00:00चुनावायोग के आदेश होते हैं, अगर उनको पढ़ने के बाद अगर चर्चा की जाए, तो कई सारे विश्यों का समाधान उसी में नहीं है, जैसे कि बिहार में बाइस साल पहले एक एक दो हजार तीन की जो मताता सुची है, उसमें जो भी लोग हैं, उनको प्राथमिक द
00:30के अनुछेद 326 के अंतरगर पात्र माना जाएगा, अर्थात जिन लोगों का नाम उस सुची में है, उनको कोई कागस नहीं देना, और अगर जब उनके बच्चों के मताता पत्र बनते हैं, उनको भी अपने माता पिता के लिए कोई कागस नहीं देना, जहां तक समय परि�
01:00का बिहार में गहन परिक्षोट हुआ था, तभी 15 जुलाई से 14 अगस्त अर्थात 31 दिन पर हुआ था, और इस बार भी 24 जून से लेकर 25 जुलाई तक 31 दिन के अंतरगर था
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