ऐतिहासिक सोनार दुर्ग एक बार फिर खतरे की जद में है। बीते कुछ दिनों से चल रहे आंधड़ और बारिश के दौर ने दुर्ग की जर्जर दीवारों को और कमजोर कर दिया है। बाहरी परकोटे की कई दीवारों पर बड़े पत्थर ढीले हो चुके हैं और गिरने की कगार पर हैं। इससे आसपास के निवासियों और व्यापारियों में डर और नाराजगी का माहौल है। हालात की गंभीरता को देखते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने कुछ स्थानों पर बल्लियां लगाकर रास्ता बंद किया है, ताकि कोई हादसा न हो, लेकिन लोगों का कहना है कि यह सिर्फ अस्थायी समाधान है। स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों का कहना है कि विभाग हर बार हादसे के बाद हरकत में आता है। समय रहते मरम्मत नहीं की जाती। जब तक एक जगह काम पूरा होता है, तब तक दूसरी जगह दीवार जर्ज़र होने की खबर आ जाती है। यह रवैया चिंता का कारण बन चुका है।
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