Skip to playerSkip to main contentSkip to footer
  • yesterday
'भारतीय सेना पर मां काली की कृपा', रक्षा मंत्री Rajnath Singh ने Lucknow में दिया दमदार संबोधन

Category

🗞
News
Transcript
00:00साथियो ये जुलाई का महीना शल्ला है ये भारती सेनाओं के इतिहास के लिए भी ये काफी महत्व पूंड है
00:07आज के 26 पाल पहले 1999 में इनी दिनों कारगिल की पहाड़ियों पर भारत और पाकिस्तान के बीच एक सैन ने संगर्श शल्ला था
00:19पाकिस्तान ने भारत की धर्टे पर कब्जा करने की भरपूर कोशिश की थी उस समय देश के प्रधान मंतरी और इसी लखनव बहा नगर के यन प्रत्नेदी सांसर प्रदे अटल विहारी बाज पेईजी हुआ करते थे
00:36अतल जी ने के नेतरत में भारत ने शंकल पर लिया कि भारत के एक एक इंज यमीन खाली कराई जाएगी और खाली कराकर ही उन्होंने देदम लिया ऐसे हमारे नेता तरदे अतल विहारी वाज पेईजी थे
00:51आप शंयोग देखिए कि भारती शेना की जिस रेजिमेंट में कैप्तन मनोज पांडे अपनी शेवाएं दे रहे थे उनका नाम है गुरखा राइफल्स उस रेजिमेंट का जैगोस है जै महाकाली आयो गुरखाली जै महाकाली आयो गुरखाली उसका जैगोस है और इसी द
01:21युद्ध की एक किस्वी वर्स गांट मनाई जा रही है और इस मौके पर हमें कैप्टन मरोज पांडे समित सभी वीरों को याद करना चाहिए जिन्होंने माँ भारती के लिए अपना सर्वस्व बलिजांग कर दिया
01:35सार्थियो भारती शेनाओं पर माकाली की विशेश कर रही है अब या आपरेशन शिंदूर के दोरान भी भारती शेनाओं ने अपने अजबुच शोर वीरता और पराक्रम का परिशे देते हुए पाकिस्तान पर मौजूद नव आतंकबादी ठिकानों का सफाया करने में पू
02:05महिला सैनकों पर पाइलटों ने बढ़ चरकर भाग लिया था कि अबल पुरुद सैनक ही नहीं बलकि महिला सैनकों ने भी बढ़ चरकर भाग लिया था और माकाली के एक स्वरूब से दुस्पनों के उन्होंने च्छक के शुड़ा दिये थे
02:19साथियों भारत एक ऐसा देश से जो सदियों तक विश्व के लिए आर्थिक संब्रद्य और भावतिक विकास का एक उदाहन रहा है
02:30हमने प्रगति के प्रतिमान गए हैं और संब्रद्य के सोपान भी तै किये हैं
02:36भारत ने कभी भावतिक उन्नत को भावगोलिक विस्तार और सोसन का माध्यम नहीं बल्ले दिया यह भारत की एक सब्चे बड़ी विशेश्टा है
02:45भावतिक प्रगत के लिए भी हमने आध्यात्मिक और मानवी प्रतीकों की रशना की है
02:51और उसका दिर्ब स्वरूपी है भारत की संब्रिद संस्कृत में हमें इस पष्ट रूप से लिखाई देता है
02:58साथ यो गुलामी के कालखंड में जिन अत्याशारियों ने भारत को कमजोर करने का प्रयास किया
03:06उन्होंने सबसे पहले हमारे इन आध्यात्मिक और संस्कृतिक केंद्रों को प्रतीकों को निशाना बनाया था
03:15आज आदी के बाद इन संस्कृतिक प्रतीकों का पुनल डर्मान या आवश्यक था
03:21अगर हम अपनी संस्कृतिक पहचान को सम्मान देते
03:25तो देश के भीतर एक जुटता और आत्म सम्मान का भाव या स्वभावी कुरूब से मजबूत होता
03:32लेकिन दुरभाग से ऐसा हुआ नहीं
03:36आज आदी के बाद सो मनात मंदर के पुनर्ब नर्मान का विरोध किया गया था
03:42और ये सोच दसकों तक देश के उपर हावी रही
03:46इसका नतीज़ ये हुआ कि देश हीन भावना के गर्द में चला गया
03:52अपनी विरासत पर गर्ब करना यह देश यह से लगता था कि भूल गया हो
03:58मगर आज भारत मेरे दोस्तों बदल चुका है
04:02और विकास के साथ साथ विरासत का भी संरक्षन हमारा देश कर रहा है
04:07आज प्रधान मंत्री मोडी जी के नेत रक्तुए

Recommended