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  • 2 days ago
पनीर सैंडविच वाली _ Paneer Sandwich Wali _ Hindi Kahani _ Moral Stories _ Hindi Story _ Kahaniya

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😹
Fun
Transcript
00:00Paneer Sandwich
00:30Mere leit nahi kaafi hai
00:31Thuudi tira bad Radha apne gher waapis a jaati hai
00:34Radha apne vimar maa se quat ti hai
00:36Maa aapne dvai li?
00:37Hata biechi mainne dvai li li hai
00:39Maa kel se mujhe kama per jaanai
00:41Aur sabke gher per dut dde karanai
00:43Chalo acha hua
00:44Tuhye koi kama to mil ka
00:46Radha apne chhoati biehen
00:48Aur apne maa ke saath rahiti thi
00:49Pulo bauhat kariib te
00:50Uske pita ke jani ke baad
00:52Maa Anita ki tibiyat kharaab rane lagti hai
00:54Jis se sari zimhidari
00:55Ab Radha ke uper a gai thi
00:57जिस वज़े से राधा ने बहुत जगा काम ढूनने की कोशिश की लेकिन उसे कही काम नहीं मिलता
01:02फिर उसके घर के पास ही सुमन नाम की एक बूढ़ी औरत रहती थी
01:05वो गाये का दूद पेशती थी जहां राधा को काम मिल जाता है
01:08और अगले दिन से ही राधा घर का काम खतम करके दूद पेशने के लिए निकल जाती है
01:13और ग्राको के घर में जा जा कर दूद देख कर आती है
01:16तभी उसे देख कर एक औरत कहती है
01:19अरे राधा तुम?
01:21जी भाबी मैं सुमन काकी किया काम करने लगी हूँ
01:24ये तो अच्छी बात है लेकिन तुम्हे कहीं और भी तो काम मिल सकता था
01:27तुम बहुत ही अच्छा खाना बनाती हो तो तुम खाना बनागर भी तो अपना काम कर सकती हो
01:31लेकिन भाबी उसके लिए तो काफी जादा पैसे की जरुरत होगी
01:35नई, जादा तो नहीं पर थोड़े बहुत पैसे की जरुरत तो होती है
01:38ठीक है भाबी, मैं सोचती हो इसके बारे में
01:41उसके बाद राधा वहाँ से सब के घर दूद देने के लिए चली तो जाती है
01:45लेकिन उसके दिमाग से पूरे रास्ते उस औरत की बात नहीं निकलती
01:48ऐसे ही कई दिन बीच जाते हैं, फिर एक दिन सुमन कहती है
01:51राधा बेटी, फिर से तीन केलो दूद खराब हो गया
01:55इस बार इतनी गर्मी है कि जब तक मैं दूसरे के घर दूद देने जाती हूँ, तब तक दूसरा दूद खराब हो जाता है
02:00लेकिन कोई बात नहीं काकी, मैं इस खराब दूद को घर ले जाती हूँ, और आप इसके पैसे मेरी तनख्वाम में से काट लेना
02:06लेकिन बेटी ऐसे तो तुम्हारा बहुत नुकसान हो जाएगा
02:09नहीं काकी, मैं इस दूद से घर पर पनीर बनाऊँगी
02:12ठीक है बेटी, लेकिन मैं तुम्हारे पैसे नहीं काटूँगी
02:15शुक्रिया काकी, इसके बाद राधा घर पर आती है और उस फटे हुए दूद का पनीर बनाती है
02:21तब ही उसकी छोटी बेहन रिया कहती है
02:23अरे वादीदी, आपने कितना स्वादिष्ट पनीर बनाए है, मैं तो उंगलियाई चाटती रह गई
02:28अरे अरे ध्यान से, कहीं पनीर के चक्कर में तुम अपने उंगलियाई मत खा जाना
02:32फिर अगले दिन बहुत सारा पनीर बच जाता है और राधा रसुई में बैठी सोचती है
02:38इस पनीर का मैं क्या बनाऊ?
