00:00एक दिन की बात है। एक हरे-भरे जंगल में एक चालाक लोम्री रहती थी। वह बहुत होशियार और शातिर थी। और हमेशा दूसरे जानवरों को धोखा देने के बारे में ही सोचती रहती थी।
00:15उसी जंगल के एक कोने में एक छोटा सा सुन्दर घर था जहां एक लाल मुर्गी रहती थी
00:23वो बहुत महंती और समझदार थी
00:27हर सुभध जल्दी उठती, अपना घर साफ करती, दाने चुकती और जंगल के दूसरे पक्षियों की मदद भी करती थी
00:35एक दिन लोम्री ने लाल मुर्गी को देखा, तो उसके मुँ में पानी आ गया
00:42उसने सोचा, अगर मैं इस मुर्गी को किसी तरह बेफ़कूफ बना दू, तो आज का खाना पक्का समझो
00:49अगले दिन लोम्री एक छोटा सा तोफा लेकर मुर्गी के दर्वाजे पर पहुची और बोली
00:56ओ प्यारी मुर्गी, मैं तुम्हारी सादगी और मेहनत से बहुत प्रभावित हूँ, ये फूल तुम्हारे लिए है
01:05मुर्गी ने शक भरी नजरों से देखा और पूछा, इतनी महरबानी क्यूं? तुम तो लोम्री हो और सब जानते हैं कि लोम्रिया चालाग और धोके बाज होती है
01:16लोम्री ने मीठी आवाज में कहा, नहीं नहीं, अब मैं बदल चुकी हूँ, मैं बस दोस्ती करने आई हूँ
01:24मुर्गी हस्ते हुए बोली, अगर तुम सच में बदल गई हो, तो ठीक है, लेकिन ध्यान रखना, अगर तुमने कोई चालागी की, तो मैं भी कम समझदार नहीं हूँ
01:36लोम्री ने मन ही मन सोचा, अब ये मुर्गी मेरे जाल में फस चुकी है
01:42अगले दिन वो मुर्गी से बोली, चलो, मेरे साथ जंगल के उस पार, वहाँ बहुत स्वादिष्ट दाने हैं, मैं तुम्हें दिखाती हूँ
01:52मुर्गी ने सोचा, ये मौका खतरनाक हो सकता है
01:57उसने चुप-चाप अपने दोस्तों, कुत्ता, बिल्ली और कववा को साथ चलने को कहा
02:04जब वे सब जंगल के उस पार पहुँचे, तो लोम्री ने अचानत जपट्टा मारा
02:10लेकिन जैसे ही उसने हमला किया, कुत्ते ने जोर से भौका
02:15बिल्ली ने पंजे मारे और कववे ने जोर-जोर से चिला कर सब को सतर्क कर दिया
02:21लोम्री घबरा गई और अपनी जान बचा कर भाग गई
02:25मुर्गी ने अपने दोस्तों का शुक्रिया अदा किया
02:28और कहा, अकेले चलने से अच्छा है कि हम साथ रहें
02:33क्योंकि समझधारी, दोस्ती, अच्छा है