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  • 2 days ago
Part- 03 सत्ता के वैकल्पिक केंद्र (POL--समकालीन विश्व राजनीति--4--आर्थिक व राजनीतिक सत्ता के वैकल्पिक केन्द्र )

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00:00Hello all, students, आज की इस क्लास में हम लोग चर्चा कर रहे हैं सत्ता के वेकलपी केंद्र।
00:05और इस शेप्टर में हम पिछली दो क्लास में बात कर चुके हैं, यूरोपीय संग की, यूरोपीय संग के पश्चात हमने चर्चा की थी, आस्यान और उसके बाद चीन की उफरती भी अर्थ विवस्ता की, आज हम बात करेंगे भारत और चीन संबंधों की और साथ ही सार चर्
00:35के समक्स, सर्था के कौन-कौन से वेकल केंदर उबर करके सामने आया है, यानि कि alternative centers कौन-कौन से थे, जो की अमेरिका को, अमेरिका के वर्चस्व को चुनाती दे सकते थे, इन में यूरोपीय संग सब से बड़े वर्चस्व की चुनाती के रूप उबर करके आया, उसके ब
01:05अमेरिका के लिए एक चुनोती बन सकते हैं और ब्रिक्स जो कि एक आर्थिक सहयोग संगर्टन कहा जा सकता है ये भी एक मजबूत आर्थिक संगर्टन के रूप में अस्पित्व पुलना आया है
01:16ये रूप ये संग जिसके बारे में आपने देखा द्वित्य विश्व युदु के पस्चाद जब ये रूप की अर्थिवस्ता लड़ खड़ा रही थी तो अमेरिका के सहयोग से जो समय अमेरिका के राश्पती थे टुमेन उन्होंने एक सिद्दान प्रतिपादित किया य
01:46जिसके परिणाम सुरूप यूरोप में 1948 में यूरोपिया आर्थिक सहयोग संगठन की इसी करम में चलते हुए
02:121992 में यूरोपिया संग अस्तित्व में आया मौस्विस संदी पर यूरोप के 12 देशों ने मिलकर के संदी पर अस्ताक्षर करते हुए इसे स्विक्रत किया
02:23लेवाइडे यूरोपिया संग मजबूत होता चला गया लाकेवल ये अर्थिक संगठन की रूप में रहा बलकि एक राजमितिक शेत्र में भी मजबूत संगठन बन करके उबर सामने आया
02:33तो नु прив Water अज संग की जो मुद्रा im off ऑन विइ't के लगवग ब्राबर रहती है अ recruitment
02:42को सला न चैना घ्मित दूसरे सबसें बड़ी सेना है यूरोपिय संग मैं जो सदस्य हैं उम्ने फ्रांस
02:48यूएनों का स्थाई सदस्या है हालंगे पहले ब्रेटेन भी था बढ़ेंट गर्जिट के बाद में अलग हो चुका है
02:56इसे बावजूद भी फ्रांस अकेला ही अगर स्थाई सदस्या है तो इसका मतलब यह कि यूएनों के अंदर पर्मानेंट मेंबर के रूप में
03:05टिससे यूरोपे संग का राजरती प्रभाव काफी मेंदूपोर हो जाता है आर्तिक स्थेतर में ईअतना मद्शिट रहते इसके योडिया संग्से इतना मजबूत है
03:12कि चीन के साथ बराबरी से बातचीत करता है भारत के साथ बराबरी से बातचीत करता है रसिया के साथ बराबरी से बातचीत करता है तो इसकार्थ यह हुआ कि यूरोपिय संग अमेरिका के बराबर एक वर्चसु के रूप में भर कर सामने आगा है उसके बाद आसियान देशो
03:42इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापूर, थाइलेंड, फिलिपिन्स, यह वो पाँच देश जो कि इसके जन दाता कहलाते हैं, उसके बाद पाँच अन्य देश इसमें सामिल होते चले गए, और दस देशों का यह आशिया नेक संगठान अस्तित्व हमाया, जिसने अर्थिक स
04:12सिंग ट्वेंट, अन्तरगत अस्यान ने अपनी बह हमोखी प्रतिवा का परीशे दिया जिसके अंतरगत अस्यान अपने आसिया के जो भी देश है, जो बले आसियान में सामिल नहीं हैं, जब भी उनके साममें कोई संकता ऐया, तो मिल जूरकर उसंकता का साम ना किया, पू
04:42पिर उने बात की थी चीन की उबरतीवी अर्थविवस्ता की चीन वर्तवान समय में अमेरिका के बाद दूसरी सबसे बड़ी अर्थविवस्ता वाला देश कहा जा सकता है जो बहुत पिवर गति से इस धरातल पर उबर कर सामना आया है
04:561950 में चीन जहां जनवादी गर्डाजी के रूप में स्थापित हुआ जिसे पीपल्स रेपब्लिक ऑफ चाइना कहा जाता है जिसे पी आर्सी कहा जाता है सामयवाद की स्थापना हुई
05:06मौत से तुंग ने चीनिकरांती का नितरत्व किया था मौत से तुंग के विचारों का प्रभाव प्रारंबीक समय में चीन पर रहा
05:131950 से लेकर के और 1972 तक अगर हम कहें तो चीन ने साम्यवादी देशों के साथ ही व्यापार वानिजी किया
05:21पुझीवादी देशों के साथ उसका कोई संपर्थ नहीं था
05:24लेकिन 1972 से चीन अपने नीतियों में परिवर्तर किया
05:30जिसमें सबसे पहले अमेरिका के राजपती निकसन के साथ
05:331972 में समझवता हुआ व्यापार वानिजी के अनेख समझवता पर दोनों देशों के बीच महस्ताक्षर किये गए
05:39उसके बाद 1978 में उस समय के जो चीन के सासना देख से देंग्स याउपेंग
05:45उन्होंने ओपन डोर पॉलिसी खुले द्वार की निती की गोशना की
05:49और जितने भी पूझीवादी देशते उनके साथ अपने व्यापार वानिजी के समझवतों को मजबूत बनाया
05:54देरे देरे चीन में अपनी अर्थवयवस्ता को समाजवादी और सामयवादी अर्थवयवस्ता से पूझीवादी अर्थवयवस्ता में प्रवर्तिव करना प्रानब किया
06:03और विस्व के मजबूत अर्थवयवस्ता के रूप में सामने आया
