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00:00मैं के बदले जबा कर रहे हैं मैं क्या कर रहा हूँ और जा कर रहे हैं
00:30कर रहे हैं दोड़ कर रहे हैं आपद।
01:00सज्जी
01:30सज्जी
01:49झाल झाल
02:19झाल झाल
02:49झाल
03:18झाल
03:48झाल
04:18झाल
04:48झाल
05:18झाल
05:48तराची के एक हस्पताल में ट्रेनी मेडिकल स्टेंट के जाब मिल गई पूरा खानदार खुश हो गया और अलेने के आंकों में वो रूशनी लोटा ही जो सालों से गायब दी जाते वक्त उसे हाशिम का एक खत मिला अलेने तुम्हारा खौब तुम्हारे हिम्मत से बड़ा �
06:18अच्छी महीने के बाद अलेना अपने शेहर वापस आई मजबूत पुरा इतिमाद और काम्याब वो अब सिर्फ उस्ताद नहीं बलके एक मेडिकल वरकर भी थी इस बार इसके हाथ में बने शनाख ती और दिल में सकून
06:32हाशम ने पिर रिष्टा बेज़ा आलेना ने मस्कुरा कर मा की तरफ देखा और कहा अब शयद वक्त आ गया है एक ने खौब की शुरुआत की
06:41ये कहानी उन लड़क्यों के लिए है जो खौब देखती है लेकिन हालात इनके रास्ता रूप लेते है अदूरा खौब हमें सिखाती है कि खौब कभी मरे नहीं जाते है अगर इरादा मजबूत हो तो तक तक्दीर भी बदल जाती है ड्रामसीरल के हवाले से अपने राए
07:11स्कूल की थी इसके आंकों में डाक्टर बने के खौब ता लेकिन हालात ने इसे इनुवस्टी के दर्वासे पर रुख दिया इसके वालिद एक सरकारी स्कूल के उस्ताहत थे जिनके पेंशन पर अब पुरा गर चल रहा था तीन बेहन बायों में वो सबसे बड़ी थी इस
07:41आकर चोटे बेहन बायों को भी वड़ा थी वो तक जाती लेकिन इसके चेहरे पर कभी भी मायूसी नजर ना आती इसके हसी में भी दर्थ चुपा होता और आगों में भी
07:52महले में एक नوجवान हाशिम अकसर इस स्कूल जाते हुए देखा करता वो एक खामोश सुल्जा हुआ वर शरापत से बरपूर ललका था वो इसके महनत इसके खुद्दारी से मतासिर था लेकिन कभी इज़ार ना कर सका
08:07एक दिन हाशिम के मा रिश्टा लेकर एलिने का गर आगई अलिना हिरान भी हुई और परिशान भी वो जानती थी कि इसका खुआब अभी अदूरा है उसने साब कह दिया
08:20अमी जी मैं अभी अपने खुआब मुकमल करना चाहती हूँ मेरे खुआब किसी की महबत से कम नहीं लेकिन अभी वक्त नहीं आया
08:29हाशिम ने जब ये बात सुनी तो खामोश आहा मगर दिल से अलिना के खदर और बढ़ गी
08:34कुछ महीने गुजरे अलिना ने अपने जमपोंजी से अनलाइन कोर्से शुरू की
08:40वो बच्चों को पढ़ा कर जो पेसे बचा थी उन्ही अपने खुआब पर लगा थी इसके महनत रंग लाने लगी
08:46एक रोज उसे कराची के एक हस्पताल में ट्रेनी मेडिकल स्टेंट के जाब मिल गई
08:52पूरा खानदार खुश हो गया और अलिना के आंकों में वो रूशनी लोटा ही जो सालों से गायब थी
08:59जाते वक्त उसे हाशिम का एक खत मिला
09:02अलिना तुम्हारा ख्वाब तुम्हारे हम्मत से बड़ा नही तुमने थाबित कि एक लड़की अगर चाहे तो दुन्या बदल सकती है
09:10जब तुम वापस आओ अगर दिल में जिगा हो तो शायद में भी तुम्हारी इंतिजार में रहूंगा
09:15विवर्स ची महीने के बाद अलिना अपने शेहर वापस आई
09:21मजबूत पराइतिमाद और काम्याब
09:24वो अब सिर्फ उस्ताद नहीं बलकि एक मेडिकल वर्कर भी थी
09:28इस बार इसके हाद में बने शनाख थी और दिल में सकून
09:31हाशम ने पिर रिष्टा बेजा आलिना ने मस्कुरा कर मा की तरफ देखा और कहा
09:36अब शयद वक्त आ गया है एक ने खुआप की शुरुआत की
09:40इक कहानी उन लड़क्यों के लिए है जो खुआप देखती है
09:44लेकिन हालात इनके रास्ता रुक लेते है
09:46अदूरा खुआप हमें सिकाती है कि खुआप कभी मरें नहीं जाते
09:51अगर इरादा मजबूत हो तो तक तक दीर भी बदल जाती है
09:55ड्रामसीरल के हुआले से अपने राए की जहाल आजमी कमेंट करें
09:58साथ में हमरे एटूब का चीनल सब्सक्राइब करना मत बूलिए
10:16पर रुख दिया इसके वालिद एक सरकारी स्कूल के उस्ताहत थे
10:20जिनके पेंशन पर अब पूरा गर चल रहा था तीन बेहन बायों में
10:25वो सबसे बड़ी थी इसलिए वो अपनी मा के सहारा और बाप की उमेद थी
