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Shubhanshu Shukla News: क्या आपने कभी सोचा है कि कोई इंसान अंतरिक्ष से लौटकर चलना क्यों भूल जाता है,शुभांशु शुक्ल के साथ ऐसा ही हुआ। स्पेस मिशन से लौटने के बाद उन्हें दोबारा चलना सीखना पड़ा।माइक्रोग्रैविटी का असर शरीर पर इस हद तक हुआ कि संतुलन और मांसपेशियों की शक्ति कमजोर हो गई।इस वीडियो में जानिए ग्रैविटी के बिना शरीर का असर, स्पेस ट्रैवल के साइड इफेक्ट्स, और अंतरिक्ष यात्री चलना क्यों भूल जाते हैं।

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~HT.318~PR.396~
Transcript
00:00क्या आप सोच सकते हैं कि एक ऐसा आदमी जुसने अंतरक्ष की अंजानी दुनिया में कदम रखा हो उसे पृत्वी पर चलना भी भूलना पड़ जाए।
00:30आपको बता दे हमारा शरीर हमेशा ग्रैविटी वाले वातावरण में बड़ा होता है अब यह स्थिती हमारे शरीर के लिए पूरी तोड़ा सामान ने हैं और हमारा शरीर इससे अलग किसी महाल को नहीं जानता लेकिन जब हम माइक्रो ग्रैविटी यानि की बेहत कम गुरु
01:00तक खुन पहुंचाने के लिए गुर्तवा आकर्शन के खिलाफ काम नहीं करना पड़ता और सबसे महत्तोपूर्ण हमारे संतुलन बनाये रखने वाले वेस्टिबुलर सेंस यानि की इनर इयर की प्रणाली को नए मोहाल में खुद को धालना पड़ता है अब जल्दुहीं
01:30पर सीधी चलना जैसी स्राधारन सी चीज भी चुनाती बन जाती है वह अगर बात शुभान शुकी कर ले तो उन्होंने खुद कहा कि आपकी प्रतक्रिया की गती धीमी हो जाती है और संतुलन बिगर जाता है यह बदलाओ और स्थाई होते हैं लेकिन फिर भी एक बहुत ब
02:00यह आपको बता दे फिजियो थेरेपी और निरंतर अभ्यास से ही अंतरिक्ष यात्रे फिर से धर्ती की ग्रेविटी शक्ति को समझ पाते हैं और अपने कदमों को मजबूत करते हैं वह सुभांचों शुकला की यह कहानी हमें याद दिलाती है कि इंसान कितनी भी उचाई �
02:30हम जाने के आखिर सुभांचों शुकला अच्वानत से चुनला कैसे भूल गए और आखिर ऐसा क्यूं होता है आपको यह जान कारी कैसी लगी कमेंट में लिकर ज़रू बताएगा थन्यवाद
02:37कारी को बान कИ जाएगा दम्यवाद ग्याद मत ऑत्ली बाईश है
02:51क्यू्य को

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