00:00वो इस दूद के डिब्बे से जेल से भागने वाला था। उसने पैकिंग खोल दी, फिर उस पारदर्शी परत को निकाला और चुप-चाप उसे पासवर्ड लॉक के बटन पर चिपका दिया। जैसे ही जेल का गार्ड पासवर्ड डालेगा, वो उसकी उंगलियों के निशा
00:30समय, बाहर मौझूद महिला साथी ने कार में लगे बम को विसफोड किया, जिससे सब का ध्यान भटक गया, और विजय जो फायर ट्रक के नीचे छिपा था, तैयार गारी में बैठ कर भाग निकला। जब तक जेल गार्ड को पता चला, विजय अपने घर पहुँच चुका
01:00कभी नहीं सुना था, उसने साफ इंकार कर दिया, लेकिन महिला ने एक करोड की पेश कश की, इतनी बड़ी रकम देख, विजय ने हामी भर दी, उसका असिस्टेंट उसके लिए फरजी पहचान और जेल के अंदर इस्तिमाल होने वाले कोर्ट वर्ड्स तयार करता था, ता
01:30इसके बाद उन्होंने उसे एक और इंजेक्शन दिया, और विजय धीरे-धीरे होश खो बैठा, उसे क्या पता था, कि अब जो सामने आने वाला है, वो किसी भी बुरे सपने से कम नहीं होगा, जब होश आया, तो खुद को एक पारदर्शी और हवा में लटकती हुई जे
02:00बुलाया गया, तभी कुछ लोग विजय को घेर कर पीटने की कोशिश करने लगे, विजय ने भी एक को मुक्का मार गिराया, और माहौल गर्म हो गया, तभी किसी ने आकर सब को रोक दिया, वो था राजू, जिसके साथ कुछ गुंडे भी थे, लगता था वो जेल के भीत
02:30बुली मार दी जाती, यहां दिन और रात का फर्क ही नहीं था, विजय ने खुद को जान बूच कर अकेली कोटरी में भेजवाया, लेकिन वहां की स्थिती और भी भयानक थी, तेज रोशनी ने उसकी आँखें जला दी, और डी हाइडरेशन होने लगा, फिर भी उसने दी