10:30एक दिन अलीना को एक फ्रावेट स्कूल में फड़ानी का मुका मिला
10:35वो सुबा चे बजे गर से निकलती है बच्चों को पढ़ाती है
10:39शाम को वाफस आकर चोटे बेहन बायों को भी फड़ाती
10:43वो तक जाती लेकिन इसके चेहरे पर कभी भी मायोसी नजर ना आती
10:47इसके हसी में भी दर्द चुपा होता और आगों में भी
10:51महले में एक नوجवान हाशिम अकसर इस स्कूल जाते हुए देखा करता
10:57वो एक खामोश सुल्जा हुआ वर शरापत से बरपूर ललका था
11:00वो इसके महनत इसके खुद्दारी से मतासिर था लेकिन कभी इजहार ना कर सका
11:06एक दिन हाशिम के मा रिष्टा लेकर एलिने का गर आगई
11:12अलिना हिरान भी हुई और परेशान भी
11:14वो जानती थी कि इसका खुआब अभी अदूरा है
11:17उसने साब कह दिया
11:19अमी जी मैं अभी अपने खुआब मुकमल करना चाहती हूँ
11:23मेरे खुआब किसी की महबत से कम नहीं
11:26लेकिन अभी वक्त नहीं आया
11:28हाशिम ने जब ये बात सुनी तो खामोश आहा
11:30मगर दिल से अलिना के खदर और बढ़गी
11:34कुछ महीने गुजरे
11:35अलिना ने अपने जमपूंजी से
11:38अनलाइन कोर्से शुरू की
11:39वो बच्चों को पढ़ा कर जो पेसे
11:42बचाती उन्ही अपने खुआब पर लगाती
11:44इसके महनत रंग लाने लगी
11:46एक रोज उसे कराची के एक हस्पताल में
11:48ट्रेनी मेडिकल स्टेंट के जाब मिल गई
11:51पूरा खानदार खुश हो गया
11:54और अलिना के आंकों में वो रूशनी लोटा ही
11:57जो सालों से गायब थी
11:58जाते वक्त उसे हाशिम का एक खत मिला
12:01अलिना तुम्हारा खौब तुम्हारे हिम्मत से बड़ा नही
12:04तुमने साबित किया कि एक लड़की अगर चाहे
12:07तो दुन्या बदल सकती है
12:09जब तुम वापस आओ
12:10अगर दिल में जिगा हो तो शायद में भी तुम्हारी इंतिजार में रहूंगा
12:15विवर्स
12:16ची महीने के बाद
12:18अलिना अपने शेहर वापस आई
12:20मजबूत पराइतिमाद
12:22और काम्याब
12:23वो अब सिर्फ उस्ताद नहीं बलकि एक मेडिकल वरकर भी थी
12:27इस बार इसके हाद में बने शनाख थी
12:29और दिल में सकून
12:30हाशम ने पिर रिश्टा बेजा
12:33अलिना ने मस्कुरा कर मा के तरब देखा
12:35और कहा अब शयद वक्ता गया है
12:37एक ने खौब की शुरुआत की
12:39इक कहानी उन लड़क्यों के लिए है
12:42जो खौब देखती है
12:43लेकिन हालात इनके रास्ता रूख लेते है
12:46अदूरा खौब हमें सिखाती है
12:48कि खौब कभी मरे नहीं जाते
12:50अगर इरादा मजबूत हो तो
12:52तक तक्दीर भी बदल जाती है
12:54ड्रामा सीरल के हवाले से
12:55अपने राए की जहाल आजमी कमेंट करें
12:58साथ में हमरे एटूब का चीनल सबस्क्राइब करना मत भूलिए
13:00तेंक्स पर वाचिंग
13:02अल्लाहाफेज
13:03लिवी वर्ज
13:04अल्लीना एक चोटे शेर की
13:06तालिमी अपता जहीन
13:08मगर खौबों में उल्जी हुई लड़की थी
13:10इसके आंकों में डाक्टर बनने के खौब ता
13:13लेकिन हालात ने
13:14इसे इनुवस्टी के दर्वासे पर रुख दिया
13:16इसके वालिद
13:17एक सरकारी स्कूल के उस्ताहत थे
13:20जिनके पेंशन पर अब पुरा गर चल रहा था
13:23तीन बेहन बायो में वो सबसे बड़ी थी
13:25इसलिए वो अपनी मा के सहारा
13:27और बाप की उमेद थी
13:29एक दिन अलीना को
13:31एक फ्रावेट स्कूल में फ़़ानी का मौका मिला
13:34वो सुबा चे बजे गर से निकलती है
13:36बच्चों को पढ़ाती है
13:38शाम को वाफस आकर
13:39चोटे बेहन बायो को भी फ़़ाती
13:42वो तक जाती लेकिन इसके चेहरे पर
13:44कभी भी मायूसी नजर ना आती
13:47इसके हसी में भी दर्द चुपा होता
13:49और आगों में भी
13:51महले में एक नوجवान हाशिम
13:54अकसर इस स्कूल जाते हुए देखा करता
13:56वो एक खामोश सुल्जा हुआ
13:58वर शरापत से बरपूर ललका था
14:00वो इसके महनत
14:02इसके खुदारी से मतासिर ता
14:04लेकिन कभी इजहार ना कर सका
14:06एक दिन हाशिम के मा
14:08रिश्टा लेकर एलिने का गर आगई
14:11अलेना हिरान भी हुई और परेशान भी
14:13वो जानती थी कि इसका खुआब अभी अदूरा है
14:16उसने साब के दिया
14:18अमी जी मैं अभी अपने खुआब मुकमल करना चाहती हूँ
