00:00अभी वर्तमान रूपे यहाँ पे हॉस्पिटल में चार पार्टनर हैं, रवी सर जो की जिनका स्वर्गवास हो गया है तो ऐसे पार्टनर के तोर पे उनके वाइफ है, साथ में कृतिश कुमार, दीपक बर्मन और अनिता ठाकूर यहाँ पे पार्टनर के तोर पे अभी काम क
00:30जी अभी एक्सरे मशीन है और जो पैथलोजी है, कुन जाच है वो बाहर जाता है इसके लिए पार्टनर जैसे कि जो डाक्टर का स्वर्गवास हो गया, पार्टनर शीप में रिवाइस करने के वज़े से इसमें थोड़ा सा समय लगा है, जिसी वज़े से नए रेजिस्ट
01:00साथी थाकुरसर जो कि हटी रोग विशेशक यह हैं, ओपरिशन ओटी वी संचालन होता है यहां पर, लगब कि इतने परसंट आजाते हो गया, मरीज भरती के रूप में तो दस से बारा मरीज होते हैं महिने के, बाकि ओपीडी होते हैं
01:27यह जो ऑस्पिटले माद अंदेशुरी ट्रामा सेंटर एंड क्रिटिकल के नाम है, इनका शुरु में जो रेजिटी रेजिटेशन तर लाइसेंस डॉक्टर रेविचंद्र के नाम से था, और यह फॉर्म है, और उनके डेत के बाद इनको क्या बलता है, जैसे ही उनके मृ
01:57हुए उनकी मिसेश हैं, और डॉक्टर के किरतीश, दीपक वर्मन और अनिता ठापर के, डॉक्टर रभी चंद्र सर का डेत हुआ, दो गैरा दो हजर तेविसमें, नहीं उसके बाद से रेजिटेशन लेकर आए गया, उनके नाम से बाकि उतना तो मेरे को नहीं मालूम, प�
02:27मैं बहुत बढ़ का, कि सर देखिए, प्राब्लम हो सकता हो, इसको जल्दे से हम लोग बना लेते हैं, तो फिर उनलोग का क्या सोच था हमको तो नहीं मालूम, हाँ, डॉक्टर रभी चंद्र सर्क खतम होने के बाद बाद बाई वहीं पर नहीं रह चालेता, तो उसके लि�
02:57देखिएंगे बोलके, अभी तक देखिएंगे पर होस्पिकल तो जग्दुपूर में चल रहा था, दो हजार बाईस में रेजिस्टेशन लिया है, जो दो हजार सताइस तक वैलिड है, मुझे आपके तो मार्दम ते पता चल रहा है कि गल्ला रभी चंद्र जी की मौत हो �
03:27केस रजिस्टेट कराएंगा रोज पर कारवाही करेंगे, बरतमान में आपके द्वार पता चल रहा कि ऐसा उनके पास कुछ मसीने नहीं है, हमारी टीम बहुत जल्दी उनके पास जाकर कारवाही करेंगे और मसीनों की भी जाच करेंगे, उनकी सूचना दी जानी चाहिए,