Eye Tests In 40s: 40 की उम्र के बाद शरीर में कई बदलाव आते हैं, जिनमें आंखों की रोशनी का कमजोर होना एक आम समस्या है। बढ़ती उम्र के साथ प्रेसबायोपिया, मोतियाबिंद, ग्लूकोमा और रेटिना से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में यह जरूरी है कि आप नियमित आंखों की जांच करवाएं।
00:00बढ़ती उम्र में शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं अब शरीर पहले की तरह एनरजेटिक नहीं रहता है आप थोड़े से काम के बाद ही ठक जाते हैं अब इसके अलावा आपको जोड़ों में दर्द चलने में परिशानी भी हो सकती है अब इनके साथ ही बढ़ती उम्
00:30रहते आँखों की समस्या को समझने और इसका स्वही इलाज शुरू करने का प्रयाप्त समय मिल जाता है तो चलिए अब आज की इस वीडियो में हम आपको बताते हैं कि 40 की उम्र के बाद व्यक्ति को आँखों से जुड़े कौन से टेस्ट अवश्य कराने चाहिए लेगिन
01:00अब यह टेस्ट ग्लुकोमा की शुरुवाती पहचान में सहायक है अब यह एक विशेस मशीन में आँखों में हलकी हवा फूख कर या फिर बूंद डाल कर दबाओ मापा चाता है
01:09अब जैसे जैसे उम्र बढ़ती है आँखों की फोकस करने की शमता कमजोर होती है जिससे दूर या फिर पास की दुष्टि धुंदली हो सकती है या टेस्ट सही चश्मे की शक्ति निर्धारित करता है
01:27इसमें आँखों की पुतलियों को विशेस बुंदों से फैलाक और रेटीना, आप्टिक नर्व और रक्त वाहिकाओं की स्थिति को देखा जौता है डियाबिटीक, रेटिनोपैथी, AR, MD, रेटिनल, टियर या फिर डिटैच्मेंट जैसे बिमारियों की समय रहते पहचान
01:57पुतियाबिन, यानि केट्रक्ट की शुराति पहचान आँखों की सतह पर कोई चोट या फिर संक्रमन, सूजन, लालपन या फिर जोलन जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है
02:07कलर विजन टेस्ट इससे ये पता चलता है कि वेक्टी रंगों को सही से पहचान पा रहा है या फिर नहीं कुछ नियूरोलाजिकल बीमारिया, डायबेटीज और दवाओं के दोश प्रभावों से कलर विजन प्रभावित हो सकता है
02:18तो दोस्तों फिलाल इस वीडियो में इतना ही हमने आपको बताया कि 40 के उम्र के बाद आखों की जाच के लिए कौन से टेस्ट जरूर करवाने चाहिए
02:25फिलाल आपको ये जाइन कारी कैसे लगी कमेंट में लिक कर जरूर बतेगा धन्यवाद