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  • 5/24/2025
Natural Threats That Could End Life on Earth

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Natural Threats That Could End Life on Earth

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Transcript
00:00सोचें अगर जमीन का एक बहुत बड़ा रिस्सा तूट कर समंदर में गिर जाए और सौ फीट उंची लहरे पूरे शेहरों को दो डाले
00:09या एक सुपर वॉलकेनों का धमाका दुनिया के टेंपरिचर को इतना गिरा दे कि हम एक नई आइस एज में चले जाए
00:17या फिर बरफ के नीचे तबा एक जहरीला मॉंस्टर जाक उठे जिसकी गर्मी से दुनिया का हर कोना तबा हो जाए
00:25ये कोई साइंस फिक्शन कहान नहीं बलके नेचरल थ्रेड्स हैं जो इनसाले से ने एक ही जड़के में खतम कर सकते
00:33नाजरीन आज हम बात करेंगे अर्थ पर ही मौजूद चार सोए हुए नेचरल डिजास्टर्स की जो दुनिया को तबाह करने की पूरी सलाहियत रखते हैं
00:42साइंटिस्स के हिसाब से इन नेचरल डिजास्टर्स का आना तो कनफर्मड है लेकिन आखिर कब
00:48सबसे पहले बात करते हैं डूम्स डे गलेशियर की
00:51वैसे तो इसका नाम थुएट्स गलेशियर है लेकिन इसे डूम्स डे गलेशियर क्यूं कहा जाता है ये आपको थोड़ी ही देर में पता चल जाएगा
01:00ये तो हम सब जानते हैं कि समंदर का लेवल दिन बदिन बढ़ता जा रहा है और इनसानों के लिए नए मसले खड़े हो रहे हैं पर आने वाले चैलिंजिस कितने बड़े होंगे और हमारे पास कितना वक्त बचा है ये सब डिपेंड करता है इसी डूम्स डे गलेशियर पर
01:30जो बीस किलो मिटर तक फैला हुआ है जो इसे दुनिया का सबसे चौड़ा गलेशियर भी बनाता है एक लाख बानवे हजार स्कौाइर किलो मिटर के एरिया पर फैला हुआ ये गलेशियर इतना बड़ा है कि इसके अंदर 318 मंबई जैसे या फिर कराची जैसे 50 शहर फिट
02:00सबसे खतरनाक चीज इसकी लोकेशन है तो एक छोटा सा हिस्सा लेकिन इसके पिगलने से इस पूरी आइस शीट के पिगलने का खतरा जुड़ा हुआ है जिसकी वज़ा से आने वाले सालों में समंदरों का लेवल 3 मीटर या लगबग 10 फीट्स तक बढ़ सकता है और ऐसा �
02:30आइस शीट का सारा दारों मदार तोईट्स गलेशियर पर है अगर इसको पिगलने से रोका नहीं गया तो ये पूरे वेस्ट अंटाक्टिका को घरक कर देगा जिसकी वज़ा से साहिल पर मौजूद शेहरों पर समंदर के पानी का राज होगा इन शेहरों में मुंबई, न
03:00बीच से मोटा करती आई है, जैसे जैसे ये बीच से मोटी होती जा रही है, वैसे वैसे वजन की वज़ा से गलेशियर बाहर अंटाक्टिक ओशन की तरफ निकल रहे हैं, बाहर निकलते हुए गलेशियर जिनके नीचे पानी होता है, इनको आइस शेल्फ कहते हैं, गलोबल
03:30इसी वज़ा से यहाँ पानी गिलेशियर्स तक नहीं पहुंच पाता और यहाँ बरफ आएस्दा आएस्दा पिगलती है। लेकिन वेस्ट अंटाक्टिका अलग है। इसका ज्यादा हिस्सा समंदर की सता से नीचे है। इसका मतलब यह है कि पानी इसके नीचे जाकर इसे मज