06:06आज की इस क्लास में हम उसी चीन के साथ भारत के संबन्दों की चर्चा कर रहे हैं
06:11क्योंकि भारत्वब चीन, दुनिया के वर्तमान समय में उबरतिवी अर्थ के बसता हो वाले दो देश हैं
06:17दोनों इसिया के, दो बड़े देश हैं
06:19और दोनों अगर आपसी विवादों को बुला करें, दूसरे का सहीयोग करें,
06:23तो निश्चित रूप से आमेरीकी वर्चस्तों के सामने एक बहुत बड़ा विकल्ब सिद्ध हो सकते हैं।
06:28और साथ हम ब्रिक्स पर भी चर्चा करेंगे,
06:30तो आज की इस क्लास को हम सुरू करते हैं भारत और चीन सम्मंदों से,
06:34देखें, अगर हम भारत चीन सम्मंदों की बात करें,
06:38पस्चिमी सामराज्यवाद के उदय से पहले भारत और चीन, एसिया की महा सक्ती थे,
06:42यह हम पस्चिमी सामराज्यवाद की बात कर रहे हैं,
07:00कि दो अलग-अलग शब्द हैं उपनिवेश्वांत का मतलब है जो गरीब और विकासिल देश हैं वर्तमान समय में एक समय में यह सबी देश यह से आफ्रीक और लैटिन अमेरिका में काफी पिछली भी अर्थ व्यवस्तां वाले देश थे और इन देशों की पिछली भी अर्
07:30सकतियों में कौन-कौन सी सकतियां सामिल होती है विशेस रूप से हम ब्रिटेन की बात करेंगे प्रिटेन के अलावा पूर्टगाल पूर्टगाल के अलावा फ्रांस को जिसे निदरलेंड भी कहा जाता है यह वो सक्तियां है जिन्होंने की ऐसे अफरिका और लेटिन अमे
08:00और बहुत लंबे समय तक यहां पर इन्हों ने एक चत्रस हासन किया जिसके परिणाम सुरूप एस्या और अफ्रीका के देश दिन बदिन आर्थिक रूप से कमजोर होते चलेगे इनके अर्थिवबस्ता पूरी तरह से डगमगा गई थी तो हम उसी के बात कर रहे हैं कि उ
08:30दो रिसर्च स्कॉलर थे दो सोध शास्त्री थे जिन्होंने की यहां आकर के नालंदा में शिक्षा प्राप्त की काफी समय यहां गुजारा और उसके बाद चाइना गये थे
08:43हमारे यहां से बौत धर्म का प्रचाप चाइना में हुआ चीन और भरत के बीच में उस्वमें वी व्यापार और वाणिक जी थे दोनों दो अक्छे मित्रों के रूप में प्राचीनकालस से अस्तित्व में थे लेकिन जब्से उप्नीवेश्वाद आया दोनों के बीच मे
09:13चीन चूकि एक बहुत बड़ा देश है, चीन का अगर आप भगोली काकार देखें, तो बहुत विशाल है चीन, और चीन के राजवनसों ने अपने पड़ोसी देश, जो छोटे-चोटे देश थे, जिनमें अगर हम मंगोलिया की बात करें, अगर हम कोलिया की बात करें, या �
09:43राजवनसों का नियंत्रन था, हलांकि यहां का सासन, यहां के जो राजा थे, बही संभालते थे, बट बदले में उनको चीन के राजाओं को काफी तोफ़े देने पड़ते थे, नजराने भेट करने पड़ते थे, तब जाकर के इनको स्वतंतरता पूर्वक यहां की सत्ता
10:13मुश्किले आई, देकि दॉमणी देश आपस में टकराये क्यों, इसके पीछे बहुत सारे रीजन्स थे, हलांकि आज़ादी के बाद भारत और चीन दौनों ने हाथ मिलाया था, दौनों ने एक दूसरे के साथ सायोगात्मक संभन्दों की सुरुआत की थी, भारत के प्र
10:43भाई-भाई के नारे लगे, और ऐसा लगने लगा कि दो अच्छे देश, दो पडोसी देश, लंबे समय तक एक दूसरे का साथ देने वाले हैं, लेकिन चीन की जो सोच थी, चीन का तो द्रस्टी कौन था, वो साहिद भारत के समझ में नहीं आया, और यही कारण था कि भा
11:13अपना अधिकार कर लिया, तिबबत, जो कि एक स्वतंत्र देश था, आजादी के पास पश्चात, भारत को ब्रटिस सरकार ने तिबबत की देखरेखा काम दिया था, लेकिन चीन में 1950 में, जब चीन में करांती हुई, और चीन में जनवादी गंड़ाजी की स्थापना हु
11:43जिसमें हम अक्साई चीन की बात कर सकते हैं, जो कि लगदाप में इस्तित है, हम बात कर सकते हैं अरुनाचल प्रदेश की, जिसके कहीं क्षेत्रों पर, इवन अरुनाचल प्रदेश को तो चीन पूरा अपना ही मानता था, और सुरुवात में उसने अपने नक्षों में भ
12:13नेफा उस समय जिसको कहा जाता था वो नक्सों से हटा दिया जाएगा।
12:17खेर, दोनों देशों ने एक दूसरे के साथ संबंधों को लगाता है,
12:21मदूर बनाये रखने की कोशिस की, जिसमें भारत कई न कई धोके में रहा।
12:25चीन जान बूच करके भारत को धोके में रख करके और भारत को कमजोर सिद्ध करना चाहता था।
12:31यही कारण है कि जब तिबबत के दलाई लामा पर अत्याचार हुए, वहां के तिबबतियों पर अत्याचार हुए,
12:38उन्हें धर्म परिवर्तन करके चीनी संस्क्रती को अपनाने के लिए मजबूर किया गया, तो वहां से लोग भारत में चूरिची के गुशने लगे।
12:46दलाई लामा ने भी 1959 में भारत में अस्तक्षेप, भारत में प्रवेश किया, दलाई लामा चीन के तिबत के धार्मी गुरू थे, बहुत धर्म को, बहुत धर्म के गुरू दलाई लामा ने जब भारत में सरण ली, तो चीन ने इस पर आरोब जताया, चीन ने इस पर विर
13:16हम तो हमारे यहां पर सभी को आसरे देते हैं अगर कोई मेहमान के रूप में आता है अथिति देवो भवा कह करके हम तो यहां पर उनको रखते हैं।
13:24दोनों देशों के बीच में यहीं से तनाव भी सुरुवात हो गई थी और 1962 में अचानक चीन ने भारत पर हमला कर दिया तो देखिए।
