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  • 5/29/2025

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00:00हलो दोस्तो मैं हूँ टाक्टर सिवराज सींग स्वागत है आपका अपनी चैनल हिस्ट्री विद सिंग में दोस्तो आशा है आप लोग अच्छे से होंगे भाई बढ़ियां अपना पढ़ाई और काम कर रहे होंगे तो आप लोग दोस्तो पढ़ रहे हो आधुनिक भारत के �
00:30भाग चार है इसके पहले मैंने आपको एक दो तीन के बारे में बता चुका हूँ जो भी पीछे के जो आंदोलन थे आपने पढ़ा है आपने देखा होगा तो जानती ही होंगे तो अब दोस्तों जो है आजाईए आगे बढ़ते हैं हम लोग और निम्न जाती आंदोलन ठी
01:00पुतों के उत्थान हेतु कई कारे किये सर्व प्रथम इन्हें हरीजन का नाम दिया हरीजन का मतलब क्या होता है जो भगवान के लोग है भगवान के जन है उनको हरीजन कहा जाता है है तो सर्व प्रथम इन्हें हरीजन का नाम दिया तथा इनके कल्यान के लिए 1932 इस्वी
01:30अखिल भारती अस्प्रिश्यता निवारण संग की स्थापना की जिसे 1923 सिस्वी में हरीजन सेवक संग का नाम दिया गया
01:43ठीक है और दिखिए कि निम्म जाते हैं जो पिछड़ी वर्ग के लोग है क्या काको कौन से लोग ने क्या-क्या क्यार कीए हैं ये आप दिखिए आप दिखिए pagar भीम्रा अमेडगरं ने हरीजनों के कल्याण
02:04और अचूतों के उधार के लिए 1924 इस्वी में अखिल भारतिय दलित वर्ग अब देखें ध्यान दीजे भीमरावम बिट करने
02:161924 इस्वी में अखिल भारतिय दलित वर्ग की स्थापना की और 1927 इस्वी में
02:45बहिस्कृत भारत नामक पाच्षिक पत्रिका का प्रकाशन किया आगे देखें बी आर सिंदी 1926 इस्वी में
02:59डिप्रेश्ट क्लासेज मिशन सोसाइटी की स्थापना की इस सोसाइटी का प्रथम अध्यच एंजी चंद्रावर कर को बनाया गया
03:13इनके अथक प्रयास से ही 1928 इस्वी में प्रथम अखिल भारतिय दलित वर्ग सम्मेलन का आयोजन हुआ
03:22दच्छिड भारत में इबी रामस्वामी नायकर ने 1920 इस्वी में आत्म सम्मान आंदोलन चलाया
03:31सी एन मुदालियर टीयम नायर पीटी चेनी ने दच्छिड में जस्टिस पार्टी की स्थापना की
03:431917 स्वी में पहली बार कांग्रेश ने अपनी कारे सूची में दलितों को सुधार को सामिल किया
03:55मार्च 1918 स्वी में आयोजित अखिल भारतिय दलित वर्ग सम्मेलन में प्रथम बार अखिल भारतिय अस्प्रिश्यता विरोधी घोशला पत्र जारी हुआ
04:111931 इस्वी में कांग्रेश के कराची अधिवेशन में पारित मूल अधिकारों के घोशडा पत्र में जाती पाती के जगह समानता की बात पहली बार की गई
04:25सत्य सोदक समाज की स्थापना ज्योतीबा फूले द्वारा 24 सितंबर 1873 इस्वी को किया गया
04:35यहां आंदोलन दलितों और निम्नजात के लोगों के कल्याड के लिए चलाया गया
04:42जो तीबा फूले जो थी जो तीबा जो तीबा है और फूले जो तीबा फूले ने महिलाओं के लिए अनाथाले किसी भी जाती की
05:02महिलाओं के लिए सब के लिए अनाथाले बनवाए और सिच्छा के लिए इन्होंने पाट साला खोली थी है ना तो यह चीजें हैं
05:12यह अंदोलन अब जो यह जो तीबा फूले का सत्यसोधक समाज जो था जो यह अंदोलन था
05:21दलितों और निम्नजात की लोगों की कल्याण के लिए चलाया गया थीक है जो तीबा फूले ने अपनी गुलाम गीरी अठारा सो बहत्तर इस्वी ध्यान दीजी पूशा जाता है गुलाम गुलाम गीरी है ना गुलाम गीरी समय क्या है इसका अठारा सो बहत्तर में ठीक है
05:51सारुजनिक सत्य धर्म पुस्तक, सत्य सुधक समाज जैसी पुस्तकों और संगठनों द्वारा निम्न जातियों को पाखंडी ब्रहमःडों और उनके आउसरवादी धर्म गरंथों से सुरच्छा दिलाने की आवसक्ता पर चोर दिया।
06:08अब आजाईए अगला वायकों सत्याग्रह अब इसे आप समझेए। यह आंदोलन केरल में मंदिर प्रवेश को लेकर संवड और निम्नवड के बीच चलाया गया।
06:27समझेए लोग निम्नवड जिसमें एजवा और पूलाया सामिल थे के मंदिर प्रवेश के विरोधी थे।
06:3729 सदी के अंत तक केरल में नरायन गुरु एन कुमारन टीके माध्वन जैसे बुद्धिजीवी लोगों ने छुवा छूत के खिलाफ अवाज उठाई।
06:50केरल में त्रामण कोर नमक गाउं में मंदिर प्रवेश को लेकर सरपर्थम आंदोलन हुआ।
06:59स्री नरायन धर्म परिवर्तन योग छेम संगठन ने नरायन गुरु के नित्वित में मंदिर प्रवेश का समर्थन किया।
