staff members
07:05ne dhiya.
07:07Meree written complaint pere
07:08NWMI ne bhi turent action lena
07:10شروع kar dhiya.
07:12Is puree vaqeo ko
07:12jiasse jiasse badawaa mil raha
07:14tha, wiesse hii loogun ka
07:15support bhi bada ta jara raha tha.
07:17Dhirhe dhirhe
07:18dousre media houses bhi
07:19mere support me a gaye thay.
07:21The statesman ke khilaab
07:23Kolkata
07:23और दिल्ली
07:24दोनों ही जगा
07:25negative परचार
07:26होता जा रहा था.
07:27Mera case
07:28West Bengal
07:28Commission of Women
07:29के सामने गया
07:30जिन्होंने
07:31The statesman को
07:32इस case की
07:33investigation करने को
07:34बोला.
07:35मैंने
07:35इस speech
07:35State Labor Department
07:37के Commissioner
07:37Office में भी
07:38अपनी illegal
07:39termination की
07:39याचिका दाखिल कर दी.
07:41The statesman
07:41ने
07:42State Labor की
07:42याचिका को
07:43नकार दिया
07:44और
07:44कॉपरेट करने
07:45से मना कर दिया
07:45जिसके बाद
07:46ये याचिका
07:47Industrial Tribune के पास गई.
07:49मेरा case
07:50योन पीडन के
07:50rare cases में ते था
07:52जिसने मुझे
07:53illegally terminate किया गया था
07:54और इसलिए
07:55मुझे
07:55वकील मिलने में
07:56भी परिशानी हो रही थी
08:12समय आ चुका था
08:13जो सबसे कटिन था
08:14कोर्ट में
08:15हीरिंग शुरू हो चुकी थी
08:16हमारे भारतिये
08:18कोर्ट रूम में
08:18ऐसा समय कई बार आता है
08:19जब आपको
08:20अरूपी से भी
08:21ज्यादा बुरा फील होता है
08:22सबी जानते हैं
08:24कि कोर्ट केस में
08:24जाने के बाद
08:25वो हमेशा के लिए
08:26कोर्ट में ही रह जाता है
08:27और मेरे साथ
08:28भी ऐसा ही हो रहा था
08:29शुरू के कुछ महीने
08:31तो उनके वकील
08:32हेरिंग की तारीख
08:33ही बढ़वाते रहे
08:34इसके अलावा भी
08:35अकसर जजज का
08:36रिटायर हो जाना
08:36या कोई और वज़े से
08:38महीनों केस की तारीख
08:39बढ़ती रही
08:39इन दस सालों में
08:41करीब तीन साल
08:41तो जजजों के ट्रांसफर
08:42और रिटायर होने में
08:43ही निकल गए थे
08:44फरस्टेशन इतना ज़्यादा था
08:46कि कभी-कभी लगता था
08:47कि भारती नायवस्दा के खिलाफ
08:49मेरे मुझे जजज के सामने
08:50कुछ निकल न जाए
08:51क्योंकि ऐसा होने पर
08:53इसका फायदा तो
08:54अपोजिशन को ही होने वाला था
08:55मेरे उपर दो
08:56डिफेमेशन सूट
08:57एक क्रिमिनल
08:58और एक सिवल भी
08:59ईशान जोशी
09:00और दाय स्टेर्समेन
09:01कोलकता और दिल्ली की तरफ से
09:03किये गए थे
09:03जिनको लेकर
09:04मुझे इन दोनों शेयरों के
09:06चक्कर लगाने पड़ते थे
09:07स्टेर्समेन का कहना था
09:09कि मैं छे महीने के प्रुवेशन पर थी
09:11और प्रुवेशन के नीमों के अनुसार
09:13ही मुझे निकाला गया
09:14मेरी बनाएगे रिपोर्ट्स भी
09:15स्टेर्डर्ड की नहीं होती थी
09:17और मेरी पर्फार्मेंस खराब थी
09:19उनके अनुसार मेरे दोरा लगाएगे
09:21योन प्रिण के सभी आरोग मनगणद और जूटे थे
09:24इशान जूशी ने भी कोर्ट में कहा
09:26कि उसने कभी ऐसा कुछ नहीं किया था
09:28तहे स्टेट्समेन के वकीलों की पूरी कोशिच रहती थी
09:32कि कि किसी तरह से इस केस को लंबा कीचा जाए
09:34जिससे की बीच बीच में जज़ों का ट्रांसफर
09:36ये रिटायर होने पर इस पर कभी भी फैसला ना हो पाए
09:39ऐसा होता भी था और महीनों ऐसे ही निकल जाते थे
09:43कोर्ट में जब जज्जमेंट मेरे फेवर में आया
09:46तो उन्होंने हाई कोर्ट में अपील की
09:48और इसी वज़ा से और भी ज़्यादा समय खराब हुआ
09:50हलाकि हाई कोर्ट में भी जज्जमेंट मेरे फेवर में ही आया
09:536 फरवरी 2013 के दिन पहली सफलता हाँ आई
09:57जब इंडस्ट्रेल ट्रिब्यून ने मेरे फेवर में फैसला दिया
10:01जिसमें उन्होंने कहा कि दाइस्टेट्समैन को
10:03अक्टूबर 2002 में मुझे निकाले जाने के बात की सारी सेलली देनी पड़ीगी