13:32कुछ समय के लिए चीनी हिंदी भाई-भाई का नारा भी काफी लोग प्रिये हुआ जिसको हम आज भी कहते हैं कि दोनों देशों ने उस समय एक दूसरे के साथ ऐसा विवहार किया जैसे कि दोनों देश बहुत क्लोज हो दोनों देशों के लोग बहुत नजदीक हो ऐसा ए
14:02भारत चीन का जो बॉर्डर था उस बॉर्डर पर यहां बसाना तिवत अधिकार करना चीन की आक्रमक नीती को दर्साता है जिसको लेकर भारत के उसमय के
14:19ग्रहमंत्री जो थे सर्दार वल्लभाई पटेल उन्होंने पंडित नहरूजी को भी आगाह किया था कि चीन कहीं न कहीं हमें धूखे में रखकर हमारे साथ कुछ न कुछ गलत करने की कोशिस कर रहा है
14:31बट पंडित जवारलाल नहरूजी का ये एक मानना था कि नहीं चीन हमारा मित्र है और वो हमारे साथ इस प्रकाल की कोई दूखे की कारवा ही नहीं करेगा
14:39भारतुर चीन दोनों देश अरोनाचल प्रदेश के कुछ इलाकों और लग्दाग के अकसाई चीन चेत्र पर प्रतिस प्रदी दावों के चलते उनिस्ट वासट में लड़ पड़े
14:50तब लड़े हुई दोनों देशों के बीच में 1962 सीधा प्रशन बनता है CUT के द्रस्टी कोंड से भारतुर चीन के बीच में युद्ध कब हुआ था 1962 में हुआ था युद्ध का कारण क्या था दोनों देशों के बीच में एक तो था अरोनाचल प्रदेश के कुछ इलाके औ
15:20कहकर पुकारा जाता था अरोनाचल प्रदेश कि इसे नेफा के कर पुकारा जाता था और नेफा का मतलब है North East
15:34All from frontis
15:44North East front za घेंसिए नेफा जो था उस पर अधिकार करने के लिए और अक्साइचीन पर अधिकार करने के लिए 1962 में भार्त वचिण के बीच में
15:53में युद्ध हुआ इसना चीन ने भारत पर अचनक हमला बोल दिया जिसके लिए भारत बिल्कुल भी तयार नहीं था और परिणाम इसका ये सामना आया कि भारत को एक तर पहार का सामना करना पड़ा चीन ने ये युद्ध दो चरणों में चलाया पहली बार आकरमन किया उस
16:23में स्रिल referendum मैं कॉलंबों में एक बाचित कर वा है दोनों देशों के बीच और सिप्रेस्तार प्रस्था लाया गया था उससे बालम्भों प्रस्थार है कउलवों
16:32मैं मॉआ परस्थान के माद्धियम से दक्षिन अक देशों ने बारत और चीन को वापस युद्ध र 되어
16:32जाता है कि कॉलंबो प्रस्ताओं के माध्यम से दक्षिन एशिया के देशों ने बारत और चीन को वापस युद्ध ने करने जिस हालाथ में युद्ध से पूर हो थे उस हालाथ में वापस चले जाने के लिए सहमत किया और दोनों देशों ने इस पर अपनी सहमती भी जताई
17:02कमजोर देश है और भारत को पराजित कर सकता अला कि एक चोटी ची लड़ाई में केवल एक तरह से यह कहा जा सकता है कि
17:09चाहि कवल दिखाने के लिए था बास्तो के उधु नहीं किया गया था बास्तों में भारत अकर चिन ऐसा करे तो उसको युद्ध में हरा�
17:16अगर ऐसा करें चीन ऐसा करें तो उसको युद में हराने की स्तिती में है यह क्योंक बॉर्डर पर लड़ा गया युद मात्र था भारत की प्रतिस्था पर प्रस्ण चीन लगा
17:26और इतना बड़ा प्रश्ण चीन लगा कि भारत की राजनिती में एक तरसे भुचाल सा आ गया नहरूजी जो कि भारत के बहुत लोग प्रिय व्यक्ति थे लोग उनकी भी उनका भी विरोप करने लगे
17:40विपक्षी लोग उनकी जो नेत्रत रुक्षमता की उस पर प्रश्ण चीन लगाने लगे कि पंडित जवाहलाल नेरू ने तो चीन के साथ दोस्ताना संबंध रखे थे क्या हमारी सरकार को नहीं पता चला कि चीन भारत के किलाव क्या रणनीतिया अपना रहा है वो हमारे किल
18:10बीच होटनीतिक संबंध समाप्त ही रहे तिल 1976 क्योंकि इस समय तक चीन की सोच पर माउट से तुंग का प्रभाव था जब माउट से तुंग जो की चीनी क्रांती का नेत्रत्व करने वाले थे उनकी मुरत्यू हो गई तो चीन के द्रस्टिकॉर में भी बदलाव आया और �
18:40वो समय दोनों देशों को क्लोज लाने की प्रिमांड कर रहा था क्योंकि एक तरफ सीत्यूद चल रहा था सीत्यूद में देवाई डे जो है वो दुनिया दो भागों में बटी भी थी और भारते गुटनर पेक्षांदोलन का नेत्रत्व करने वाला देश बना भारते बड
19:10चीन अब जो है अपनी पॉलिश ही बदल रहा था अब तक चीन केवल साम्यवादी देशों के साथ व्यापार वानेजी को बढ़ावा दे रहा था लेकिन अब चीन
19:20अब पॉरानी बातों को बुलाए जाए और एक नए सफर की शुरुआत की जाए तो
19:481970 के दसक्य उत्रार्द में चीन का राजनितिक नेत्रत्व बनला 1981 में सीमा विवादों को दूर करने के लिए वारताओं की स्रंखला शुरू हुई दौनों देशों के राजनाइक जो थे हैं वो एक दूसरे देशों में आने और जाने लगे भारत के राजनाइकों ने चीन
20:18उस समय इन संबंद्रों को सुधार्वने में बहुत महत्रपून भूमी का निभाई हुआ है हम यह कह सकते हैं कि लंबे समय से एक तरह से जो दौनों देशों के संबन ठंडे बस्ते में पड़े थे वो एक बार फिर नए रूप में अस्तित्वम आये जब प्रधानमत्री �
20:48कि हम दौनों देश बॉर्डर पर चार पोस्ट खोलेंगे जिसके माध्यम से नकेवल हम व्यापारी कादान प्रदान कर पाएंगे साथ ही साथ हम सांस्कृति का आदान प्रदान भी करेंगे चीन की संस्कृति का भारत में और भारत की संस्कृति का चीन में प्रचार प्रस