02:41तब ही राधा की दिमाग में एक आइडियात है
02:43हाँ, मैं इसके पनीर सेंड्विच बनाऊंगी
02:45उसके बाद राधा सेंड्विच बनाती है और सब को देती है
02:49अरे बेटी, ये पनीर सेंड्विच तो तुमने बहुत ही बढ़ियाँ बनाया है
02:53सच में दीदी मैं तो अब बस हर रोस पनीर सेंड़िची खाऊंगी
02:57ऐसे कुछ दिन गुजर जाते हैं
02:59एक दिन उसकी मा कहती है
03:00बीटी मेरी दवाई खतम हो गई है
03:03ठीक है मा मैं आज शाम को आते टाइम आपकी दवाई ले आऊंगी
03:07फिर राधा काम पर चली जाती है
03:09और शाम को आते वक्त मेडिकल स्टोर पर जाती है
03:11तभी दुकानदार कहता है
03:13देखो राधा अभी तुमने पिछला हिसाब भी नहीं किया
03:16इसलिए मैं तुम्हें और उधार नहीं दे सकता
03:18भाईया, भाईया मेरी मा की तब्यद बहुत खराब है
03:21आप इस बार मेरी मदद कर दीचे
03:23मैं बहुत जल्दी आपका सारा हिसाब कर दूँगी
03:25राधा के ऐसा कहने पर स्टोर वाला उसको दवाई दे देता है
03:29और वो दवाई लेकर खरा जाती है
03:30वो जाकर अपनी मा को दवाई दे देती है
03:33दीदी बहुत तेज भूग लग रही है
03:35पनीर के सैंडविच बना दो ना
03:37राधा अपनी बहन के लिए सैंडविच बनाती है
03:40इस तरह जब भी दूद खराब हो जाता था
03:42राधा उसको घर लाकर पनीर बना लेती थी
03:44जिसे राधा पनीर की अलग-अलग डिश बनाना सीखती थी
03:47फिर कुछ दिन के बाद राधा की दिमाग में एक आइडिया आता है
03:50और अपनी मा से उसके बारे में बात कर रही थी
03:52हाँ बेटी ये तो बहुत अच्छा आइडिया है
03:54मुझे भी लगता है तुम्हारा ये काम बहुत अच्छा चलेगा
03:58हाँ मा मुझे एक बार एक कौरत ने बताया था
04:00कि मैं कुछ खाना बना कर बेच सकती हूँ
04:02और वैसे भी इतना सारा पनीर भी बच जाता है
04:04मैं इसी से अपना छोटा सा काम शुरू कर सकती हूँ
04:07फिर अगले दिन राधा ये बात सुमन काकी को बताती है
04:10राधा बेटी ये तो बहुत अच्छी बात है
04:13अब बस तुम खूब अपना मन लगा कर काम करना
04:16फिर राधा सुमन से जादा दूद लेकर चली जाती है और उसका पनीर बनाती है
04:20मा मैंने पनीर सेंविच की सारी सामगरी तो इकटी कर ली
04:24लेकिन मैं ठेला कहां से लगाऊंगी क्योंकि हमारे पास तो ठेला खरीदने के पैसे ही नहीं है
04:28अगले दिन से राधा दूद के साथ पनीर सेंविच भी बना कर टोकरे में रखकर ले जाती है
04:42पिर उने गली गली में जा कर बेचने लगती है लेकिन शुरू में तो कोई भी उसके सेंविच नहीं लेता था
04:47because they had made the house.
04:49They had all the people who grew up like this.
04:52They started to start flying slow-up.
04:54For people who eat this sandwich!
04:58All the people who drink,
04:59they can't afford a sandwich.
05:02They get some more money than this,
05:06so regardless,
05:08they buy a sandwich.
05:10It's so cool!
05:12It's good for the sandwich.
05:14It's still a sandwich.
05:16.
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06:46This is the story of the family.
07:16and 4-year-old-old-old-old-old-old-old-old-old-old-old.
07:46हाँ सही कहा.
08:16असल में केशोव की माली हालत बहुत खराब थी.
08:20तो घर में दो वक्त हर किसी को पेट भर खाना मिल जाए.
08:23यही एक बड़ी चुनौती थी.
08:25ऐसे में ये दावत उनके लिए किसी सौगात से कम नहीं थी.
08:28तीनों ने शादी की दावत अच्छे से खाई और फिर अगले दित.
08:33मा, मा मुझे वो खाना है.
08:35क्या बेटा? क्या खाना है मेरे बच्चे को?
08:38वही, जो हमने कल खाया था हरारासा, जिसमें वो सफेद सफेद डब्बे थे.
08:44अच्छा वो, अरे मेरे प्यारे लल्ला उसे पालक पनीर कहते हैं.
08:49हाँ मा, वही पागल पनीन.
08:53अरे मेरे लल्ला ठीक है, ठीक है, मैं अपने लल्ला के लिए बना दूंगी पागल पनीन.
09:00ठीक है मा?
09:01ुफ, बंटी से बोल तो दिया पर, पालक पनीर बनाने में तो बड़ा खर्चा होगा, और अभी तो बहुत तंगी है, इनसे बात भी की तो बहुत गुस्सा करेंगे, अब क्या करूं मैं?
09:30इसी उधेड़ भुन में सरीता का पूरा दिन निकल गया, फिर अगले दिन सुबा उठते ही सरीता को चिंता होने लगी, क्योंकि उसने केशव से रुपए मांगे नहीं थे, और बंटी सुबा से ही पालक पनीर खाने की ज़ित कर रहा था, सरीता बुझे मन से रसोई में गई
10:00मा जल्दी लाओ न, पागल पनीर बना नहीं क्या अब तक
10:04बन गया लला, लो, ये लो, ये रहा
10:07अरे वा, आज तो मजाई आ जाएगा
10:10हाँ मेरे बच्चे, लो, अब जल्दी से खाओ
10:13मासूम बंटी बिना कुछ समझे-बुझे खाता गया
10:16मगर सरीता अंदर से बहुत दुखी थी, क्योंकि वो तो सच जानती थी
10:20फिर उसी शाम
10:21केशोव बंटी की बाद पर हसा, पर वो हैरान भी था
10:37कि आखिर पालक पनीर बनाने के लिए सरीता पैसे कहां से लाई
10:41उसने फोरण अंदर जाकर सरीता से पूछा
10:44सरीता, वो बंटी बता रहा था कि तुमने पालक पनीर बनाया है?