14:22मेरे खुआब किसी की महबत
14:24से कम नहीं
14:25लेकिन अभी वक्त नहीं आया
14:27हाशिम ने जब ये बात सुनी तो खामोश रहा
14:30मगर दिल से
14:31अलेना के खदर और बढ़ गी
14:33कुछ महीने गुजरे
14:34अलेना ने अपने जमापुणजी से
14:37अनलाइन कोर्से शुरू की
14:38वो बच्चों को पढ़ा कर जो पेसे बचाती
14:41उन्ही अपने खुआप पर लगाती
14:43इसके महनत रंग लाने लगी
14:45एक रोज उसे कराची के एक हस्पताल में
14:48ट्रेनी मेडिकल स्टेंट के जाब मिल गी
14:51पूरा खानदार खुश हो गया
14:53और अलेने के आंकों में वो रूशनी लोटा ही
14:56जो सालों से गायब दी
14:58जाते वक्त उसे हाशिम का एक खत मिला
15:00अलेना तुमरा खुआप तुमारे हिम्मत से बड़ा नहीं
15:04तुमने थाबित कि एक लड़की अगर चाहे
15:06तो दुनिया बदल सकती ही
15:08जब तुम वापस आओ
15:09अगर दिल में जिगा हो तो शायद में भी तुम्हारी इंतिजार में रहूंगा
15:14विवर्स ची महीने के बाद
15:17अलेना अपने शेहर वापस आई
15:19मजबूत पर एतिमाद और काम्याब
15:23वो अब सिर्फ उस्ताद नहीं
15:24बलकि एक मेडिकल वर्कर भी थी
15:26इस बार इसके हाद में बने शनाख थी
15:28और दिल में सकून
15:30हाशम ने पिर रिष्टा बेज़ा
15:32आलेना ने मस्कुरा कर मा के तरब देखा
15:34और कहा अब शायद वक्त आ गया है
15:36एक ने खुआप की शुरुआत
15:38एक कहानी उन लड़कों के लिए है
15:41जो खुआप देखती है
15:43लेकिन हालात इनके रास्ता रुख लेते है
15:45अदूरा खुआप हमें सिखाती है
15:47कि खुआप कभी मरे नहीं जाते
15:49अगर इरादा मजबूत हो
15:51तो तक तक्दीर भी बदल जाती है
15:53अपने राए की जालाज में कमेंट करें
15:57साथ में हमरे येट्यूब का चीनल सबस्क्राइब का नमद भूलिए
16:00तेंक्स पर वाचिंग
16:01अल्हाफिज
16:02लुवी विर्ज
16:03अलीना एक चोटे शेहर की
16:05तालिमी अपता जहीन
16:07मगर खौबों में उल्जी हुई लड़की थी
16:09इसके हांकों में डाक्टर बनने के खौब ता
16:12लेकिन हालात ने इसे इन्वर्स्टी के दर्वाजे पर रुख दिया
16:16इसके वालिद
16:16एक सरकारी स्कूल के उस्ताहत थे
16:19जिनके पेंशन पर अब पूरा गर चल रहा था
16:22तीन बेहन बायों में वो सबसे बड़ी थी
16:24इसलिए वो अपनी मा के सहारा और बाप की उमेद थी
16:28एक दिन अलीना को एक फ्रावेट स्कूल में फड़ाने का मौका मिला
16:33वो सुबा चे बजे गर से निकलती है
16:36बच्चों को पढाती है शाम को वाफस आकर चोटे बेहन बायों को भी वड़ाती
16:41वो तक जाती लेकिन इसके चेहरे पर कभी भी मायूसी नजर ना आती
16:46इसके हसी में भी दर्द चुपा होता और आगों में भी
16:50महले में एक नौजवान हाशिम अकसर इस स्कूल जाते हुए देखा करता
16:55वो एक खामोश सुल्जा हुआ वर शरापत से बरपूर ललका था
16:59वो इसके महनत इसके खुद्दारी से मतासिर था लेकिन कभी इजहार ना कर सका
17:05एक दिन हाशिम के मा रिष्टा लेकर एलिने का गर आगई अलेना हिरान भी हुई और परेशान भी
17:12वो जानती थी कि इसका खुआब अभी अदूरा है उसने साब के दिया
17:17अम्मी जी मैं अभी अपने खुआब मुकमल करना चाहती हूँ
17:21मेरे खुआब किसी की महबत से कम नहीं लेकिन अभी वक्त नहीं आया
17:26हाशिम ने जब ये बात सुनी तो खामोश रहा मगर दिल से अलेना के खदर और बढ़ गी
17:32कुछ महीने गुजरे अलेना ने अपने जमापोंजी से अनलाइन कोरसे शुरू की
17:38वो बच्चों को पढ़ा कर जो पेसे बचाती उन्ही अपने खुआप पर लगाती इसके महनत रंग लाने लगी
17:44एक रोज उसे कराची के एक हस्पताल में ट्रेनी मेडिकल स्टेंट के जाब मिल गी
17:50पूरा खानदार खुश हो गया और अलेने के आंकों में वो रूशनी लोटा ही जो सालों से गायब दी
17:57जाते वक्त उसे हाशिम का एक खत मिला अलेना तुम्हारा खुआप तुम्हारे हम्मत से बड़ा नही तुमने थाबित कि एक लड़की अगर चाहे तो दुन्या बदल सकती है
18:07जब तुम वापस आओ अगर दिल में जिगा हो तो शायद में भी तुम्हारी इंतिजार में रहूंगा
18:13विवर्स ची महीने के बाद अलेना अपने शेहर वापस आई