04:00प्रटिका के नीचे जमीन के सर्वे मैप को देखें। इसके एस्ट में जमीन समंदर के लेवल से उंची है जिसको लाल और पीले रंग से दिखाया गया है। जबके इसके वेस्ट में जहां जमीन ब्लू रंग से दिखाई गई है ये सारी समंदर के लेवल से नीचे है। खा
04:30इसके टुकडे टूटकर ओशन में मिक्स हो जाते हैं
04:33और ओशन का पानी इसे नीचे से मजीद खोकला करता जा रहा है
04:371992 से लेकर अभी तक की बात की जाए
04:41तो इस दोरान ओशन का पानी इसे 14 किलो मीटर अंदर तक खोकला कर चुका है
04:46अगर इसी स्पीड से मामला चलता रहा
04:49तो अनकरीब ये पूरा ग्लेशियर टूटकर अंटाक्टिक ओशन में गिर जाएगा
04:53तोइट्स ग्लेशियर जो पिछले 30 सालों में पहले ही समंदर का लेवल 4% तक बढ़ा चुका है
04:59पूरा पिगलने की सूरत में ये तमाम ओशन्स का लेवल आधे मीटर तक बढ़ा देगा
05:05ये वक्त शायद ज्यादा दूर नहीं क्योंके रिसर्चर्ज डूम्स डे ग्लेशियर में पहले ही एक बहुत बड़ा क्रैक ढूंड चुके हैं
05:13जिसको रोकना अब किसी के बस की बात नहीं
05:16सवाल ये नहीं है के थोईट्स गलेशियर टूटेगा या नहीं
05:20बलके सवाल है के कब
05:21और जैसा के आपने पहले जाना ये चीज एक बहुत बड़ी तबाही को दावत दे सकती है
05:27वेस्ट अंटाक्टिकन आइस शीट
05:29इसमें कोई शक नहीं के ऐसा होने के बाद इस आई शीट में भी मेल्टिंग का प्रोसेस ट्रिगर हो जाए
05:36जो ओशन के लेवल को तीन मीटर तक बढ़ा देगा
05:39ऐसा होने की सुरत में कोस्टल सिटीज को अचानक खाली करना पड़ेगा
05:44इंटर गवर्मेंटल पैनल अन क्लाइमिट चेंज के सर्वे के मताबक जो शहर इसकी जद में आएंगे
05:50वहां फिल हाल एक अरब से ज्यादा लोग रहते हैं
05:53वह सारे लोग जब उन्चे अलाकों में जाएंगे तो पूरी दुनिया का एकनॉमिक डिस बैलिंस देखने को मिलेगा
05:59इसके इलावा पूरी दुनिया के मौसम में तेजी से बदलाओ देखा जाएगा
06:03जिसमें खतरनाक सोनामी, हारिकेंज और फलर्ड्स बहुत आम हो जाएंगे
06:08अब बात करते हैं यलो स्टोन सूपर वालकैनो की
06:12यलो स्टोन सूपर वालकैनो अमरीका के वायومिंग इस्टेट में यलो स्टोन नेशनल पारक के अंदर है
06:19ये एक active volcano system है जो दुनिया के सबसे बड़े और खतरनाक सुपर वालकिनोज में से एक है
06:26येलो स्टोन सिर्फ एक छोटा सा पहाड नहीं है जो फट सकता है
06:30ये एक सुपर वालकिनो है जिसके अंदर बहुत ज्यादा मेगमा यानी बिगला हुआ पत्थर भरा है
06:36अगर ये फट जाए तो इसके असरात सिर्फ अमेरिका तक महदूद नहीं रहेंगे बलके पूरी दुनिया को तबाही का सामना करना पड़ेगा
06:45येलो स्टोन एक बड़े केल्डिरा के अंदर है जो लगबग 70 किलो मिटर्स लंबा और 50 किलो मिटर्स चौड़ा है
06:52इसका मतलब है कि ये एक जाएंट करेटर जैसा है जो पुरानी वालकेनिक इरॉप्शन्स के बाद बना था
06:59एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये सुपर वालकेनों हर 6-7 लाक सालों में एक बार फटता है
