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  • 4 months ago
Transcript
00:00बच्पन में मेरे बाबा अक्सर एक शेर और एक बच्चे की कहानी सुनाया करते थे
00:03एक बच्चा अपने बाबा को तंग करने के लिए
00:07शेर आया शेर आया चिला के उन्हें बुलाता
00:09उसके बाबा जाते पर शेर नहीं होता
00:11तीसरी बार सच में शेर आ गया पर उसके बाबा नहीं पहुंचे
00:15उन्हें लगा कि वो फिर से चूट बोल रहा है और शेर बच्चे को खा गया
00:18वो तीसरी बार भी उसके पास जरूर चाते हैं पर क्यों नहीं गया
00:22उस पिता का विश्वास तूट चुका थो
00:26क्या छूट किसी इनसान की जिंदगी से पढ़के हैं
00:28जानते हो
00:31अकल का इस्तमाल किसी को धूका देने के लिए नहीं किया जाना चाही
00:34न है इसले किसी की जान पर भाय उसका सही इस्तमाल होना चाहीए
00:38समझछधारी किसान ना समझसी सिख कविए
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