तमिलनाडु में पुदुकोट्टई जिले के गांवों में पानी के संरक्षण के लिए खास जलाशय बनाए जाते हैं. इन जलाशयों में बारिश का साफ पानी जमा होता है. पानी की शुद्धता पीने लायक होती है. लिहाजा गांव वाले सुनिश्चित करते हैं कि जलाशयों पर किसी तरह की आंच न आए. गांवों में पीने के लिए इसी पानी का इस्तेमाल होता हैं. दूसरी जरूरतें पूरी करने के लिए लोग तालाब, कुओं या टैंक पर निर्भर करते हैं. तमिलनाडु के कई गांवों में लोग अब भी उथले, इंसानों के बनाए जलाशयों में बारिश का पानी जमा करते और खाने-पीने के लिए इस्तेमाल करते हैं. इनका पानी काफी साफ होता है. गांव वाले इसे दूषित होने से बचाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं. कई लोगों को अपने गांवों में जलाशयों के पानी पर गर्व है. गांव वाले बताते हैं कि जलाशयों के किनारे चट्टान पानी को साफ रखने में मदद करते हैं. हालांकि गांवों में पानी के टैंक, कुएं और दूसरे स्रोत मौजूद हैं, फिर भी जलाशय गांवों की जीवन रेखा हैं. लिहाजा गांव वाले किसी भी कीमत पर इनका संरक्षण करने के लिए तत्पर हैं.