07:09अरूवी पूरम के अनुसार मानों के लिए एक धर्म, एक जाती और एक इस्वर है।
07:18परुंत इसके सिस से अयपन राज राजन ने कहा कि मानों का कोई धर्मन नहीं है, न कोई जाती है और न कोई इस्वर है।
07:31वायकूम सत्यागरा में के पी केशो मेनन ने 1924 इसवि में मार्च में तथा ईवी रामस्вामी नयकर ने भी हिस्सा लिया।
07:431925 इसवि में मार्च का महिना में गाधी जी की मद्यास्ता में
07:49त्रावण कोर की महरानी से मंदिर में प्रवेश के बारे में आंदोलन कारियों से समझा होता हुआ
07:56अब आजाईए अगला सत्याग्रा देखिए गुरु वायूर सत्याग्रा इसके बारे में आप समझें
08:05दलितों और पिछडों के मंदिर प्रवेश को लेकर केरल में एक और आंदोलन गुरु वायूर सत्याग्रा के केलपण के उक्साने पर सुरू हुआ
08:23नवंबर 1931 को केरल कांग्रेस कमीटी ने अखिल केरल मंदिर प्रवेश दिवस के रूप में मनाया
08:31पी कृष्ण पिल्ले एके गुपालन जैसे निताओं ने इस आंदोलन को नेत्वित बदान किया
08:391936 इस्वी को त्राउण कोड के महराज से एक समझो होता हुआ
08:44जिसके बाद सभी मंदिरों को सभी हिंदू जाती के लिए खोल दिया
08:49अब आजाईए अगला पॉइंट देखिए दलीत अंदोलन और डाक्टर भीमराव अंबेटकर
08:58इनको आप समझेए इनके बारे में डाक्टर भीमराव अंबेटकर ने निम्न जातियों के उत्थान के लिए
09:07एक योद्धा की भातिकार किया इनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को महार कुल में महू में हुआ था तो ये कहां पे है ततकालीन में इस समय कहां पे है तो ये इंदावर मद्यपरदेश राज में है
09:28इन्होंने 1920 इस्वी में The All India Depressed Classes Federation का गठन किया था
09:381924 इस्वी में बंबई में इन्होंने बहिस्कृत हितकार्णी सभा बनाई थी
09:461927 इस्वी में मराथी में बहिस्कृत भारत नमक पत्रिका का प्रकाशन किया था
09:521936 इस्वी में ने स्वतंत्य स्रमिक पार्टी का गठन किया था
09:58अप्रैल 1942 सिस्वी में अमेडिकर ने अनसूची जाती संग का गठन किया
10:04ठीक आजेगी अगले पॉइंट पे महात्मा गाधी और जो दलितों का उद्धार है
10:13कुछ और है वह आप देख लिजे
10:221932 इस्वी में गाधी जे ने आल इंडिया डिप्रेस्ट क्लासेस एसोसियेशन की स्थापना की थी
10:351933 इस्वी में गाधी जे ने सबताहिक अख़बार हरी जन निकाला था पॉइंट की बाते हैं ग्याम में पूश्ता है ध्यान से सुनियेगा
10:45अगला पॉइंट आजाएए आत्मसम्मान आंदोलन इसको आप देखे दच्छिड भारत में 1932 में इवी रामस्वामी नायकर उर्फ पेरियार और बलीफा नायडू ने स्वसम्मान या आत्मसम्मान आंदोलन प्रारम किया था
11:13इन्होंने तमिल भासा में सच्ची रमाड की रचना की थी ठीक है अब आप लोग जो तैयारी कर रहे हैं रिवाईस कर रहे हैं तो रिवाईस के लिए मैं आपको बताता जा रहा हूँ अभी तक मैंने आपको जो ज़्यादा तर जो अभी चर्चा इस वीडियो में मैंने की
11:43पूसी संस्था थी तो उसको मैं आपको बता रहा हूँ यह इसलिए बता रहा हूँ कि आपका एक आप बस सुनते जाओ वो रिवाईस हो जाएगा जितनी भी संस्था भी तक आपने लगभग जो सुनी है बाकी आपने वीडियो देखा है चारो भाग तो पूरा कंप्लीट
12:13करने वाले में और आपका जो स्थान जो भरने वाला है उसमें भी यह सब पूछता है तो ध्यान से सुनिएगा यह पूरी संस्था की रिवाईस हो जाएगी है ना तो देखिए
12:25संस्था का नाम है आत्मी सभा समय क्या है 1815 स्थान कहां पे है बंगाल में संस्थापक कौन है राजा रामोहन राहे पूरा विस्त्रिश से हम लोग राजा रामोहन राहे के बाद में चर्चा की है
12:45अगला देखिए ब्रह्म समाज 1829 में समय है बंगाल में इसका अस्थान था राजा रामोहन राहे इसके संस्थापक है अगला देखिए हिंदू कालेज 1815 कलकत्ता डेविड है इसके संस्थापक है आदी ब्रह्म समाज कलकत्ता देवेंदर ठाकुर देवेंदर नात टैगो
13:15अस्तान क्या है कलगत्ता। इसके संस्थापक कौन है।
13:19बिश्वनात सस्त्ति ब्रम mniej समाज आफ। साउट इंडिया।
13:25इसका स्थान है मद्राश और इसके संस्थापक है।
13:32तत्तो बोधनी सभा यह कहां पे इसका स्थान क्या है बंगल में।
13:38प्राथना समाज, कहां पे स्थान क्या है? महाराष्ट और इसकी संस्थापक कौन है? महादेव गुबिंद रानाडी.