21:1830% सालाना की दर से बढ़ने लगा और 30% सालाना की दर से बढ़ने लगा और 30% सालाना कम नहीं होता है प्रतिवार्स अगर 30% बढ़ता रही तो सोचिए कि किस गती से दौनों देश जो हैं वह बहुत जल 100% को क्रोस कर जाएंगे
21:36चीन और भारत के बीच 1992 में 33 करोड 80,00,000,000 का दौइपक्ष व्यपार हुआ यह 1992 की बात बता ही जा रही है कितना हुआ 33 करोड यानि कि 33 करोड और 80,000,000,000 का दौइपक्ष यानि कि दौनों देशों के बीच व्यपार वही 2006 में बढ़कर 18 अरप डोनर तक पहुँच गया ह�
22:06एक दूसरे के साथ स्वयोग को न्दिरमता बढ़ावा दे रहे थे
22:10उनिस सो इंच्यानवे में पर्मानों परिक्षन किया भारत में भारत पाक आतंगवाद का मुद्दा तथा भारत की संयुक्त राष्ट्र सुडोकिशा परिशत में इस्थाई सदस्यता कि
22:21कि दावेदारीने दौन देशों ने एक वार फिर टनावर को बड़ा दिया कि बहारत ने जिब 1998 पर परिएक पर καत्थर किरें बहारत से वह कहले
22:44और भारत ने 1974 में किया था यह कहते हुए
22:50कि जब हमारे पडोसी मुल्क के पास में परमाणों हत्यार है तो हम परमाणों हत्यार क्यों नहीं रख सकते हैं।
22:55और हम जो परमाणों हत्यार रखेंगे वो हमारी सुरक्षा के लिए होगा।
22:59हम परमाणों हत्यार का प्रथम प्रयोग नहीं करेंगे।
23:02करेंगे भारत ने ये कहा कि हम पर्माणु हत्यार का प्रत्थम प्रयोग नहीं करेंगे
23:09हम क्यों सुरक्सा के लिए रखेंगे पर्माणु हत्यार को जिससे दौनों देशों के बीच तनाव तो बड़ाई था 1974 में
23:18जब 1998 में दुबारा भारत ने पर्माणु परिक्शन किया यह वो पर्माणु परिक्शन है जिस समय भारत के
23:25पुर्धान मंतरी अटल बिहारी वाजपई थहुं आजपई थ हुआ समय पर्माणु परिक्शन किया गया जबकि 1974 डे समय
23:37पढ़ान मंत्री इंदिरा गांदी थी तो पर्वानों प्रेक्षण दोनों देसों के बीच में तनाव का गारण बना चीन को लगा कि भारत अकरामक नित्य अपना रहा है फिर आतंकवाद का मुद्दा जो भारतर पाकिस्तान के बीच में निरंतर बढ़ता जा रहा था
23:53पाकिस्तान आतंकवादियों की मदद से भारत को कमजोर करने का लगातार प्रयास कर रहा था इस कारण से भी दोनों देसों के बीच में तनाव बढ़ रहा था और जब भारत ने आतंकवाद के खिलाफ चीन का रुख जानने की कोशिस की तो चीन नकारात्मक रुख दरसाया �
24:23चीन भारत के वेपक्ष में खड़ा हुआ दिखाई किया तो यह काई नकाई दोनों देशों के बीच अच्छे व्यापार और भानेजी की संबंदों में एक तरह से एक बार फिर ठहलाव की और संक्यत कर रहा था कई ऐसा नहीं हो कि स्टॉप लग जाए एक बार फिर व्या
24:53देश हैं पांच इस्थाई देश हैं रूस अमेरिका प्रेटेन फ्रांस और चाइन और भारत लंबे समय से यह मांग कर रहा है कि उसे भी यूए नसी का इस्थाई सदस्य बनाया जाए और भारत को भी वीटो पावर मिलना चाहिए वीटो पावर का मतलब है निशेधात्म
25:23लेकिन फिर भी व्यापार और वानिजे पर इसका बुरा असर नहीं पड़ा ये अच्छी बात है भारत चीन सीमा विवाद आज भी गंबीर मुद्रा में है क्योंकि डोकलाम और गल्वान गाती गटना ये दो ऐसी गटनाए हैं जिन्होंने एक बार फिर दौनों के बीच �
25:53अच्छी गटना जो है 2020 की है डोकलाम विवाद क्या था एक्चुली डोकलाम विवाद था डोकलाम एक ऐसा क्षेत्र है जो कि भुटान और चीन के बॉर्डर पर इस्तित है और चीन और भुटान के बीच में संधी हो रखी थी संधी में इत्ता है था कि इस शेत्र में ना �
26:23काम शुरू किया और यहां पर सेना की गटिविदियों को बढ़ावा दिया तो भुटान ने इस पर कंप्लेंट की बट चीन ने मना कर दिया कि वो जो कर रहा है वो उसके अधिकार सेत्र में आता है अलेकि उसने संधीका उलंगन किया था भुटान की ये इस्तिति नहीं कि
26:53दौनों देशनों के बीच तनाव गढ़ा इसकी वजए से लेकिन ये घटना यही नहीं घटित हुई एक बार फिर घटित हो गई गलवान घटी के रूप में 2020 में जब गलवान घटी का जो क्षेत्र है उस क्षेत्र में चीन ने उस सीमा रेखा को क्रॉस किया सीमा रेखा क
27:23सेना ने उसका विरोध किया भारते सेनिक उनों से रोकने की कोशिश की और दौनों के बीच में हाथापाई हुई और इस हाथापाई में कुछ भारतिय तो कुछ चीनी सेनिक हमारे गए
27:33यह गटना भी एक बार फिर दोनों के बीच में तनाव पैदा दरने वाली थी
27:38इस गटना के बाद तो भारते सरकार ने बहुत सत कदम उठाया
27:41और चीन के बहुत सारे कंपनियों को बैन किया
27:45यहाँ पर जो चीनी एप चलते हैं मोबाइल में उनको बैन किया गया
27:49लेकिन आपको जानकर आश्चर यह होगा कि भारत और चीन के बीच में
27:53व्यापार माने जे पर फिर भी बूरा असर नहीं पड़ा
27:56क्योंकि दोनों देश एक दूसरे की आर्थिक सेत्र में बहुत बढ़ी आवशक्ता है
28:01और यही कारण है कि दोनों देशों के बीच वर्तमान समय में जो व्यापार है
28:06वो कितना होगा आप अनुमान नहीं लगा सकते
28:08वर्तमान व्यापार 2022 की बार कर रहा हूँ
