00:00तो रोते रेते वो स्रिमती सुनिय गांधी के गर से बाहर आई
00:03कि बाटला होस के घद्रिटे देखकर सुम्यादी फूट फूट कर रो पंड़ी
00:08अरे रोना था तो सहीद मोहन शुर्मा के लिए रोते बातला होस के आतंक वादियों के लिए रोना आता है
00:18और मनने वरे आहमें बुते हैं
00:22ऐसे महोदे मेरी माँ की आसू के बात किये
00:25मैं इसका जवाब देना चाहती हूँ
00:29मेरी माँ के आसू तब गिरे
00:33जब उनके पटी को आतंकवादियों ने शहीर किया
00:38जब वे मातर चौालेस साल की थी
00:43और आज अगर मैं सदन में खड़ी हूँ
00:46और उन 26 लोगों की बात कर रही हूँ
00:49मैं इसलिए कर रही हूँ क्योंकि मैं उनका दर्द जानती हूँ
00:53मैं सुच कर दी हूँ
00:54मानने वरे
00:57और मैं सलमान खुरसीच जी को भी याद करना चाहता हूँ
01:03एक बार मैंने बड़े सबरे में नास्ता करता था टिवी पर उनको रोते हुए देखा
01:09मुझे लगा क्या हुआ कोई बड़ी घटना हो गई तो रोते रोते वो श्रीमती सुनिया गांधी के घर से बार आगे
01:16कि बाटला हूस की घटना देखकर सुनिया जी फूट फूट कर रो पड़ी है अरे रोना था तो सहीद मोहन सर्मा के लिए रोते बाटला हूस के आतंकवादियों के लिए रोना आता है
01:30और मनेवर हमें पूटे हैं कि आपने क्या किया कोई अधिकान नहीं है पूचने का कोई अधिकान नहीं है मनेवर और हमें पूटे दे
01:45मनेवर हमें पाचीश प्रत्शित बाकी
02:15और हमें आपस के इभाध जी जवाब दे रहे हैं आपका जवाब दे रहे हैं आपका अपका अगाओ
02:45मेरी मा की आसू के बात किये मैं इसका जवाब देना चाहती हूँ मेरी मा के आसू तब गिरे जब उनके पती को आतंक वादियों ने शहीद किया
03:00जब मात्र चौालेश साल की थी और आज अगर मैं सदन में खड़ी हूँ और उन छबिस लोगों की बात कर रही हूँ मैं इसलिए कर रही हूँ क्योंकि मैं उनका दर्द जानती हूँ महसूस करती हूँ