13:51आरी समाज, ये कहां पे इसका स्थान कहां है? बंबई और इसकी संस्थापक है? स्वामी दयानन्द सर्फवती.
14:00दयानन्द एंगलो वैदिक कालेज. इसका स्थान क्या है? लगभगपुरी भारत में है. हंसराज और इसकी संस्थापक हैं हंसराज और लाजपत्र राए.
14:16गुरुकुल स्थान कहा है हरिद्वार इसकी संस्थापक स्वामी स्रद्धानन्द और मुंसी राम लेख राम थी
14:28राम कृष्ण मठ ये कहां पर है कलकत्ता में संस्थापक कौन है स्वामी विवेक का नन्द
14:37इसका स्थान कहा है निव यार अमेरिका में इसकी संस्थापक जो है मैडम एच पी और कर्नल आल काट
14:49और देखिए थी इसका दूसरा जो अस्थान है वो है अडियार यानि मत्रास और मैडम ब्लावर टस्वार्ट
15:07इसकी संस्थापक है जो मद्रास में है इसकी संस्थापक कौन है सर सेयद आहमद घार देवबंद स्कूल कहांपे है सहरनपुर में मुहमत कालिम ननावत्वी और रसीद आहमद रसीड
15:37प्रंगोली, अगला अंदोलन अहमदिया अंदोलन, ये कहां पे हुआ था पंजाब में, इसके संस्थापक कौन थे, गुलाम अहमद, पंजाब की किस स्थान पे, कादिया स्थान पे, नामधरिया अंदोलन, स्थान पंजाब में हुआ, संस्थापक है, राम सिं, अगला दे�
16:07राजा राम मोहन राए, सनस्थापक भारतिय ब्रह्म समाज, स्थापना कहां पे है, स्थान कहां पे है, कलकत्ता, सनस्थापक कौन है, के सौचंद्र सीन, अगला दिखी धर्म सभा, कलकत्ता मिस्थान है, राधा कान दियो, ठीक है, आप तो समझ जी गए होंगे, मैं फटा फ
16:37समाज, स्थान बंबाई, नावरोजी, फर दोंजी, दादाभाई नावरोजी, एस एम बंगाली, है ना, और दिखे, यंग बंगाल अंदोलन बंगाल, हैनेरी वीवीन डिजी ओरियो, अगला दिखे, मुहम्डन लिटेरी सोसाइटी, अठासो तिर स्थी स्थी, कलकत्ता, �
17:07विरेश लिंगम, अगला दिखे, मानो धर्म सभा, पस्थी महरत में, मंचाराम संस्थापक, परम हंस मंडली, उनैस्वी सदी में, गोपाल हरी देश मुख, दीन बंधु सारुजनिक सभा, इसका समय है, अठासो चोरासी स्थी, पूना में, स्थान में हुआ, जोतिबा फ�
17:37हार्ती महिला विश्विद्याला, मभवई, डीके करवी, बायकोम केरल, नायरायंगुर, एन कुमारन, टीके एन, गुरुबायुरु सत्यागरा, केरल, के केल लणपण, अखिल भार्ती दलीत वर्ग, 1926, नाकूर, बियारम बेटकर, डिप्रेश्ट क्लासेश मिशन स्था�
18:07चिन्नी इसके जो है संस्थापाग है, तो फटा-फट मैंने जो संस्थाएं थी, वो आपको रिवाइस करा दिया, ठीक है, बाकी और आप क्या पूछना चाहते हैं, और कोई confusion हो, तो जरूर कमेंट करिएगा, कुछ अगर आप अपनी सलाह देना चाहते हैं, तो आप बता�

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