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  • 5 months ago

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Transcript
00:00कुकु टीवी
00:30बैया, दस रुपे के इतने कम हरे धनिये?
00:35बैया, महंगाई बहुत है
00:37लेकिन इतनी भी महंगाई नहीं है
00:39ये क्यों नहीं कहते कि तुम मनमानिक कीमत लगा कर ग्राहकों को ठग रहे हो
00:44बैया, मुझ पर यकीन करो
00:47मुझे थोप में खुद ये हरे धनिये बहुत महंगे पड़े हुए है
00:50इस पूरे कजबे में केवल जमीनदारी हरे धनिये की सप्लाई करता है
00:55रमीश की बात सुनकर बिट्टू दूसरे दुकानदार के पास चला गया
01:00और दुकानदार को 10 रुपे देते हुए बोला
01:03बैया, 10 रुपे के हरे धनिये दे दो
01:06दुकानदार ने बिट्टू को 10 रुपे में धनिये दे दिये
01:11बिट्टू वो हरे धनिये लेकर रमीश के पास आकर कहता है
01:15तुमने 10 रुपे के मुझे थोड़े से हरे धन्य पक्ड़ा दिये
01:19और उस दुकानदार ने मुझे 10 रुपे के इतने ठेर सारे धन्य दिये
01:24लाओ, मैरे पैसे रापस करो
01:26मुझे तुम्हारे हरे धन्य नहीं खरिदने
01:29अब मैं तो क्या?
01:30पूरे कज़बे में तुमसे ये हरे धनिये कोई नहीं खरी देगा, तुमने तो लूट मचा रखी है
01:35बिट्टू नाराज होकर वहाँ से चला गया, रमेश शाम को अपने घर पर जाकर अपनी बीवी स्वाती से बात करने लगता है
01:44मेरी समझ में नहीं आता स्वाती कि दुकानदार सस्ते में धेर सारी धनिया ग्रांकों को कैसे देते हैं
01:53इससे मेरे दुकानदारी पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है
01:56आपको पता नहीं कब अकल आएगी
01:59अरे आप ये क्यों नहीं समझते
02:01कि वो जमीनदार आपको महंगे हरे धनिय बेचता है
02:04और बड़े दुकानदारों को सस्ते हरे धनिय बेचता है
02:08लेकिन इससे जमीनदार को क्या फाइदा होगा
02:11ज़रा सोचिए
02:12कुछ वक्त पहले हमारी गाउं में हरे धनिय के नजाने कितने धेले थे
02:16लेकिन धीरे धीरे करके वो सारे धेले खत्म हो गए
02:20अब इस काउं में केवल आप धी धेले पर हरे धनिय रखका बेचते हैं
02:24जिस दिन आप भी इस धनिय को बंद कर देंगे
02:27उस दिन दुकांदार मनमानी रेट में ग्राकों को हरे धनिय बेचेंगे
02:31तुम ठीक कहती हो स्वाती मुझे इसके बारे में जमीनदार से बात करनी होगी
02:36अगले दिन रमेश गाउं के जमीनदार के पास चला गया रमेश को देखकर जमीनदार ने कहा
02:44। । । । । ।
03:14। । । । ।
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04:52Ramesh is manzr ko bhoat gaura se deekh raha tha
04:56Voh maayus ho kar
04:59Apne ghar par a kar bade gaya
05:01Ye tabhi kaon ke baliyah naam ki eek guzul
05:05Voha par a gay
05:06Aray, baliyah chacha
05:09Aap acanak ya haa kaise
05:10Tumhare saad zameindar nne bhoat galat kiya
05:14Zameindar ko aisa nahi karna chahiye tha
05:18Kya kohun chacha
05:20Menei suna hai ki kisi zameane me
05:22Aap apne khet me badei taadat me
05:24Haray dhaniyah ugaaya karte thay
05:26Us tawar me tukan dharo ko
05:29Haray dhaniyah muft me dya karta tha
05:31Lekin ab zameanah badal gaya na chacha
