बेंगलुरू : दुनिया कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू के फ्रीडम पार्क को विरोध प्रदर्शनों के लिए तय जगह के रूप में जानती है. ये एक ऐसी जगह है, जिसपर हर राजनीतिक दल, हर सामाजिक कार्यकर्ता और हर नागरिक का समान अधिकार है. कम ही लोग जानते हैं कि ये वही जगह है जहां कभी बेंगलुरू सेंट्रल जेल हुआ करती थी. उस जेल में देश के कुछ मशहूर राजनैतिक हस्तियों और कार्यकर्ताओं को कैद किया गया था. न सिर्फ आजादी की लड़ाई के दौरान, बल्कि भारतीय लोकतंत्र के एक और अध्याय - आपातकाल के समय भी. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून, 1975 को आपातकाल लगाया था. इस घटना को 50 साल हो चुके हैं. बेंगलुरु का फ्रीडम पार्क लोकतंत्र के लिए अजनबी दौर का चश्मदीद है. बेंगलुरु सेंट्रल जेल में पार्टी लाइन से परे कई नेताओं को बंद किया गया था. उनमें लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी, रामकृष्ण हेगड़े, एच. डी. देवेगौड़ा और न्यायमूर्ति एम. रामा जोइस के अलावा स्नेहलता रेड्डी और माइकल फर्नांडिस जैसे मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता भी थे. बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में पुरानी जेल का एक हिस्सा अब भी खड़ा है. इसकी एकांत कोठरी और ढहती दीवारें उस दौर की मूक गवाह हैं जब लोकतंत्र को एक अजनबी दौर देखने को मिला था.
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