18:18मजबूत पुरा इतिमाद और काम्याब
18:22वो अब सिर्फ उस्ताद नहीं बलकि एक मेडिकल वरकर भी थी
18:25इस बार इसके हाथ में बने शनाख थी और दिल में सकून
18:29हाशम ने पिर रिष्टा बेजा अलेना ने मस्कुरा कर मा के तरफ देखा
18:33और कहा अब शयद वक्त आ गया है एक ने खुआप की शुरुआत की
18:38इक कहानी उन लड़क्यों के लिए है जो खुआप देखती है लेकिन हाला इनके रास्ता रूख लेते है
18:44अदूरा खुआप हमें सिखाती है कि खुआप कभी मरें नहीं जाते
18:48अगर इरादा मजबूत हो तो तक तक्दीर भी बदल जाती है
18:52ड्रामा सीरल के हुआले से अपने राए की जहाल आजमी कमेंट करें
18:56साथ में हमरे ये टूब का चेनल सब्सक्राइब कर नहां मत भूलिए
18:59तेंक्स पर वाचिंग आला हाफिज
19:01लिवी विर्ज अलीना एक चोटे शेर की तालिमी अपता जहीन
19:06मगर खौबों में उल्जी हुई लड़की थी
19:08इसके आंकों में डाक्टर बनने के खौब था
19:11लेकिन हालात ने इसे इनिवर्स्टी के दर्वासे पर रुख दिया
19:15इसके वालिद एक सरकारी स्कूल के उस्ताहत थे
19:18जिनके पेंशन पर अब पुरा गर चल रहा था
19:21तीन बेहन बायों में वो सबसे बड़ी थी
19:23इसलिए वो अपनी मा के सहारा और बाप की उमेद थी
19:27एक दिन अलीना को एक फ्रावेट स्कूल में वड़ानी का मौका मिला
19:32वो सुबा चे बजे गर से निकलती है
19:35बच्चों को पढ़ाती है
19:36शाम को वाफस आकर चोटे बेहन बायों को भी वड़ाती
19:40वो तक जाती लेकिन इसके चेहरे पर कभी भी मायूसी नजर ना आती
19:45इसके हसी में भी दर्द चुपा होता और आखों में भी
19:49महले में एक नौजवान हाशिम अकसर इस स्कूल जाते हुए देखा करता
19:54वो एक खामोश सुल्जा हुआ वर शरापत से बरपूर ललका था
19:58वो इसके महनत इसके खुद्दारी से मतासिर था लेकिन कभी इज़ार ना कर सका
20:04एक दिन हाशिम के मा रिश्टा लेकर एलिने का गर आगई
20:09अलिना हिरान भी हुई और परेशान भी
20:12वो जानती थी कि इसका खुआब अभी अदूरा है
20:15उसने साब के दिया
20:17अमी जी मैं अभी अपने खुआब मुकमल करना चाहती हूँ
20:20मेरे खुआब किसी की महबत से कम नहीं
20:24लेकिन अभी वक्त नहीं आया
20:25हाशिम ने जब ये बात सुनी तो खामोश रहा
20:28मगर दिल से
20:29अलेना के खदर और बढ़ गी
20:31कुछ महीने गुजरे
20:33अलेना ने अपने जमापोंजी से
20:35अनलाइन कोर्से शुरू की
20:37वो बच्चों को पढ़ा कर जो पेसे
20:39बचा थी उन्ही अपने खुआब पर लगा थी
20:42इसके महनत रंग लाने लगी
20:43एक रोज उसे कराची के एक हस्पताल में
20:46ट्रेनी मेडिकल स्टेंट के जाब मिल गई
20:49पूरा खानदार खुश हो गया
20:52और अलेना के आंकों में वो रूशनी लोटा ही
20:54जो सालों से गायब दी
20:56जाते वक्त उसे हाशिम का एक खत मिला
20:58अलेना तुम्हारा खौब तुम्हारे हिम्मत से बड़ा नहीं
21:02तुमने थाबित क्या कि एक लड़की अगर चाहे
21:05तो दुन्या बदल सकती है
21:07जब तुम वापस आओ
21:08अगर दिल में जिगा हो तो शायद में भी तुम्हारी इंतिजार में रहोंगा
21:12विवर्स ची महीने के बाद
21:16अलेना अपने शेहर वापस आई
21:17मजबूत पर अइतिमाद और काम्याब
21:21वो अब सिर्फ उस्ताद नहीं
21:23बलकि एक मेडिकल वर्कर भी थी
21:24इस बार इसके हाद में बने शनाख ती
21:27और दिल में सकून
21:28हाशम ने पिर रिष्टा बेजा
21:30आलेना ने मुस्कुरा कर मा की तरफ देखा
21:32और कहा अब शयद वक्त आ गया है
21:35एक ने खुआप की शुरुआत की
21:37ये कहानी उन लड़क्यों के लिए है
21:40जो खुआप देखती है
21:41लेकिन हालात इनके रास्ता रूप लेते है
21:43अदूरा खुआप हमें सिखाती है
21:46कि खुआप कभी मरें नहीं जाते
21:48अगर इरादा मजबूत हो तो
21:50तक तक्दीर भी बदल जाती है
21:51ड्रामसीरल के हुआले से
21:53अपने राए की जहाल आजमी कमेंट करें
21:55साथ में हमरे यट्यूब का चेनल सबस्क्राइब करना मत भूलिये
21:58तैंक्स पर वाचिंग अल्लाहाफ़ज
22:00लिवी विर्ज
22:01अलीना एक चोटे शेहर की
22:03तालिमी अपता जहीन
22:05मगर खुआबों में उल्जी हुई ललकी थी
