00:00चतुर कचुवा भूखी लोमडी के हाथ एक बार एक कचुवा आ गया लेकिन कचुवे की मजबूत ढाल होने की वजह से लोमडी उसे खा नहीं पा रही थी
00:09कचुवे को भी अपनी चान की पड़ी थी
00:12वह बोला क्यों नहीं तुम कुछ देर के लिए मुझे पानी में डाल देती ताकि मेरी खाल नरम पड़ जाए
00:17लोमडी ने मन ही मन वाह शिकार खुद बता रहा है कि उसे कैसे खाऊं कह भी ठीक रहा है
00:24वह कचुवे को एक नदी के किनारे ले गई और उसे पानी में छोड़ दिया
00:28पानी में धीरे धीरे तैरता कचुवा नदी के पीच पहुँच गया
00:32और वहीं से चिल्ला कर बोला
00:34मुझे उम्मीद है तुम्हारी चतुराई की बातें अब लोग नहीं कहेंगे
00:38बोलो तुम चतुर हो या मैं कहा
00:42चतुर कचुवा भूखी लोमडी के हाथ एक बार एक कचुवा आ गया
00:46लेकिन कचुवे की मजबूत ढाल होने की वजह से लोमडी उसे खा नहीं पा रही थी
00:52कचुवे को भी अपनी जान की पड़ी थी
00:54वह बोला क्यों नहीं तुम कुछ देर के लिए मुझे पानी में डाल देती ताकि मेरी खाल नरम पड़ जाए
01:00लोमडी ने मन ही मन वाह शिकार खुद बता रहा है कि उसे कैसे खाऊं कह भी ठीक रहा है
01:07वह कचुवे को एक नदी के किनारे ले गए और उसे पानी में छोड़ दिया
01:11पानी में धीरे धीरे तैरता कचुवा नदी के बीच पहुँच गया
01:15और वहीं से चिला कर बोला
01:17मुझे उम्मीद है तुम्हारी चतुराई की बातें अब लोग नहीं कहेंगे
01:21बोलो तुम चतुर हो या मैं कहा
01:24चतुर कचुवा भूखी लोमडी के हाथ एक बार एक कचुवा आ गया
01:29लेकिन कचुवे की मजबूत ढाल होने की वज़ह से लोमडी उसे खा नहीं पा रही थी
01:34कचुवे को भी अपनी जान की पड़ी थी
01:37वह बोला क्यों नहीं तुम कुछ देर के लिए मुझे पानी में डाल देती ताकि मेरी खाल नरम पड़ जाए
01:42लोमडी ने मन ही मन वाह शिकार खुद बता रहा है कि उसे कैसे खाऊं कह भी ठीक रहा है
01:49वह कचुवे को एक नदी के किनारे ले गई और उसे पानी में छोड़ दिया
01:53पानी में धीरे धीरे तैरता कचुवा नदी के बीच पहुंगा