05:34Zameanah chahe bhalee hi badal gaya ho Ramesh
05:38Lekin haray dhaniyah ka jadui gao abhi bhi hai
05:42Yeh sunkar Ramesh buri tarah se chonk jata hai
05:45Menei aapki baat ka matlab nahi samaja chacha
05:49Ramesh kazbe ke sabhi log ye semajte hain
05:53Kya me apne khet me haray dhaniyah ugaaya karta tha
05:56Lekin yeh hakikat nai hai
05:58Hakikat to yeh hai
05:59Kya me us tor me haray dhaniyah ke kazbe se le ker aata tha
06:03Jo ki yeh khuafiyah kazba hai
06:05Us khuafiyah haray dhaniyah ke kazbe ka دروasa krasa kha sa kthulta hai
06:09ये सिर्फ मैं जानता हूँ,
06:11मैं चाहता हूँ,
06:12कि तुम उष घूफिय हरे धन्ये के कजबे में जाओ,
06:15और तुम उष घूफिय को लेकर,
06:17पूरे कजबे में,
06:19मुफ्थ में बाटो,
06:20और फिर तुम कमाल देखना,
06:23बलिया चाचा,
06:24कहीं आप मजाग तो नहीं कर रहे हैं नहीं रमेश हमारे कजबे से दूर एक तालाब है जो की भूत प्रित से नाम मशहूर है तुम उस तालाब के अंदर कूत जाना तुम खुद कूफिया हरे धनिये के कजबे में पहुच जाओगे और हाँ इस रास को अपने अंदर छिपा
06:54करना चाहिए मैं चाहती हूँ कि उस जमीनदार की दुकानदारी इस गाओं में जर से ही खत्म हो जाए रमेश बल्या चाचा की बताई हुई चते पर चला गया और उस तालाब को गौर से देखने लगा रमेश उस तालाब के अंदर तूट गया उसने खुद को एक अजीब
07:24रमेश हैरान रह जाता है ये तो बड़ा ही अजीबो गरिब कजबा है यहां तो हर एक चीज हरे धनिय की बनी हुई है तभी रमेश के कानों में एक आदमी की आवास टकराई तुमने ठीक कहा ये जादोई हरे धनिय का कजबा है रमेश ने देखा कि वो आदमी साइकल पर �
07:54भी हरे धनिया ले जाना चाहते हो ले जाओ यहां से हरे धनिये ले जाने की कीमत नहीं चुकानी पड़ती है रमेश बहुत सारे हरे धनिये लेकर तालाग के किनारे आ पहुचा और तालाग के अंदर कूद गया और तालाग के अंदर कूदती ही रमेश अपने गाउं में आ
08:24ुप्त बाटूंगा।
08:54बोलकर वो आदमी रमेश को बहुत सारे पैसे दे कर चला गया।
09:24I am going to leave it all. I am going to leave it all. I am going to leave it. I will teach it all.
09:32So, the Zemindar goes to the Bazaar, where Ramesh is going to leave it.
09:40Ramesh, you are going to leave it all. I will give it to you tomorrow.
09:47I will leave it all. I will leave it all. I will leave it all.
09:58You are going to leave it all.
10:01foreign
10:15foreign
10:29foreign
10:59foreign
11:16रमीनदार इतना डर गया कि अगले दिन गाउं छोड़कर ही चला गया। रमेश की बीवी स्वाती रमेश से कहती है। मैंने आपसे कहा था ना कि बलिया चाचा कभी जूट नहीं बोलते।
11:30तुमने ठीक कहा था स्वाती।
11:32तभी वहाँ पर बलिया चाचा आ गये और रहसे मई अंदाज में मुस्कुराते हुए रमेश की ओर देखकर बोले।
11:40क्या कहा था मैंने तुमसे उस जादूई हरे धनिये के कजबे से हरे धनिया लाने के बाद उसका चमतकार देखना।
11:49बलिया चाचा की बात सुनकर रमेश और उसकी बीवी दोनों हसने लगते हैं।
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