08:20तो घर में दो वक्त हर किसी को पेट भर खाना मिल जाए.
08:23यही एक बड़ी चुनौती थी.
08:25ऐसे में ये दावत उनके लिए किसी सौगात से कम नहीं थी.
08:28तीनों ने शादी की दावत अच्छे से खाई और फिर अगले दित.
08:33मा, मा मुझे वो खाना है.
08:35क्या बेटा? क्या खाना है मेरे बच्चे को?
08:38वही, जो हमने कल खाया था हरारासा, जिसमें वो सफेद सफेद डब्बे थे.
08:44अच्छा वो, अरे मेरे प्यारे लल्ला उसे पालक पनीर कहते हैं.
08:49हाँ मा, वही पागल पनीन.
08:53अरे मेरे लल्ला ठीक है, ठीक है, मैं अपने लल्ला के लिए बना दूंगी पागल पनीन.
09:00ठीक है मा?
09:01ुफ, बंटी से बोल तो दिया पर, पालक पनीर बनाने में तो बड़ा खर्चा होगा, और अभी तो बहुत तंगी है, इनसे बात भी की तो बहुत गुस्सा करेंगे, अब क्या करूं मैं?
09:30इसी उधेड़ भुन में सरीता का पूरा दिन निकल गया, फिर अगले दिन सुबा उठते ही सरीता को चिंता होने लगी, क्योंकि उसने केशव से रुपए मांगे नहीं थे, और बंटी सुबा से ही पालक पनीर खाने की ज़ित कर रहा था, सरीता बुझे मन से रसोई में गई
10:00मा जल्दी लाओ न, पागल पनीर बना नहीं क्या अब तक
10:04बन गया लला, लो, ये लो, ये रहा
10:07अरे वा, आज तो मजाई आ जाएगा
10:10हाँ मेरे बच्चे, लो, अब जल्दी से खाओ
10:13मासूम बंटी बिना कुछ समझे-बुझे खाता गया
10:16मगर सरीता अंदर से बहुत दुखी थी, क्योंकि वो तो सच जानती थी
10:20फिर उसी शाम
10:21केशोव बंटी की बाद पर हसा, पर वो हैरान भी था
10:37कि आखिर पालक पनीर बनाने के लिए सरीता पैसे कहां से लाई
10:41उसने फोरण अंदर जाकर सरीता से पूछा
10:44सरीता, वो बंटी बता रहा था कि तुमने पालक पनीर बनाया है?
10:48जी वो, मैं वो
10:50लाओ, थोड़ा सा हमें भी चका दो फिर
10:52सरीता को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वो केशव को क्या कहे
10:56तो फिर उसने बिना कुछ सोचे समझे, केशव के सामने भी वही पालक की सबजी लाकर रख दी
11:01जिसमें पनीर की जगा आटे के चौकूर टुकरे थे
11:04पहला निवाला खाते ही केशव को सारी बात समझ में आ गई
11:07उसने कुछ नहीं कहा, लेकिन जब उसने सरीता की तरफ देखा तो उसकी आखों में आसू थे
11:12केशव ने उसी वक्त खाना छोड़ा और घर से बाहर निकल गया
11:16केशव के इस तरह के बरताफ से सरीता और ज़्यादा डर गए, वो और रोनी लगी
11:21फिर कुछ दिर बाद केशव घर वापस आया तो उसके हाथों में एक थैला था
11:25केशव के हाथों में पनीर, क्रीम और बाकी मसाले थे जो उसने मुस्कुराते हुए सरीता को थमा दिये
11:46वो सारा सामान उधार लेकर आया था, उस दिन सरीता ने भी पूरी मेहनत और सावधानी के साथ पालक पनीर बनाया
11:52जब तक पालक पनीर बन कर तयार हुआ तो केशव और बंटी वही रसोई में बैठे सरीता को बड़े थ्यान से देखते रहे
12:00और फिर जैसे ही सरीता ने असली पनीर के साथ पालक पनीर उन दोनों को परोसा तो दोनों के चेहरे खिल गए
12:06पहला निवाला खाते ही बंटी सीधा जाकर अपनी मा की गले लग गया
12:10ये वाला पागल पनीर तो शादी वाले से भी बहुत अच्छा है मा
12:14सच में सरीता बंटी बिलकुल सही बोल रहा है
12:20तुमने तो कमाल कर दिया अब मुझे लगता है अब तुम्हारा ये पालक पनीर ही हमारी किस्मत पल्टेगा
12:27जी मैं कुछ समझी नहीं आप कहना क्या चाहते हो
12:30देखो मैं कई दिनों से खेती छोड़ कर एक धाबा खुलने के बारे में सोच रहा था
12:35खेती की जमीन तो है ही अपने पास
12:38उसी मैं एक छोटा सा धाबा चलाने के बारे में सोच रहा था
12:41लेकिन बस ये नहीं समझ पा रहा था कि अच्छा खाना बने का कैसे
12:46जो लोगों को पसंद भी आए
12:48और खाना बनाने के लिए किसी को मस्दोरी भी ना देनी पड़े
12:51लेकिन अब सब समझ में आ गया है
12:53तुम चलाओगी ढाबा और मैं और बंटी करेंगे तुम्हारी मदद
12:58केशव की बात सुनकर सरिता की आँखों में खुशी के आंसु आ गये
13:01उसे खाना बनाने का हमेशा से शौक था
13:04लेकिन पैसों की कमी के चलते वो इस शौक को कभी आगे नहीं बढ़ा पाए
13:07लेकिन अब उसका ये शौक उनकी कमाई का जरिया बनने वाला था
13:11तो सरिता भी पूरी तरह से तयार थी
13:14अगले दिन से केशव ने बांस बल्यों की मदद से धाबा बनाना शुरू कर दिया
13:19और पूरे एक हफते की मेहनत के बाद सरिता का पालक पनीर धाबा बनकर तयार हो गया
13:24शुरुआत के लिए केशव को थोड़े पैसी कर्स पर लेने पड़े
13:28But then Sari Ta's got the love and love
13:31Which means that Keshav came with hope
13:33But she made the love and love
13:35But she made the love of the other people
13:38But it was made by Palak Paneer
13:40That was the most people who had said
13:42Oh, it was fun
13:46By Palak Paneer
13:48I've never told them
13:50I've not done a good thing
13:52I've made a good thing
13:53Who's made it?
13:54Who's made it?
13:56I have a special car.
13:58Yes, that is,
14:00yes,
14:02it is a real marketing.
14:04That is my wife,
14:06she has made everything.
14:08Oh,
14:10this is a big thing,
14:12that is fine,
14:14next month my house is a dava,
14:16so dava of the food
14:18is your order,
14:20just so much advance.
14:22Oh,
14:23thank you very much,
14:25But in the food, what do you want to do with this?
14:29Yes, my own demand is a demand.
14:33It's like a milk.
14:35The rest of it is about 200 people.
14:38And one more thing.
14:40If you want to do this, it will be a work for you.
14:43Yes, that is what you want.
14:45My son, the internet has made videos of people on the internet.
14:50and I have full confidence that you have a video on the internet.
14:55Sariita made up of the pineal and pineal and its pineal.
14:59Keshav and Sariita were very happy, but the most happy was Banti.