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  • 3 months ago
तमिलनाडु में पुदुक्कोट्टई जिले के कुडुमियानमलाई गांव में दो प्राचीन कुएं हैं. माना जाता है कि उन्हें हजार साल पहले चोल राजा ने पहाड़ियों की तलहटी में खुदवाया था. खास बात है कि आज भी दोनों कुएं अच्छी हालत में हैं. दोनों कुओं से लोगों को साफ पानी मिलता है. ये कुएं विरासत और प्राचीन इंजीनियरिंग प्रतिभा का शानदार सबूत हैं. आस-पास के कई गांव वाले भी पीने और खाना पकाने के लिए इन कुओं के पानी का इस्तेमाल करते हैं. इन्हें वे अन्ना किनारारू और थम्बी किनारारू कहते हैं, जिसका मतलब है, बड़े भाई का कुआं और छोटे भाई का कुआं. अद्भुत संरचना के कारण दोनों कुएं प्राचीन इंजीनियरिंग की शानदार मिसाल हैं. ये सदियों बाद भी लोगों को साफ पानी उपलब्ध करा रहे हैं, जो इनके स्थायी डिजाइन और उपयोगिता का सबूत है. 

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00:00तमिलाड में पुद्दुकोटेई जिले के कुडुमियान मलाई गाउं में दो प्राचीन कुएं हैं।
00:08माना जाता है कि उन्हें हजार साल पहले चोल राजाने पहाडियों की तलहटी में खुदवाया था।
00:14खास बात है कि आज भी दोनों कुएं अच्छी हालत में हैं।
00:18दोनों कुओं से लोगों को साफ पानी मिलता है।
00:21ये कुएं विरासत और प्राचीन इंजिनियरिंग प्रतिभा का शांदार सबूत हैं।
00:26ये कुएं विरासत और प्राचीन इंजिनियरिंग प्रतिभा का शांदा प्रतिभा का शांदा है।
00:56आसपास के कई गाउवाले भी पीने और खाना पकाने के लिए
01:25इन कुएं के पानी का इस्थिमाल करते हैं।
01:28इन्हें वे अन्ना किना रारू और थंबी किना रारू कहते हैं जिसका मतलब है बडे भाई का कुएं और छोटे भाई का कुएं।
01:35आसपास के गाउवाले भाई का शांदा है।
01:37आसपास के गाउवाले भाई का शांदा है।
01:39आसपास के गाउवाले भाई का शांदा है।
01:41आसपास के गाउवाले भाई की नहीं कुएं।
02:11अद्भुत संडशना के कारण दोनों कुए प्राचीन इंजिनेरिंग की शांदार मिसाल है।
02:18ये सदियों बाद भी लोगों को साफ पानी उपलब्ध करा रहे हैं जो इनके स्थाई डिजाइन और उप्योगिता का सबूत है।
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