07:05आखरी बार ये तक्रीबन 6,40,000 साल पहले फटा था और उससे पहले 13,000 साल और उससे पहले 21,000 साल पहले बड़ा एक्सपलोजन हुआ था
07:17इसके पास्ट रिकॉर्ड को देखते हुए ये कहना गलत नहीं होगा कि येलो स्टोन सुपर वालकेनों अगले 60,000 सालों में किसी भी वक्त फट सकता है
07:26अगर येलो स्टोन सुपर वालकेनों फट जाए तो इसका असर सिर्फ एक देश तक महदूद नहीं होगा
07:33बलके ये पूरी दुनिया को आसानी से अपनी लपेट में ले सकता है
07:37ये अपने 1000 किलो मिटर के रेडियस में मौझूद किसी भी शहर को एक ही जटके में तबाह कर देगा
07:44दमाके की वज़ा से ये हवा में वालकेनिक एश और सल्फर डायोकसाइड जैसी कैसिस छोड़ेगा
07:50जिसकी वज़ा से पूरी दुनिया का कलाइमिट बदल जाएगा
07:53राख के बादल इतने घने होंगे के अगले कई सालों तक सूरज की रोशनी जमीन पर नहीं पढ़ सकेगी
08:00जिसकी वज़ा से अर्थ का टेमपरेचर गिर जाएगा
08:03इस फिनोमनान को वालकेनिक विंटर कहते हैं
08:07फसलें उगना बंद हो जाएंगी और दुनिया भर में खाने पीने की शौर्टेज हो जाएगी
08:12जो लोग बच भी गए तो उनमें बिमारियां फूट पड़ेंगी
08:15एटमॉसफेर में सल्फर डाय उकसाइड की मौजूदगी की वज़ा से बारिश पानी की सूरत में नहीं बलके तैजाब की सूरत में होगी
08:23रिपोर्ट्स के मताबिक अगर येलो स्टोन आज ही भट जाए तो दुनिया की कम से कम 70% पॉपुलेशन खतम हो सकती है
08:31अब बारी आती है कूंबरे वियेहा वॉलकेनो की
08:35अफरीका के नौर्थ वेस्ट कोस्ट से 700 मील दूर स्पेन के कैनरी आईलेंड्स है
08:41यहां पर लापालमा नामी ये आईलेंड 40 लाक साल पहले कूंबरे वियेहा वॉलकेनो की वज़ा से वजूद में आया था
08:49ये वॉलकेनो आज भी एक्टिव है और दुनिया के लिए एक बहुत बड़ा खतरा बन सकता है
08:55पिछले 60 सालों के दौरान यहां वॉलकेनिक एरप्शन्स ने इस आईलेंड में एक फॉल्ट लाइन एक क्रैक बना दिया है
09:02जिसको Google Earth में भी देखा जा सकता है
09:05ये क्रैक समंदर से 6000 फील्ट उपर माजूद है
09:09साइंटिस्क का कहना है कि अगर एक बड़ी एरप्शन हुई तो लावार निकलने से जो नुकसान होगा वो तो एक तरफ
09:15लेकिन आईलेंड का एक बड़ा हिस्सा समंदर में गिर सकता है
09:19जियोलोजिस्स का मानना है कि फॉल्ट लाइन पूरी तरहां क्रैक करने की सूरत में लगबग 500 अरब टन वजनी पत्थर
09:28200 किलो मिटर पर आर की स्पीड से स्लाइड करते हुए समंदर में गिरेंगे
09:33इस लेंड स्लाइड की वज़ा से करीब एक किलो मिटर तक समंदर का पानी उचल कर गिरेगा
09:38जिस से शुरू होगा सुनामी का एक ऐसा सिलसला जो दुनिया के कोने कोने तक अपना असर छोड़ेगा
09:45एक्सपर्ट्स ने इसे मेगा सुनामी का नाम दिया है
09:48ये लहरें समंदर की हर डिरेक्शन में चार हजार मील तक ट्रेवल करेंगी
09:53जिसमें यौरप, अमेरिका और अफरीका बुरी तरहां असर अंदाज होंगे
09:58सौ फीट से भी ज्यादा बड़ी लहरें, समंदर तो समंदर, कोस्टल सिटीज में भी काफी अंदर तक सारा निजाम धरम भरम कर देंगी