10:48जी वो, मैं वो
10:50लाओ, थोड़ा सा हमें भी चका दो फिर
10:52सरीता को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वो केशव को क्या कहे
10:56तो फिर उसने बिना कुछ सोचे समझे, केशव के सामने भी वही पालक की सबजी लाकर रख दी
11:01जिसमें पनीर की जगा आटे के चौकूर टुकरे थे
11:04पहला निवाला खाते ही केशव को सारी बात समझ में आ गई
11:07उसने कुछ नहीं कहा, लेकिन जब उसने सरीता की तरफ देखा तो उसकी आखों में आसू थे
11:12केशव ने उसी वक्त खाना छोड़ा और घर से बाहर निकल गया
11:16केशव के इस तरह के बरताफ से सरीता और ज़्यादा डर गए, वो और रोनी लगी
11:21फिर कुछ दिर बाद केशव घर वापस आया तो उसके हाथों में एक थैला था
11:25केशव के हाथों में पनीर, क्रीम और बाकी मसाले थे जो उसने मुस्कुराते हुए सरीता को थमा दिये
11:46वो सारा सामान उधार लेकर आया था, उस दिन सरीता ने भी पूरी मेहनत और सावधानी के साथ पालक पनीर बनाया
11:52जब तक पालक पनीर बन कर तयार हुआ तो केशव और बंटी वही रसोई में बैठे सरीता को बड़े थ्यान से देखते रहे
12:00और फिर जैसे ही सरीता ने असली पनीर के साथ पालक पनीर उन दोनों को परोसा तो दोनों के चेहरे खिल गए
12:06पहला निवाला खाते ही बंटी सीधा जाकर अपनी मा की गले लग गया
12:10ये वाला पागल पनीर तो शादी वाले से भी बहुत अच्छा है मा
12:14सच में सरीता बंटी बिलकुल सही बोल रहा है
12:20तुमने तो कमाल कर दिया अब मुझे लगता है अब तुम्हारा ये पालक पनीर ही हमारी किस्मत पल्टेगा
12:27जी मैं कुछ समझी नहीं आप कहना क्या चाहते हो
12:30देखो मैं कई दिनों से खेती छोड़ कर एक धाबा खुलने के बारे में सोच रहा था
12:35खेती की जमीन तो है ही अपने पास
12:38उसी मैं एक छोटा सा धाबा चलाने के बारे में सोच रहा था
12:41लेकिन बस ये नहीं समझ पा रहा था कि अच्छा खाना बने का कैसे
12:46जो लोगों को पसंद भी आए
12:48और खाना बनाने के लिए किसी को मस्दोरी भी ना देनी पड़े
12:51लेकिन अब सब समझ में आ गया है
12:53तुम चलाओगी ढाबा और मैं और बंटी करेंगे तुम्हारी मदद
12:58केशव की बात सुनकर सरिता की आँखों में खुशी के आंसु आ गये
13:01उसे खाना बनाने का हमेशा से शौक था
13:04लेकिन पैसों की कमी के चलते वो इस शौक को कभी आगे नहीं बढ़ा पाए
13:07लेकिन अब उसका ये शौक उनकी कमाई का जरिया बनने वाला था
13:11तो सरिता भी पूरी तरह से तयार थी
13:14अगले दिन से केशव ने बांस बल्यों की मदद से धाबा बनाना शुरू कर दिया
13:19और पूरे एक हफते की मेहनत के बाद सरिता का पालक पनीर धाबा बनकर तयार हो गया
13:24शुरुआत के लिए केशव को थोड़े पैसी कर्स पर लेने पड़े
13:28But then Sari Ta's got the love and love
13:31Which means that Keshav came with hope
13:33But she made the love and love
13:35But she made the love of the other people
13:38But it was made by Palak Paneer
13:40That was the most people who had said
13:42Oh, it was fun
13:46By Palak Paneer
13:48I've never told them
13:50I've not done a good thing
13:52I've made a good thing
13:53Who's made it?
13:54Who's made it?
13:56I have a special car.
13:58Yes, that is,
14:00yes,
14:02it is a real marketing.
14:04That is my wife,
14:06she has made everything.
14:08Oh,
14:10this is a big thing,
14:12that is fine,
14:14next month my house is a dava,
14:16so dava of the food
14:18is your order,
14:20just so much advance.
14:22Oh,
14:23thank you very much,
14:25But in the food, what do you want to do with this?
14:29Yes, my own demand is a demand.
14:33It's like a milk.
14:35The rest of it is about 200 people.
14:38And one more thing.
14:40If you want to do this, it will be a work for you.
14:43Yes, that is what you want.
14:45My son, the internet has made videos of people on the internet.
14:50and I have full confidence that you have a video on the internet.
14:55Sariita made up of the pineal and pineal and its pineal.
14:59Keshav and Sariita were very happy, but the most happy was Banti.
15:05The next day, the pineal was a good idea.

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