22:07इसके आंकों में डाक्टर बने के खुआब ता
22:10लेकिन हालात ने इसे इनुवस्टी के दर्वासे पर रुख दिया
22:14इसके वालिद एक सरकारी स्कूल के उस्ताहत थे
22:17जिनके पेंशन पर अब पुरा गर चल रहा था
22:20तीन बेहन बायों में वो सबसे बड़ी थी
22:23इसलिए वो अपनी मा के सहारा और बाप की उमेद थी
22:27एक दिन अलीना को एक फ्रावेट स्कूल में फड़ानी का मौका मिला
22:31वो सुबा चे बजे गर से निकलती है
22:34बच्चों को पढ़ाती है
22:36शाम को वाफस आकर चोटे बेहन बायों को भी फड़ाती
22:40वो तक जाती लेकिन इसके चेहरे पर कभी भी मायूसी नजर ना आती
22:44इसके हसी में भी दर्द चुपा होता और आगों में भी
22:48महले में एक नौजवान हाशिम अकसर इस स्कूल जाते हुए देखा करता
22:54वो एक खामोश सुल्जा हुआ वर शरापत से बरपूर ललका था
22:57वो इसके महनत इसके खुद्दारी से मतासिर था लेकिन कभी इज़ार ना कर सका
23:03एक दिन हाशिम के मा रिश्टा लेकर एलने का गर आगई
23:08अलेना हिरान भी हुई और परेशान भी
23:11वो जानती थी के इसका खुआब अभी अदूरा है
23:14उसने साब के दिया
23:16अमी जी मैं अभी अपने खुआब मुकमल करना चाहती हूँ
23:19मेरे खुआब किसी की महबत से कम नहीं
23:23लेकिन अभी वक्त नहीं आया
23:25हाशिम ने जब ये बात सुनी तो खामोश आहा
23:27मगर दिल से अलेना के खदर और बढ़ गी
23:30कुछ महीने गुजरे
23:32अलेना ने अपने जमापोंजी से अनलाइन कोर्से शुरू की
23:36वो बच्चों को पढ़ा कर जो पेसे बचा थी
23:39उन्ही अपने खुआब पर लगा थी
23:41इसके महनत रंग लाने लगी
23:42एक रोज उसे कराची के एक हस्पताल में
23:45ट्रेनी मेडिकल स्टेंट के जाब मिल गई
23:48पूरा खानदार खुश हो गया
23:51और अलेना के आंकों में वो रूशनी लोटा ही
23:53जो सालों से गायब थी
23:55जाते वक्त उसे हाशिम का एक खत मिला
23:58अलेना तुम्हारा ख्वाब तुम्हारे हिम्मत से बड़ा नहीं
24:01तुमने थाबित क्या कि एक लड़की अगर चाहे
24:04तो दुन्या बदल सकती है
24:06जब तुम वापस आओ
24:07अगर दिल में जिगा हो तो शायद में भी तुम्हारी इंतिजार में रहूंगा
24:11विवर्स ची महीने के बाद
24:15अलेना अपने शेहर वापस आई
24:17मजबूत पराइतिमाद और काम्याब
24:20वो अब सिर्फ उस्ताद नहीं बलके एक मेडिकल वरकर भी थी
24:24इस बार इसके हाद में बने शनाख ती
24:26और दिल में सकून
24:27हाशम ने पिर रिश्ता बेजा
24:29अलेना ने मस्कुरा कर मा की तरफ देखा
24:31और कहा अब शयद वक्त आ गया है
24:34एक ने खौब की शुरुआत की
24:36इक कहानी उन लड़क्यों के लिए है
24:39जो खौब देखती है
24:40लेकिन हालात इनके रास्ता रुख लेते है
24:42अदूरा खौब हमें सिखाती है
24:45के खौब कभी मरें नहीं जाते
24:47अगर इरादा मजबूत हो
24:49तो तक तक्दीर भी बदल जाती है
24:51ड्रामसीरल के हवाले से
24:52अपने राए की जहाल आजमी कमेंट करें
24:54साथ में हमरे येटूब का चीनल सब्सक्राइब का
24:57नहां मत भूलिए
24:57तेंक्स पर वाचिंग अल्ला हाफिज
24:59लिवी विर्ज
25:00अलीना एक चोटे शेहर की
25:03तालिमी अपता जहीन
25:04मगर खौबों में उल्जिही ललकी थी
25:06इसके आंकों में डाक्टर बनने के खौब ता
25:10लेकिन हालात ने
25:11इसे इनुवस्टी के दर्वासे पर रुख दिया
25:13इसके वालिद एक सरकारी स्कूल के उस्ताहत थे
25:16जिनके पेंशन पर अब पुरा गर चल रहा था
25:19तीन बेहन बायों में वो सबसे बड़ी थी
25:22इसलिए वो अपनी मा के सहारा और बाप की उमेद थी
25:26एक दिन अलीना को एक फ्रावेट स्कूल में पड़ानी का मौका मिला
25:31वो सुबा चे बजे गर से निकलती है
25:33बच्चों को पड़ाती है
25:35शाम को वाफस आकर चोटे बेहन बायों को भी पड़ाती
25:39वो तक जाती लेकिन इसके चेहरे पर कभी भी मायोसी नजर ना आती
25:43इसके हस्जी में भी दर्द चुपा होता और आगों में भी
25:47महले में एक नوجवान हाशिम अकसर इस स्कूल जाते हुए देखा करता
25:53वो एक खामोश सुल्जा हुआ वर शरापत से बरपूर ललका था
25:56वो इसके महनत इसके खुद्दारी से मतासिर था लेकिन कभी इजहार ना कर सका
