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  • 6 months ago
बड़वानी सुनीता काग ने उम्र को दी मात, 40 की उम्र में पावर लिफ्टिंग में जीते कई मेडल, आ चुका है पैरालिसिस अटैक.

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00:00उनिता का की कहानी एक प्रेड़ना दायक उधारन है, जो यहाँ सावित करती है कि सिखने ही कोई उम्र नहीं होती, 40 साल की उम्र में पावर लिफ्टिंग को चुनने और इसमें उठरश्टरा प्राप्त करने के लिए उनका संगर्स और समर्पन वास्तों में प्रेड़ना दा
00:30का अच्छे से समय प्रबंद किया है, उन्होंने अपने लक्ष की और ध्यान किंदित किया और समाज के लोगों की बातों को नर्ज अंदाज किया, सुनिता के कहानी यह साबित करती है कि सिखने की कोई उम्र नहीं होती, उनकी कहानी महिलाओं के लिए एक प्रेड़ना का इ
01:0022 में मुझे पेरालिसिस अटेक आया, इस अटेक के बाद मेरी दुनिया ही बदल गई, मैंने खुद को फिट रखने के लिए जीम जोईन किया, जीम जब मैंने जोईन किया, तब मेरे कोच ने मेरा इस्तिमिना और पावर देखकर मुझे पावर लिप्टिंग के बारे में �
01:30आज तर निरंतर जारी है, मैंने को 31 मेडल जीते हैं, और आगे भी में इस छेतर में कारी कर रही हूं, सबसे यह कहना चाहूंगी कि मेरा ये सफर इतना आसान नहीं था, मुझे बहुत सारी चुनोतियों का सामना करना पड़ा, जैसे तुम महिला हो, क्या करोगी जीम जाकर
02:00मुझे बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ा और आज भी मुझे बहुत सारी चुनोतियों सामने आ रही है
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