10:07इस जज्जमेंट के खिलाफ दाइस्टेट्समैन ने फिर से कॉलकाता ट्रिब्यून कोर्ट को चैलेंज किया
10:12इस समय तक मुझे एक भी पैसा नहीं मिला था
10:15और डिफेमेशन सूट भी अन्रिजॉल्ट था
10:17मुझे अगले एक साल का इंतजार था कि शायद अब मेरे फेवर में कुछ आए
10:22कोर्ट ने जो फैसला सुनाया उसमें ये कहा गया था कि स्टेट्समैन ने
10:26अपनी दलीलों को साबित करने के लिए कोई भी ठोज सबूत नहीं थिये
10:30ना ही मेरे दौरा लिखी गई कोई भी खराब रिपोर्ट को पेश किया गया
10:34और ना ही चीफ रिपोर्टर तनमे चैटर जी को गवाह के रूप में पेश किया गया
10:38जबकि उनी के लेटर पर टर्मिनेशन का अधार रखा गया था
10:42मैंने जब स्टेट्समैन जॉइन किया था उस समय मेरे पास 18 साल का एक्स्पिरियंस था
10:47मैं इंडियन एक्स्प्रेस मुंबई में कार रहत थी
10:49वहाँ मेरा काम केवल रिपोर्टिंग तक्सीमित नहीं था
10:52बलकि मैं खबरे लिखने के साथ साथ एडिटिंग का भी कारे करती थी
10:55मैंने ये भी कहा कि मैं इंडियन एक्स्प्रेस के साइंस सप्लिमेंट सेक्षन की पूरी जिम्मेदारी समालती थी
11:01मैं Business Standard Calcutta Bureau में Senior Correspondent के पत्पर काररत थी
11:06वहां भी मैं नियुमत रूप से रिपोर्टिंग करती थी
11:09और समाचार लेखन में सक्रीय भूम का निभाती थी
11:11अदालत में ये बात इस रूप में रखी गई
11:14कि मैंने Business Standard जैसे Persistious आर्थिक समाचार पत्थ में काम किया है
11:18जो मेरी पेशवर छमता को दर्शाता है
11:21अदालत का कहना था कि
11:22स्टेट्समैन दोरा विशा का गाइडलाइन का पालन
11:25नहीं करना एक कंभीर लापरवाई है
11:27ये शिकायत समीती नहीं थी
11:29इसलिए रीना की शिकायतों की
11:30अपचारिक जान संभव नहीं हो सकी
11:32अदालत ने ये भी कहा
11:34कोई भी सौविवानी महिला
11:36योहीं यौन उत्पिणन का अरोप नहीं लगाती
11:38जब तक कि वो स्वयम अपमारित महसूस ना करती हो
11:41रीना का टर्मिनेशन
11:43परफॉमेंस की वज़े से नहीं हुआ
11:44बलकि वो योन उत्पिणन की शिकायत के बाद हुआ था
11:47ये एक दमनात्मक और बदनियती से प्रेरित कार्यवाही थी
11:50करमचारी को कोई मोका ही नहीं दिया गया
11:53अपनी कथित खराफ परफॉमेंस सुधारने का
11:55इंडिस्टियल ट्रिब्यून का अदेश था
11:57कि मुझे दोवारा नियुक्त किया जाए
11:58और मेरे बकाया वेतन को अदा किया जाए
12:01हाना कि बाद में कॉलकाता हाई कोट
12:03ने ये आदेश पदलते हुए कहा
12:05कि मुझे वापस नोकरी पर नहीं रखा जाएगा
12:07और एक लाग रुपे मुआपजा दिया जाएगा
12:09उन दस सालों ने मुझे काफी कुछ सिखाया था
12:12दाइस्टेट्समैन की दूसरी महिला सही कर्मियों में से
12:15कुछ ने मुझे सपोर्ट किया
12:17और कुछ ने मेरे ही उपर सवाल उठाय
12:19मगर NWMI और HRL की महिलाओं ने
12:22मुझे पूरी तरह सपोर्ट किया
12:24दाइस्टेट्समैन के पुरुस सही कर्मियों से भी
12:26मुझे पूरा सहयोग मिला
12:28खुद की साहता ही सबसे बड़ी साहता होती है
12:31कुछ का जज्जमेंट आने के बाद
12:32मुझे और मीडिया हॉसेस से आफर्स आने लगे थे
12:35क्योंकि उनको पता चल गया था
12:36कि मैं सही थी और मैंने एक साहसिक कदम उठाया
12:39मगर मैंने ऐसे फ्री लैंसर काम करने का फैसला किया
12:42मैं कोलकाता पुलिस और विमन कमीशन की एहसान मंद हूँ
12:46कि उन्होंने अपनी तरफ से कोई भी देरी नहीं की
12:49और जब भी कोर्ट में बुलाया गया
12:51वो लोग मुस्तैदी के साथ वहां पर उपस्दित रहे
12:53मैं युवा वकीलों के कमिटमेंट और एंथुजियादम की भी तारीफ करती हूँ
12:58जिन्होंने पूरी बुद्धिमत्ता के साथ ये केस लड़ा और जीत हासिल की
13:02मैं हमारे देश के मेनिस्ट्रीम मीडिया के बारे में तो नहीं कह सकती
13:06मगर मुझे पूरी उम्मीद है कि अल्टरनेट मीडिया हमारे देश की सतंतता की भावना को बनाए रखेगा
13:11जिससे कि जनलेंज पो एक नोबल कॉस की तरह देखा जा सके
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