26:02एक दिन हाशिम के मा रिश्टा लेकर एलिने का गर आगई
26:08अलिना हिरान भी हुई और परेशान भी
26:10वो जानती थी कि इसका खुआब अभी अदूरा है
26:13उसने साब कह दिया
26:15अमी जी मैं अभी अपने खुआब मुकमल करना चाहती हूँ
26:19मेरे खुआब किसी की महबत से कम नहीं
26:22लेकिन अभी वक्त नहीं आया
26:24हाशिम ने जब ये बात सुनी तो खामोश रहा
26:26मगर दिल से
26:28अलेना के खदर और बढ़ गी
26:30कुछ महीने गुजरे
26:31अलेना ने अपने जमापूंजी से
26:34अनलाइन कोर्से शुरू की
26:35वो बच्चों को पढ़ा कर जो पेसे बचा थी
26:38उन्ही अपने खुआप पर लगा थी
26:40इसके महनत रंग लाने लगी
26:42एक रोज उसे कराची के एक हस्पताल में
26:44ट्रेनी मेडिकल स्टेंट के जाब मिल गी
26:47पूरा खानदार खुश हो गया
26:50और अलेना के आंकों में वो रूशनी लोटा ही
26:53जो सालों से गायब दी
26:54जाते वक्त उसे हाशिम का एक खत मिला
26:57अलेना तुम्हारा ख्वाब तुम्हारे हिम्मत से बड़ा नहीं
27:00तुमने थाबित क्या कि एक लड़की अगर चाहे
27:03तो दुन्या बदल सकती है
27:05जब तुम वापस आओ
27:06अगर दिल में जिगा हो तो शायद में भी तुम्हारी इंतिजार में रहूंगा
27:11विवर्स ची महीने के बाद
27:14अलेना अपने शेहर वापस आई
27:16मजबूत पर एतिमाद और काम्याब
27:19वो अब सिर्फ उस्ताद नहीं बलकि एक मेडिकल वरकर भी थी
27:23इस बार इसके हाद में बने शनाख थी
27:25और दिल में सकून
27:26हाशम ने पिर रिश्टा बेजा
27:29अलेना ने मुस्कुरा कर मा के तरफ देखा
27:31और कहा अब शेयद वक्त आ गया है
27:33एक ने खौब की शुरुआत की
27:35इक कहानी उन लड़कों के लिए है
27:38जो खौब देखती है
27:39लेकिन हालात इनके रास्ता रूख लेते है
27:42अदूरा खौब हमें सिकाती है
27:44कि खौब कभी मरें नहीं जाते
27:46अगर इरादा मजबूत हो
27:48तो तक तक दीर भी बदल जाती है
27:50ड्रामस सीरल के हौले से
27:51अपने राए की जहाला आजमी कमेंट करें
27:54साथ में हमरे येटूब का चीनल सब्सक्राइब का नमत भूलिए
27:56तेंक्स पर वाचिंग
27:58लिवी विर्ज
28:00अलीना एक चोटे शहर की
28:02तालिमी अपता जहीन
28:04मगर खौबों में उल्जी हुई लड़की थी
28:06इसके आंकों में डाक्टर बनने के खौब ता
28:09लेकिन हालात ने
28:10इसे इन्वर्सटी के दरोजे पर रुख दिया
28:12इसके वालिद एक सरकारी स्कूल के उस्ताहत थे
28:16जिनके पेंशन पर अब पुरा गर चल रहा था
28:19तीन बेहन बायों में वो सबसे बड़ी थी
28:21इसलिए वो अपनी मा के सहारा और बाप की उमेद थी
28:25एक दिन अलीना को एक फ्रावेट स्कूल में फड़ानी का मुका मिला
28:30वो सुबा चे बजे गर से निकलती है
28:32बच्चों को पढ़ाती है
28:34शाम को वाफस आकर चोटे बेहन बायों को भी फड़ाती
28:38वो तक जाती लेकिन इसके चेहरे पर कभी भी मायोसी नजर ना आती
28:43इसके हसी में भी दर्द चुपा होता और आगों में भी
28:47महले में एक नوجवान हाशिम अक्सर इस स्कूल जाते हुए देखा करता
28:52वो एक खामोश सुल्जा हुआ वर शरापत से बरपूर ललका था
29:08वी और परेशान भी वो जानती थी कि इसका खुआब अभी अदूरा है
29:12उसने साब कह दिया अमी जी मैं अभी अपने खुआब मुकमल करना चाहती हूँ
29:18मेरे खुआब किसी की महबत से कम नहीं लेकिन अभी वक्त नहीं आया
29:23हाशिम ने जब ये बात सुनी तो खामोश रहा
29:25मगर दिल से अलेना के खदर और बढ़ गी
29:29कुछ महीने गुजरे अलेना ने अपने जमापोंजी से अनलाइन कोर्से शुरू की
29:34वो बच्चों को पढ़ा कर जो पेसे बचाती उन्ही अपने खुआप पर लगाती
29:39इसके महनत रंग लाने लगी
29:41एक रोज उसे कराची के एक हस्पताल में ट्रेनी मेडिकल स्टेंट के जाब मिल गी
29:47पूरा खानदार खुश हो गया और अलेना के आंकों में वो रूशनी लोटा ही जो सालों से गायब थी
29:54जाते वक्त उसे हाशिम का एक खत मिला
29:56अलेना तुम्हारा खौब तुम्हारे हम्मत से बड़ा नही तुमने थाबित कि एक लड़की अगर चाहे तो दुन्या बदल सकती है
