00:00पौड़ी गढ़वाल जिले में मत्स्य पालन के शेत्र में क्रिस्कों की रुची तेजी से बढ़ रही है
00:16पिछले चार वर्सों में इस सेत्र से जुड़ने वाले किसानों की संख्या में दोगुनी वृध्धी दर्ज की गई है
00:23इसके साथ ही मत्स्य उत्पादन में भी उलेखनी बढ़ उत्री हुई है जिससे ये शेत्र इस्थानी किसानों के लिए लापकारी व्योसाई बनता जा रहा है
00:33क्रिशक अनेल रावत पिछले 10 वर्स से मत्स्य पालन से जुड़े हैं
00:38उन्होंने बताया कि मचली पालन से आजीविका में क्या बदलावाया
00:42सर्जी मैं पिछले 10-12 साल से कर रहा हूं मचली पर और मेरे पास थे करीब तीन-चार बेराइटे हैं
00:52अब बाराइट से बिवाग से अभी हमारा रेश्टेशन हुआ है इसी साल और पहले तो हमें बहुत मदद मिली हैं
01:05सब्सेटीडी बारेट सरकार द्वारा और मचलीयों के बीज में भी सब्सेटी में ही मिलते हैं
01:19मार्च में डाली हैं हमने ग्रास कोवन और करीब-करीब हजार बीज डाला है
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01:53Vinn Prakar की मचली प्रजातियों पर काम किया जा रहा है
02:23प्रजातियों कि अगर हम बात करें तो गट तीन वर्षों से प्रयास करके दो तिन नई मस्जी प्रजातियों यहां पर इंट्रजातियों कि जिनकी गोथ और विद्धिदर जो हमारी प्रणपरागत मचलिया हैं कार्जातियों की उनसे काफी ज्यादा है
02:40जिसमें मैं नाम लेना चाहूँगा पंगास की और इस साल हमने इंट्रिउस किया है जनेटीकली इंप्रूफट फार्म तिलैपिया उसको कहते हैं भारे सिरकार के प्रमाडी संस्थानों से ही वो आ रही है तो इसको अपना के जो हमारे फार्मर 14-15 महिने तक पहले कार्प मु
03:10इसमें काफी अच्छा रूजान आ रहा है पौड़ी गढ़वाल जैसे पहाड़ी शेत्र में मज से पालन का बढ़ता रूजान उत्राखंड मने केवल क्रिशी आधारित आए के नए रास्ते खोल रहा है बलकि ये शेत्री आर्थे विकास में भी एहम भूमी का निभा रह