28:12वर्तमान व्यापार यानकि 2022 जो है
28:18इसमें लगब 95 अरक डॉलर क्रॉस है
28:27तो इसका मतलब यह है कि आप दोनों देश जो है वो व्यापार और बारेजिय के
28:33शेतर में लगातार तरक्की करते जा रहे हैं लगातार आगे बढ़ते जा रहे हैं
28:37तो यह तो हमने बात की किसकी मारतों चीन के संबन्दों की अब हम जो चर्चा
28:43स्टार्ट करेंगे वो है ब्रिक्स जो की एक और एस्या वा यूरोप के देशों का आर्थिक संद्ध है
28:53है और क्या है ब्रिक्स हमस्के लिए कि बतार लगा डेंगे बीगे काँश कि और यह ऩर छो
29:15किया वैंको कहाँ पर दिखाओ धे रहा है या आप जो नक्षा दिखाओ दे रहा है
29:20ब्राजील इस्थित है अमेरिका के दक्षिनी छोर पर यानि की दक्षिनी अमेरिका में है ब्राजील के अलावा यह है साउथ अफ्रीका यहां पर आप देख पार है साउथ अफ्रीका और यह साउथ अफ्रीका कहां पर इस्थित है यह है अफ्रीका के दक्षिन यह पूरा अ
29:50और यह बेवफ बंगाल यानि कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के बिल्कूल ऊपर इस्थित है भारत उसके बादना आ जाते हैं हम चाइना की तरफ यह चाइना ची जो कि भारत के उत्तर में आप देख सकते हैं यह चाइना यह पूरा का पूरा आपको रेट में यहां स
30:20कहते हैं ब्रिक्स कहते हैं यह फाइव कंट्रीज हैं पांच देश हैं पांचों देशों ने अपनी अर्थववस्ता को और अधिक मजबूत करने के लिए यह कदम उठाया कि आर्थिक सेत्र में हम एक दूसरे का सहीयोग करेंगे और इसी को ब्रिक्स कहकर के पुकारा गया
30:50है और एसपोर शाउथ अफ्रिका है यह सबसे लास्क में सामिल होने वाला शुरू में केवल ब्रिक हुआ करता था बात में साउथ अफ्रिका को भी इसके लिए इंवाइट किया गया और साउथ अफ्रिका ने इस पर अपनी रजामंदी दे दी यह है वो पांच देश जो �
31:20योग कुजर दिया जीशां इस हम ब्रिक्स कहते हैं तो क्या है पो संघक जम सबसे पहले सामज लेते हैं श��ड़ में शिंद्रटश कोई अंतरसरीत अनतरसर warning संगठन नहीं है अनतरसर चभूह का मतलब है कि जैसे मालीजिये युएलों है तो यह संगय है या पिर हम कहे बा
31:50स्थापित हुआ है इसे पांच देशों का एकिकरत प्लेटफोर्म कहाल सब्सक्राइब 5 देश सेखना पर एक साथ नाए है है इसलिए और इसको ब्रिक्स के कर तुकारते हैं
32:02कि प्रिक्स देस कि सरवोच नहताओं का थां अंग्यम accents तरीये की वर्स ऑज्य किया सकता है अर्वेस्टी प्रश्ण स्षण पूछा जासकता है इत्वा
32:14ब्रिक्स में प्रत्येक देश का नेतर्ट वो करता है,
32:17क्षएंद के सीखर नेता होते हैं, जिनको सरोच नेता कहते हैं,
32:23जैसे कि प्राइम मिलिस्टर या फिर म हग CPA ,
32:29और मंतरी रिये संवेलन भी जो हैं, वो सरोच जयोजित कियाजाता है,
32:35विख effectivement सुम्मेलिंब की अध्यक्स्ता less देसों के जरोगेरों कि द्थ हो उसी सुथ जाती है यहीं वर्मा नुसार
32:47से पहले सब्सक्राइब देखा कॉन करेगा दूमिक इसकी अध्यक्स्ता करता है ब्रशए कि विश्चता मुसरृ अध्यक्स्ता करता है
33:05क्या है ब्रिक्स की तो देखिए ब्रिक्स देशों की जनसंख्या दुनिया की आबादी का लगबग 40 प्रतिशत है बहुत बड़ी आबादी को कवर करने वाला ये ब्रिक्स एक अंतराश्प्री संगठन है इसका वेस्विक सकल गहले उत्पाद में हिस्सा 30% है दौनों ही न�
33:35देखा जाए तो 40% जनसंख्या इन देशों में निवास करती है इसे महत्वपुन आर्थिक इंजन के रूप में देखा जाता है और यह एक उबरता हुआ निवेश बाजार है जहां पर कोई भी निवेश करना चाहता है या खुद भी ये निवेश करता है शुरुआत कैसे
34:05ब्राजील भारत रूस और चीन की अर्थ व्यवस्ताओं के लिए विकास की संभावनाओं पर एक रिपोर्ट में इसका आकलन किया था गोल्ड मैंस एच के अर्थ सास्त्री जिम ओ नील के द्वारा चार देश ब्राजील रसिया भारत और चीन इनको लेकर के इनके अर्ष �
34:35स्वेंट रास्त्र महासभा की सामान्य बहस के अंतरगत अंतह में विदेश मंत्रियों की वार्षिक बैठकों के साथ एक नियमित पनौपचारिक राजनाइक समन्वे सुरू किया यानि कि 2006 से इनके बीच में आपसी समन्वे सुरू हो गया था इन चार देशों के बीच में
35:05देश और सरकार के प्रमुकों के इस्तर पर आयोजित किया जाना चीए यह सबी में सहमत लिए पहला ब्रिक सर्खट समयलन यहां देखे ब्रिक है ब्रिक स्ने एस नहीं क्योंकि इसमें भी साथ अफ्रीक एंक्रूट नहीं है शिकर समयलन वर्ष 2009 में रूस के
35:22यक्तरिन बर्ग में आयोजित किया गया और इसमें वैस्विक वित्य वैवस्था के सुधार जैसे मुद्धों पर चर्चा की गई
35:312010 दिसंबर में दक्षन अफ्रीका को ब्रिक में सामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया इंविटेशन बेजा गया कि आप भी हमारे साथ आजए और जैसे ही दक्षन अफ्रीका इसमें सामिल हुआ इसे नाम दे दिया गया ब्रिक्स
35:47मार्स 2011 में दक्षन अफ्रीका ने पहली बार चीन के सान्या में टीसरा सीकर समівलन जो हुआ था। कहां पर हुआ था। व्रिक्स के यही देख लीजी आ अम