30:04जब तुम वापस आओ अगर दिल में जिगा हो तो शायद में भी तुम्हारी इंतिजार में रहूंगा
30:10विवर्स ची महीने के बाद अलेना अपने शेहर वापस आई
30:15मजबूत पुरा इतिमाद और काम्याब
30:19वो अब सिर्फ उस्ताद नहीं बलकि एक मेडिकल वरकर भी थी
30:22इस बार इसके हाद में बने शनाख थी और दिल में सकून
30:26हाशम ने पिर रिष्टा बेजा अलेना ने मस्कुरा कर मा के तरफ देखा और कहा
30:30अब शयद वक्त आ गया है एक ने खुआप की शुरुआत की
30:34ये कहानी उन लड़क्यों के लिए है जो खुआप देखती है
30:39लेकिन हालात इनके रास्ता रुक लेते है
30:41अदूरा खुआप हमें सिखाती है कि खुआप कभी मरें नहीं जाते
30:45अगर इरादा मजबूत हो तो तक तक्दीर भी बदल जाती है
30:49ड्रामसीरल के हुआले से अपने राए की जहाल आजमी कमेंट करें
30:53साथ में हमरे येटिव का चेनल सबस्क्राइब का नहीं मत बूलिए
30:56तेंक्स पर वाचिंग अल्ला हाफ़ेज
30:58लिवी विर्ज
30:59अलीना एक चोटे शेहर की तालिमी अपता जहीन
31:03मगर खुआबों में उल्जी ही ललकी थी
31:05इसके आंकों में डाक्टर बनने के खुआप ताल
31:08लेकिन हालात ने इसे इनुवस्टी के दर्वासे पर रुख दिया
31:12इसके वालिद एक सरकारी स्कूल के उस्ताहत थे
31:15जिनके पेंशन पर अब पुरा गर चल रहा था
31:18तीन बेहन बायों में वो सबसे बड़ी थी
31:20इसलिए वो अपनी मा के सहारा और बाप की उमेद थी
31:24एक दिन अलीना को एक फ्रावेट स्कूल में पड़ाने का मौका मिला
31:29वो सुबा चे बजे गर से निकलती है
31:32बच्चों को पड़ाती है
31:33शाम को वाफस आकर चोटे बेहन बायों को भी पड़ाती
31:37वो तक जाती लेकिन इसके चेहरे पर कभी भी मायोसी नजर ना आती
31:42इसके हसी में भी दर्द चुपा होता और आगों में भी
31:46महले में एक नوجवान हाशिम अक्सर इस स्कूल जाते हुए देखा करता
31:51वो एक खामोश सुल्जा हुआ वर शरापत से बरपूर ललका था
32:07हुई हुई और परेशान भी वो जानती थी किसका खुआब अभी अदूरा है
32:12उसने साब कह दिया अमी जी मैं अभी अपने खुआब मुकमल करना चाहती हूँ
32:17मेरे खुआब किसी की महबत से कम नहीं लेकिन अभी वक्त नहीं आया
32:22हाशिम ने जब ये बात सुनी तो खामोश रहा
32:25मगर दिल से अलेना के खदर और बढ़ गी
32:28कुछ महीने गुजरे अलेना ने अपने जमापोंजी से अनलाइन कोर्से शुरू की
32:34वो बच्चों को पढ़ा कर जो पेसे बचाती उन्ही अपने खुआप पर लगाती
32:38इसके महनत रंग लाने लगी
32:40एक रोज उसे कराची के एक हस्पताल में ट्रेनी मेडिकल स्टेंट के जाब मिल गी
32:46पूरा खानदार खुश हो गया और अलेना के आंकों में वो रूशनी लोटा ही
32:51जो सालों से गायब दी
32:53जाते वक्त उसे हाशिम का एक खत मिला
32:55अलेना तुम्हारा ख्वाब तुम्हारे हिम्मत से बड़ा नहीं
32:59तुमने थाबित क्या कि एक लड़की अगर चाहे तो दुन्या बदल सकती है
33:03जब तुम वापस आओ
33:05अगर दिल में जिगा हो तो शायद में भी तुम्हारी इंतिजार में रहोंगा
33:09विवर्स ची महीने के बाद अलेना अपने शेहर वापस आई
33:14मजबूत पर एतिमाद और काम्याब
33:18वो अब सिर्फ उस्ताद नहीं बलकि एक मेडिकल वरकर भी थी
33:21इस बार इसके हाद में बने शनाख थी और दिल में सकून
33:25हाशम ने पिर रिष्टा बेजा आलेना ने मस्कुरा कर मा के तरफ देखा और कहा
33:29अब शयद वक्त आ गया है एक ने खुआप की शुरुआत की
33:34इक कहानी उन लड़क्यों के लिए है जो खुआप देखती है
33:38लेकिन हालात इनके रास्ता रुक लेते है
33:40अदूरा खुआप हमें सिखाती है कि खुआप कभी मरें नहीं जाते
33:44अगर इरादा मजबूत हो तो तक तक्दीर भी बदल जाती है
33:48ड्रामस सीरल के हुआले से अपने राए की जहाल आजमी कमेंट करें
33:52साथ में हमरे यट्यूब का चेनल सबस्क्राइब का नहां मत भूलिए
33:55तेंक्स पर वाचिंग अल्हाफ़ज
33:57लुवी विर्ज
33:58अलीना एक चोटे शेहर की तालिमी अपता जहीन
34:02मगर खुआबों में उल्जी ही ललकी थी
34:04इसके आंकों में डाक्टर बनने के खुआब ताल लेकिन हालात ने
34:08उसे इनुवस्टिक के दर्वाजे पर रुख दिया