10:06लापालमा का वालकेनो एक टाइम बॉम है जो कभी भी फट सकता है
10:11और इसका असर सिर्फ कैनरी आइलेंड्स तक नहीं रहेगा, बलके पूरी दुनिया ही इसकी जद में आ सकती है
10:18पर क्यूंके इस स्लाइड का जुकाओ वेस्ट की तरफ है तो ऐसा समझा जा रहा है कि अमेरिका का इस्ट कोस्ट जहां मियामी और औरलेंडो हैं वहाँ पर इसका असर सबसे ज्यादा होगा
10:28और अगर वक्त पर शहर खाली नहीं हुए तो मेगा सुनामी लाखों जाने ले सकता है
10:34और अब आखिर में बात करते हैं पर्मा फरोस्ट की
10:37हमारी दुनिया का 11% हिस्सा पर्मा फरोस्ट ग्राउंड है
10:41यानि जमीन का वो हिस्सा जिसका टेंपरेचर साल के 12 महीने 0 डिगरी से भी कम होता है
10:48पर्मा फरोस्ट ज्यादा तर पोलर रीजन्स में पाया जाता है
10:52जिसमें आधा कैनेडा, टू ठर्ड रशिया और तिबितन प्लैटू शामिल है
10:56इनमें ज्यादा तर पर्मा फरोस्ट पिछले लाखों सालों से इसी कंडिशन में था पर अब नहीं
11:02पर्मा फरोस्ट की लेर के उपर एक एक्टिव लेर होती है जो सर्दियों में जम जाती है लेकिन गरिमियों में वापस बिगल जाती है
11:10इस लेयर के नीचे पर्मा फ्रोस्ट की लेयर पूरा साल ही जीरो डिगरी सेलसियस से कम रहती है
11:16इसकी वज़ा से पर्मा फ्रोस्ट एक डीप फ्रीजर की तरहां काम करता है
11:21करोणों सालों से पेड़ फोदे जानवर और माइक्रो और्गनिजम्स इस पर्माफरोस्ट में फ्रीज होकर प्रिजर्व रहते हैं जिनका डी कमपोजीशन का प्रोसेस शुरू ही नहीं होता
11:31पर ग्लोबल वार्मिंग की वज़ा से हर साल पर्माफरोस्ट की एक्टिव लेयर ज्यादा गहरी होती जा रही है
11:38और हजारों साल पुराने जानवर अपनी मौत के वक्त जैसे थे उसी हालत में यहां से उबर रही हैं
11:44जब पर्माफ्रोस्ट बिखलता है तो उसमें मौजूद और्गनिक मेटर गलना शुरू होता है। उनको बैक्टेरिया खाने लगते हैं और मिधेन गैस रिलीज करते हैं।
11:54एक्सपर्ट का मानना है कि आज दुनिया में जितनी भी पॉलिशन है पर्माफ्रोस्ट में उससे चार गुना ज्यादा कार्बन फसा हुआ है। और ये आहिस्ता आहिस्ता एटमोसफेर में फैल रहा है। इतनी ज्यादा ग्रीन हाउस गैसेज जब माहूल में आएंगी तो द
12:24बढ़ जाएगा और ऐसी मौसमियाती तबदीली देखने को मिलेगी जिसमें एक्वेटर के करीब इनसानों का वसना नामुम्किन हो जाएगा। ज्यादा तर लोगों को लगता है कि पर्माफ्रोस्ट का पिगलना फ्यूचर में आने वाली तबाही है पर असल में इस तबा
12:54और जमीन के अंदर धसने की वज़ा से बना और अब हर साल बड़ा होता जा रहा है। अगर पर्माफ्रोस्ट के पिगलने का प्रोसेस इसी तरहा चलता रहा जिसको रोकना किसी के हाथ में नहीं तो खेंच खेंच के अगले 50 से 70 सालों में दुनिया की 70% पर्माफ्रोस्ट �
13:24आप लोगों के प्यार भरे कॉमेंट्स का बेहत शुक्रिया मिलते हैं अगली शांदार वीडियो में।

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