36:09ब्रिक्स का उद्देशियर अधिक इस्थाई, न्याय संगत और पारस्परिक रूप से लाबकारी विकास के संभू के रूप में साथ-साथ अलग-अलग देशों के बीच सहियों को व्यापकिस्तर पर आगे बढ़ाना है
36:23ब्रिक्स द्वारा प्रतेख सदस्य की आर्थिक स्थिति और विकास को ध्यान में रखा जाता है ताकी संबंदी देश की आर्थिक दाकत के आधारवार संबंद बनाः जाएं और जहां तक संभाव हो सके प्रतियोगिता से बचा जाएं
36:39अलगी प्रतियोगिता फिर भी है भार्टी दौनों देशों के बीच में।
36:43बट फिर भी दौनों देश ब्रिक्स के मार्धियम से एक दूसरे का सहीयोग करते भी हैं
36:48और इससे दौनों देश प्रतियोगिता से बचने की भी कोशिस करते हैं।
36:52ब्रिक्स विफिन वित्य उदेश्यों के साथ एक नय और आसा जनक राजनितिक राजनितिक इकाई के रूप में उभर कर सामने आया है जो वैस्विक वित्य संस्ताओं में सुधार में भूर उदेश्यों से परे हैं
37:06इससे मतलब यह है कि यह राजनाइक वा राजनितिक इकाई के रूप में उभरा है एक राजनितिक शक्ति के रूप में उभरा है आज अमेरिका के वर्चस वोपर यह कंट्रोल लगाम लगा सकता है क्योंकि दुनिया की बड़ी सक्तियां सामिल है रूस चाइना भारत ब्रा�
37:36आयोजीती चौतheim शिकर्स अंहckenलन में कहां पर 2012 में नहीं दिल्ली में जो इसका सिकर्षा मेलन ऑगया था वह चौथा
37:44protections का समयलन था सानिया में चींड किया गया था जहां पर दर्टालर के इंक्या शेंट है कि घर दर 치 मारो ही का उध और दाघार में में नहीं आए
37:59सम्मेलन में ब्रिक्स और अन्यों बढ़ती अर्थ्विवस्ताओं के साथ-साथ विकासिल देशों में बुनियादी धाचा और सतत विकास परियोजनाओं के लिए एक New Development Bank की स्थापना पर विचार किया गया।
38:12न्यू दिल्ली में जब यह सम्मेलन आयल जित किया गया था सीखर सम्मेलन तो इस पर चर्चा की गई कि एक बैंक होना चाहिए जिसे नाम दिया जाएगा NDB यहने की New Development Bank और यह बैंक इन पांचो देशों की पांचो देशों के सयोग से स्थापित होगा और पांचो देश यह
38:42ब्रिक्स नेताओं ने New Development Bank NDB की स्थापना की एक इस समझोते पर साइन कर दिया अस्ताक्षर कर दिये तो यह पूछा जा सकता है कि New Development Bank की स्थापना कब हुई तो आप कहेंगी 2014 ने हुई कौन से सीखर सम्मेलन में इस पर अस्ताक्षर हुए थे तो यह हुआ था फोटालो�
39:12इस देशों के बीच सहयोग को मजबूत करेगा और वैस्वी प्रिकास के लिए बहुपक्षिय तथा क्षेत्रिय वित्य संस्ताओं के प्रयाशों को पूरा करके इस्ताई और संतुरे प्रिकास में योगदान देगा यानि कि बहुपक्षिय अर्थात यह जो पांच देश
39:42मिलेगा और ब्यास सहित वापस दूका भी दिया जाएगा तो यह विकास को एक गती-प्रदान करने वाला बैंक साबित होगा
39:50येंडेवी के सनजना के धाबित होगा। येंडेवी के सनजना के प्रमुक्षेत्र हैं स्वच उर्जा। मतलब कहा-कहा विकास होगा।
40:01स्वच उर्जा के लिए परिवहन के लिए अवसरचना के लिए सीचाई और इस्थाई सहरी विकास और सदस्य देशों के बीच आर्थिक सहयोग यह वो क्षेत्र हैं जिनके लिए NBD, NDB जो है वो आर्थिक सहयोग प्रदान करेगा
40:18NDB सभी सदस्य देशों के समान अधिकारों के साथ ब्रिक्स सदस्यों के बीच एक परामट्स का अंतर का काम भी करता है और NDB का मुख्याले संधाई चीन में हैं कहां पर है यह चीन में हैं यहाँ पर भी सीधा प्रशन बनता है NDB का मुख्याले कहां पर स्ताफित किया गया है
40:48को चीनल के नीजी हिटों को एक दे जाते हैं सब आपने नीजी हिटों और जादा महत्त्म दिनी दुन थार traffic I oh
41:09चाहिए बहु महादीप ये का मतलब एक ड्रीप या दो ड्रीप नहीं बलकि सभी दीपों तक इसका फैला होना चीए और वाकी देशों को भी सामिल किया जाना चीए अन्य शेत्रों महादीपों से भी सदस्य बनाने पर विचार होना चाहिए
41:21ब्रिक्स को वैस्विक रूप से प्रासंगीकता बढ़ानी के लिए अपने एजेंडे का विस्थार करने की आवशेक्ता होगी अभी तक जो इन्होंने पांच शेत्र निर्धारित किये थे जिनको लेकर के यह आर्थिक सहीयों करेंगे एजेंडा बदलना पड़ेगा दुनि
41:51बाकी शेप्रों को इसमें कोई महत्वर नहीं दिया गया है कि ब्रिक्स आधारभूत शिद्दान को पर काम करता है जिन में बैश्विक सासन में संप्रभूता समानता और वभूलतावार सामिल है इसके अपनी चुनोतियां है क्योंकि पांच अदस्य देशों पार स्वयम क
42:21कई बार ऐसा हो सकता है कि हमें राश्ट्रे हितों का त्याग करना पड़े जब हम ब्रिक्स को ले करके कोई प्लान करें क्योंकि ये एक सामुहिक प्रयास है जिसमें इन पांचों देशों को अपने थोड़े थोड़े राश्ट्रे हितों को त्यागना होगा
42:34डोकलाम में भारत और चीन के बीच सेन्य गतिविदी ने प्रभावी रूप से इस सामान्य धारणा को समाप्त कर दिया
42:42कि ब्रिक्स सदस्यों के बीच सहज राजनितिक संबन बने रह सकते हैं
42:47क्योंकि बारत चीन दौनों इंट्रिक्स के मेंबर भी हैं और दौनों के बीच में डोकलाम जैसी गतना हो गई उसके बाद में गलवान घाटी जैसी गतना हो गई