34:11इसके वालिद एक सरकारी स्कूल के उस्ताहत थे
34:14जिनके पेंशन पर अब पुरा गर चल रहा था
34:17तीन बेहन बायों में वो सबसे बड़ी थी
34:19इसलिए वो अपनी मा के सहारा और बाप की उमीद थी
34:23एक दिन अलीना को एक फ्रावेट स्कूल में फ़़ानी का मौका मिला
34:28वो सुबा चे बजे गर से निकलती है
34:31बच्चों को पढ़ाती है
34:32शाम को वाफस आकर चोटे बेहन बायों को भी वड़ाती
34:36वो तक जाती लेकिन इसके चेहरे पर कभी भी मायूसी नजर ना आती
34:41इसके हसी में भी दर्द चुपा होता और आखों में भी
34:45महले में एक नौजवान हाशिम अक्सर इस स्कूल जाते हुए देखा करता
34:50वो एक खामोश सुल्ज़ा हुआ वर शरापत से बरपूर ललका था
34:54वो इसके महनत इसके खुद्दारी से मतासिर था लेकिन कभी इज़ार ना कर सका
35:00एक दिन हाशिम के मा रिश्टा लेकर एलने का गर आगई
35:05अलेना हिरान भी हुई और परेशान भी
35:08वो जानती थी किसका खुआब अभी अदूरा है
35:11उसने साब के दिया
35:13अमी जी मैं अभी अपने खुआब मुकमल करना चाहती हूँ
35:16मेरे खुआब किसी की महबत से कम नहीं
35:20लेकिन अभी वक्त नहीं आया
35:21हाशिम ने जब ये बात सुनी तो खामोश रहा
35:24मगर दिल से
35:25अलेना के खदर और बढ़ गी
35:27कुछ महीने गुजरे
35:29अलेना ने अपने जमापोंजी से
35:31अनलाइन कोर्से शुरू की
35:33वो बच्चों को पढ़ा कर जो पेसे बचा थी
35:36उन्हीं अपने खुआब पर लगा थी
35:37इसके महनत रंग लाने लगी
35:39एक रोज उसे कराची के एक हस्पताल में
35:42ट्रेनी मेडिकल स्टेंट के जाब मिल गी
35:45पूरा खानदार खुश हो गया
35:48और अलेना के आंकों में वो रूशनी लोटा ही
35:50जो सालों से गायब थी
35:52जाते वक्त उसे हाशिम का एक खत मिला
35:54अलेना तुम्हारा ख्वाब तुम्हारे हिम्मत से बड़ा नहीं
35:58तुमने थाबित कि एक लड़की अगर चाहे
36:01तो दुन्या बदल सकती है
36:03जब तुम वापस आओ
36:04अगर दिल में जिगा हो तो शायद में भी तुम्हारी इंतिजार में रहूंगा
36:08वीवर्स
36:10ची महीने के बाद
36:12अलेना अपने शेहर वापस आई
36:13मजबूत पुरा इतिमाद और काम्याब
36:17वो अब सिर्फ उस्ताद नहीं बलकि एक मेडिकल वरकर भी थी
36:20इस बार इसके हाद में बने शनाख थी
36:23और दिल में सकून
36:24हाशम ने पिर रिष्टा बेजा
36:26अलेना ने मस्कुरा कर मा की तरफ देखा
36:28और कहा अब शयद वक्त आ गया है
36:31एक ने खुआप की शुरुआत की
36:33ये कहानी उन लड़क्यों के लिए है
36:35जो खुआप देखती है
36:37लेकिन हालात इनके रास्ता रुख लेते है
36:39अदूरा खुआप हमें सिखाती है
36:42कि खुआप कभी मरें नहीं जाते
36:44अगर इरादा मजबूत हो तो तक तक दीर भी बदल जाती है
36:47ड्रामसीरल के हुआले से
36:49अपने राए की जहालाज में कमेंट करें
36:51साथ में हमरे येटूब का चीनल सब्सक्राइब कर नह मत भूलिए
36:54तेंक्स पर वाचिंग
36:55लिवी विर्ज
36:57अलीना एक चोटे शहर की
36:59तालिमी अपता जहीन
37:01मगर खौबों में उल्जी हुई लड़की थी
37:03इसके आंकों में डाक्टर बनने के खौब ता
37:06लेकिन हालात ने
37:07इसे इनुवस्टी के दरोजे पर रुख दिया
37:10इसके वालिद
37:11एक सरकारी स्कूल के उस्ताहत थे
37:13जिनके पेंशन पर अब पुरा गर चल रहा था
37:16तीन बेहन बायो में वो सबसे बड़ी थी
37:19इसलिए वो अपनी मा के सहारा
37:21और बाप की उमेद थी
37:22एक दिन अलीना को
37:24एक फ्रावेट स्कूल में पढ़ाने का मौका मिला
37:27वो सुबा चे बजे गर से निकलती है
37:30बच्चों को पढ़ाती है
37:32शाम को वाफस आकर
37:33चोटे बेहन बायों को भी फढ़ाती
37:36वो तक जाती लेकिन इसके चेहरे पर
37:38कभी भी मायोसी नजर ना आती
37:40इसके हसी में भी
37:42दर्द चुपा होता और आगों में भी
37:44महले में एक नौजवान
37:47हाशिम अकसर इस स्कूल
37:48जाते हुए देखा करता
37:50वो एक खामोश सुल्जा हुआ वर शरापत
37:52से बरपूर ललका था
37:53वो इसके महनत इसके
37:56खुदारी से मतासिर था लेकिन कभी
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