00:00भारतिये अंतरक्ष यात्री शुभानशु शुकला ने अंतराश्ट्री अंतरक्ष स्टेशन यानि ISS पर एक सप्ताह का समय पूरा कर लिया है
00:13विकेंड पर भारतिये एस्ट्रोनॉट ने अपने परिवार से पहली बार बात की
00:18उन्होंने इस बातचीत के दोरान अपनी मा आशा शुकला को अंतरक्ष से सूर्योदय का धुरलब भत्रिश दिखाया
00:26ये पूरे परिवार के लिए भावुक कर देने वाला पल था
00:30पंदरा मिनट के इस बातचीत में पूरा परिवार एक साथ जुदा था
00:3425 जून को फ्लॉरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेस एक्स फॉलकन नाइन रॉकेट पर लॉंच किया गया
00:43एक्स फोर टीम को ले जाने वाला ड्रैगेन अंतरक्षियान 26 जून को शाम चार बच कर पांच मिनट पर निरधारत समय से पहले
00:52अंतरक्ष स्टेशन से जुड़ गया मिशन का संचालन एक्सियोम स्पेस द्वारा किया जा रहा है इस मिशन में एक सप्तह का समय पूरा होने के बाद एक दिन अंतरक्षियात्रियों ने ओफ ड्यूटी दिन का आनिद लिया इस दोरान सभी अंतरक्षियात्रियों ने अप
01:22book Captain Shubhansh Shukla
01:23first time on Antioch's video call
01:26by朝ab 3-room minute
01:30in a moment
01:395.25-5.25
01:41a.m.
01:43This video was that
01:44Axiom Space, Nasa
01:47and SpaceX's X-4
01:49चालक दल ने नासा के TDRS नेटवर्क के माध्हिम से की
01:54शुभानशु शुकला ने इस बादचीत के दोरान अपनी मा आशा शुकला को अंतरक्ष से सूर्योदय का दुरलब दुरिश दिखाया
02:03दरसल बादचीत के दोरान ISS पर सूर्योदय हो रहा था
02:08खिड़की से धर्ती की और नजर डालते हुए और वीडियो दिखाते हुए शुभानशु ने कहा
02:13मा देखो ये हैं अंतरक्ष से सूरज निकलता हुआ
02:18इस शण में उनकी मा की आँखों में आसु थे पर होटो पर एक अवस्मर्णिय मुस्कान
02:24शुभानशु ने परिजनु को अंतराश्ट्री स्पेस स्टेशन की वर्च्वल सेर कराई
02:29पूरे परिवार के लिए ये पल अब स्मर्णिय था
02:3315 मिनट के इस बाचित में पिता शंभू दयाल शुकला, मा आशा शुकला
02:39और बड़ी बहन शुची मिश्रा लगनों के त्रिवेनी नगर सित आवास से जुड़ी
02:44तो सबसे बड़ी बहन ने धी नौएडा और शुभानशु की पत्नी कामना शुकला
02:48अमेरिका के एटलांटा से जुड़ी
02:50शुभानशु ने अपनी बहन के बच्चों से भी बात की
02:54शुभानशु ने अपने परिवार से बाचीत के दौरान बताया कि शुरुवात में अंतरक्ष में रहना थोड़ा अटपटा लगा
03:01उन्होंने बताया कि अंतराश्ट्रिय स्पेस स्टेशन हर 90 मिनट में प्रत्वी का एक चकर लगाता है जिससे उन्हें हर रोज 16 बार सूर्योद्य और सूर्या से देखने का अनुभव होता है उन्होंने कहा यह अनुभव कल्पना से परे है