42:55चीन के सही राश्ठ्र जो की उसमें उसके बैल्ट मेम इनिशेटिव ऋनिशेटिव जिसके कहा जाता है ओबी
43:05कि है ओ और यानि कि वन बैल्ट करना जाता है वन बैल
43:14earth Food ओध ओफ मुं करम का और यह जो चीन है इसके मार्दियम से एक लंबी सी सडग बना रहा है
43:23इस सिल्क रूट जो पहले चीन का चलता था इस सिल्क मार्ग का ही यह नया रूप है एक सड़क बना रहा है जिससे दुनिया के बहुत सारे देशों को कनेक्ट किया जाएगा और ऐसा करने से भारत चीन के वीच संबन तनाव पूर्ण है क्योंकि भारत से भारत के जो पाख उ
43:53संगर्स कभी भी भढ़का सकता है चीन का यह जो रविया है तो यहां ब्रिक्स को कहीं नकाई नुक्सान पहुंचता है भारत के लिए का भी महत्वपूर्ण है भारत आर्थिक मुद्वों पर परामर्श और सहयोग के साथ-साथ सामय प्रेस्ट्रिक मुद्वों जैसे कि �
44:23भारत की समस्याओं का सामना कर रहा है आतंकवाज जल्वायू परिवर्तन यानि कि जो वर्तमान समय में बूताप प्रदिजी सम कहते हैं खाद्य और उर्जा सुरक्षा भारत एक बहुत बड़ा देश है और खाद्यान संकट और उर्जा का संकट भारत पर है अलागी खा�
44:53और भारत इसके मांत्यम से काफी अपनी नावशक्ताओं को पूरा कर सकता है एंडीवी भारत को बुनियादी धाचे और सब्सक्राद विकास पर्योजनाओं के लिए संसाधन जुटाने तथा लाव अर्जित करने में मदद करेगा एंडीवी ने अपने पहले रिन को स्व
45:23250 मिलियन डॉलर का रिन भारत को दिया गया है यह सारी बातें दसाती है कि भारत के लिए ब्रिक्स कितना इंपोर्टेंट है अब हम चर्चा करेंगे इससे सम्मंदित कुछ प्रश्णों पर और सबसे पहला प्रश्ण आपके सामने है भारत तथा जीन के बीच युद्ध क�
45:53आपने गर 1962 को अगर सोचा है तो यह भारत और चीन के बीच में 1962 में युद्ध लड़ा गया था और यह युद्ध लड़ा गया था अक्टूबर नवंबर में
46:04कब लड़ा गया था अक्टूबर नवंबर यानि कि ठुक करके दो महीने तक ये युद्ध चला था और पूरी तरसे देखा जाए तो ये ज्यादा दिन नहीं चला था तो ये वो युद्ध था जिस युद्ध में चीन विजयता हुआ
46:20चीन विजयता रास्त बना भारत को पराजय का सामना करना पड़ा कॉलंबो परस्ता जो कि स्रिलंका में लाया नेया था दक्षिन एस्याई देशों के माध्यम से दक्षिन
46:40एस्याई देश लाये थे इसके माध्यम से दौनों देशों के बीच सांती स्थापित करवाई गए
46:50दौनों देशों के बीच यानि कि भारत और चीन के बीच दौनों देशों के बीच सांती स्थापित करवाई गए
47:02और ये कहा गया कि आप युद्ध से पूर वो जिस स्थती में थे एक बार फिर से वापस लोट जाए
47:10क्योंकि युद्ध आप दोनों ही देशों के लिए किसी भी दरश्टी कौन से उचित नहीं है
47:15प्रस्ण है कथन और कारण का
47:20कथन कारण का उत्तर देते समय आपको ध्यान रखना है
47:23कि जो कारण दिया गया है क्या कथन और कारण में कोई संबंध है
47:28इसमें तीन चार चीजे देखने होती है
47:30कभी तो आपका कथन सही होगा और कारण सही होगा और कारण कथन की व्याख्या करेगा
47:36तो आपका A विकल्प सही होगा
47:38अगर विकल्प में ये चीज रिखी भी है तो
47:40B विकल्प में दौनों ही सत्य होंगे
47:43बट R A की व्याख्या नहीं करेगा
47:45इनकी कारण A की व्याख्या नहीं करेगा कथन की
47:48C में A सत्य है
47:52कथन सत्य है लेकिन कारण सत्य है
47:54और D में R सत्य है अर्था कारण सत्य बट कथन गलत है तो ये सारी संभावनाओं को ध्यान में रगते वे आपको इस प्रस्न को अटेंड करना होता है अब जैसा कि यह है भारत 1947 में स्वतंत्र हुआ पहले देख लिए सत्य है या सत्य है तो आप कहेंगे बिलकुल सत्य है 15 अ�
48:24स्वतंत्र हें थे पीड़रजी के वख में करना एक कारण है भारत्की शुतंत्तक तरध लिए नहीं नहीं हिना दोनों कि यह आप की व्यात्फन नहीं करता है और यह है आपका विकलबी और योर्क डोनों शबियर प्रस्न होतं कि इसको आ जब करयें प्रόσочьन को सिया कि यह �
48:54अधन को पढ़ लीजिए अगर जुडाव होता है तो ठीक है अधरवाइस नहीं जैसे कि एक छोड़ा सा आप एक्जामपल से इसको समझ सकते हैं और उदारण कुछ इस प्रकार है जैसे
49:03राम ने बोजन किया कारण में आता है राम भूका था तो इसको पहले पढ़िए राम भूका था इसलिए राम ने बोजन किया
49:22अगर इसी प्रकार से आपका ये कारण और कर्थन दोनों जुड़ जाते हैं तब तो वो ए उप्शन ना जाएगा क्योंकि ए और आप दोनों सत्य है और आरे की सही व्याख्या कर रहा है अधर्वाइस आपको दोनों सत्य होने पर बीपर जाना परेगा अगला प्रश्न द
49:52और चीन के बीच में पारतालाव का दौर कप्रारम हुआ यह आपसे पूछा गया है भारत करने की वारताओं का दौर कप्रारम हुआ थो यह है
50:03कि 1981 से दौनों देशों के बीच में वारताओं का दोध प्रारम हुआ जब दौनों देशों के राजनाइक दूसरे मतलब भारत्व चीन की यात्रा करने लगे
50:23बारत्व चीन की यात्रा करने लगे देखे 1962 में दौनों देशों के बीच में युद्वा था तब से लेकर के
50:401978 ठक दौनों देशों के बीचंगदि दौनो में देशों की बीच में बादचित बन रही
50:54बाद, चीन ने बारत के साथ बादचित कुझी और 81 में बारतालापका दोध और तीव रही तो यहाँ सब्सक्रां
51:01आपका 1981-1981 प्रस्ण है आपका नेक्स चीन ने 1962 में भारत पर आक्रमन किया यह तो आपका कथन है और कारण है चीन वह भारत के बीच लद्दाग वह अरुमाचर प्रदेश को अरुमाचर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों को लेकर सीमा विवाद था तो वही फॉर्मूला पहल
51:31तो ये भी बिलकुल सत्य है कुछ शेत्रों को लेकर दौनों के बीच का सीवाब था ऐसे कार्म क कथन की सहीं व्याख्या कर रहा है यह चेक कर लीजिए देए इसको पहले पड़िये तो इसलिए इसे उसको जोड़ दीजिए चीन वह भारत के बीच हैं
51:52पुछ चित्रों को लेकर सीमा विवात था इसलिए चीन ने उनीसो बास्ट में भारत पर आक्रमन किया यह होगा आपका एक यह और आर दौनों सत्ये हैं और आर एकी सही व्याक्या करता है यह होगा आपके इस प्रकार से प्रश्ण देने का इस प्रकार के प्रश्णों का उ�
52:22आपसा तो किसने कीठी राजीव गांधी में कभ की स tat 2 braddy यात्रा के पस्चार दोनों देशों के बीच अनेक समझोते हुए
52:36कि यह लोजर्टे की बीच समझते हुए कि और समझते होने के बात व्यापार
52:41व्यापार और वानित जिय प्रारम हुआ क्योंकि व्यापार वानित जिय लंगे समय से बंद पड़ा था जब से चीन ने भारत पर आक्रमन किया था उस समय के बाद राजीव गांधी की यात्रा को एक नया यूग कहते हैं भारत-चीन संबंधों का कई बार प्रस्न कुछ इस
53:11नय यूग का जन्मदाता कौन है तो वो रजीव गांधी है जिन्होंने की चीन के साथ लंबे समय से जो संबंध सांथ पड़े थे उनको एक नया रूप प्रदान किया इसलिए प्रस्न दौने तरीके से पूछे उत्तर आपका रजीव गांधी होगा फिर एक बार प्रस्न
53:41नाइटीन सेवनटी सेवनटी सिक्स तक उनिसोचेटा तक कारण हैंच्व एक यासी में सीमा विवादों को दूर करने करके दोनों देशों ने वार्ताओं की स्रंखला प्रारंब की अब पहले सत्य देख लीजिए बिल्कुल यह तो सत्या है
53:59नाइटीन सेवनटी सिक्स तक दोनों देशों के बीच में पूट नितिक संबत बिल्कुल बन थे समाप थे और 1981 में सीमा विवादों को दूर करके दोनों देशों ने वार्ताओं की स्रंखला प्रारंब की इसलिए
54:251986 तक भारत और चीन के विच पूटनेतिक संबन समाप्त रहें हो गया गलत ऐसे तो नहीं हो सकता अगर यह उल्टा होता यह होता यहां पर कारण में और यह होता कथन में तो फिर आपका यह उत्तर बिल्कुल ठीक बैठता
54:40क्योंकि कर आप ऐसे पढ़ते 1976 तक भारत और चीन के विच पूटनेतिक संबन समाप्त थे इसलिए 1981 में सीमा विवादों को दूर कर दौनों देशों ने वार्ताओं की स्रंखला प्रारंब की बट यहां आपका उत्तर ठीक क्या बैठेगा बी बैठेगा जहां आप यह बत
55:10आप यह कमा देशच भाष्में का लई है कि जो दुद्रीकश वहत देखना di 6 अएठ भारत ब्राजीर व्लों रोस तो सही उत्तर क्या होगा अमेरिका
55:21अमेरिका ब्रिक्स में सामिल नहीं है भारत है ब्राजील है और रूस है ब्रिक्स का मतलब क्या है बी आर आई सी एस वी का मतलब है ब्राजील
55:35आर का मतलब है रूस आई का मतलब है इंडिया यानि कि भारत
55:42से का मतलब है चीन और साउथ अफ्रिका � à
55:50साउथ अफ्रीका अ कि अच्वारजील रस्या इंडिया चाइना आप संथ अफ्रिका और हिंदी में हम दर्शिन अफ्रिका और
56:04आपर इंडिया की जगा भारत लिख सकते हैं यह वो पांच देस हैं तो भारत ब्राजिल रूस तो इसमें है बट अमेरिका इसमें सामिल नहीं है
56:15कि प्रश्णा आपके सामने है एक बार फिर से कथा नवाकारण का
56:19करने से भारत चीन संबंदों को सुधारने के प्रयाशों को बढ़ावा मिला अब पहली चीज तो आपके देखे कि कथन नौन इसकतिया है क्या
56:37कि 1980 के दसक के अंतिम वर्सों में भारत चीन के बीच व्यापार वाने जी प्रारण हुआ तो 1980 के अंतिम दसक के अंतिम वर्स क्या कहलाएंगे मतलब 1985 के बाद
56:52अब 1985 के बाद का मतलब तो वो 86, 87, 88, 89 यह सब कुछ हो सकता है और 1988 में राजी उगांदी द्वारा चीन का दोरा करने से दोनों देशों के बीच में संबंदों में सुधार हुआ कथन तो दोनों ही सत्या है क्योंकि
57:0789 में राजी उगांदी ने यात्रा की और उसके बाद दोनों देशों के बीच में व्यापार वानिजी का दोर सुरू हुआ
57:13तो इसका मतलब यह हुआ कि कथन दोनों ही सत्या है और कारण जो कथन की सही व्याख्या भी करता है तो ए ठीक है वही फॉर्मूला अपना लीजिए दिसंबर 1986 में राजी उगांदी द्वारा चीन का दोरा करके करने से भारत-चीन संबंदों को सुधारने के प्रयासों को �
57:43मुलाकात पूरे चैप्टर से संबंदित आपके जितने भी एंसी क्यूस बनते हैं एक एडिशनल एंसी क्यूस उन पर चर्चा होगी क्यूंग टॉपिक्स तो हम सारी क्लियर कर चुके हैं तो मिलते हैं नेक्स्ट क्लास में तब तक के लिए आप सभी स्वस्त रहिए मस्त �

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