00:00मैं चाहती थी कि मेरी सहली अंजू मेरे पती को सब दे दे। मैं अपनी कोशिशों में लगभग काम्याब हो ही चुकी थी लेकिन तभी अंजू बोली नहीं प्रिया इसके आगे नहीं। मुझे कुछ और वक्त दे दो मैं वो सब कुछ करूंगी लेकिन आज नहीं।
00:20अगली सुभा अंजू मेरे कमरे में आई। मैं और मेरे पती सुधीर उसी हालत में सो रहे थे। अंजू बोली लगता है रात को बैचारा ठीक से सो नहीं पाया। तुने काम करवा कर इसे नीमबू की तरह निचोड लिया है।
00:37सुधीर हमारी बातों को सुन रहा था और हमारी हरकतों का मजा लेने लगा। तब ही उसने उठकर अचानक अंजू को पकड़ लिया।
00:47हम दोनों अचानक होए इस हमले के लिए तयार नहीं थी। हम दोनों चटपटाते हुए छूटने की कोशिश करने लगी।
00:57लेकिन उसके बाजूओं में इतना दम था कि हम दोनों की सारी कोशिशे बेकार होती नजर आई।
01:03कैसे भी अंजू उसकी बाजूओं से फिसल गई और उसे ठेंगा दिखाती हुई अपने कपड़े उठा कर कमरे से भाग गई।
01:13आज सुधीर का काम पर जाने का मन नहीं था। आज अंजू को वो सुभा से ही परेशान कर रहा था।
01:20अंजू मेरी ओट लेकर उससे बच रही थी। हम दोनों ने उसे किसी तरह धखेलते हुए नरसरी भिजा।
01:30अंजू आज सुभा से बहुत पयारी लग रही थी। दोपैर का खाना खाकर हम दोनों ने रेस्ट किया।
01:37आज हम दोनों ने चुट्टी ले रखी थी। आज का ये स्पेशल दिन हम दोनों सहलियां एक साथ इंजॉय करना चाहते थे।
01:47शाम को जब सुधीर के घर लोटने का समय नस्दीक आने लगा, तो अंजू का उतावलापन बढ़ने लगा था।
01:55आज ब्यूटी पालर से अंजू तयार होकर आई थी।
01:59पालर वाले ने उसे किसी अपसरा की तरह समवारने में कोई कमी नहीं रखी थी।
02:05मैंने भी उसे किसी दुलहन की तरह सजाया था।
02:10लाल रंग की बनारसी सारी में वो बहुत ही खुपसूरत लग रही थी।
02:15माथे पर सिंदूर, गले पर भारी मंगल सूत्र ऐसा लग रहा था।
02:21मानो आज अंजू की पहली।
02:24सोहा ग्राथ हो।
02:26वो बन संबर कर सुधीर का इंतजार करने लगी।
02:30ऐसा लग रहा था पर साथ ही साथ वो काफी नर्वस भी हो रही थी।
02:35शाम साथ बजे सुधीर घर आया।
02:39अंजू को मैंने अंदर रहने को कहां और मैं जाकर दर्वाजा खोली और उसे अंदर आने दिया।
02:45सुधीर की आखें
03:15के सामने से उसका सबसे प्यारा खिलोना हटा लिया गया हो उसका खिला हुआ चहरा मुर्जा सा गया वो कुछ देर चुप रहा फिर पूचा क्या हुआ ऐसे अचानक उसने कुछ बताया भी नहीं मैं बोली वो क्या कहती राजीव उसका हस्बेंड है उसका अंजू पर पूरा
03:45तरसा रही है उस बेचारे को वो तो दीवाना हो गया है फिर मैं बोली तो कवापस रास्ते पर लाने के लिए जा उसके लिए पानी ले जा ठीक वैसे ही जैसे पहली रात को कोई दुलहन ले जाती है यह सुनकर अंजू का गाल शर्म से लाल हो गया वो एक ट्रे में पानी ले
04:15गया वो तो पल के जफकाना भी भूल गया वो एक तक अंजू को धीरे धीरे उसके करीब आता देखता रहा कैसी लग रही है मेरी सहल मैंने सुधीर के कंधे पर अपनी हाथ तिका दिया वो किसी अनारी की तरह कभी मुझे देखता तो कभी अंजू को अंजू उसके करीब �
04:45मानों मेरी नई दुलहन आई हो सुधीर ने अटकते हुए कहा सुधीर ने उसके हाथों से गिलास लेकर टेबल पर रख दिया और उसे खीच कर अपनी बाहों में भर लिया मैं दोनों को देखती रही जब दोनों काफी देड़ तक अलग नहीं हुए तो मैंने खास कर उनको च
05:15बाद अंजू ने अपने बच्चे को दूद पिला कर जल्दी सुला दिया मैंने अंजू को कहा आज हम चारो एक ही कमरे में सोईंगे तेरे बच्चे का जूला जिसमें वो सोता है उसे हमारे कमरे में लगा ले अंजू ने वैसा ही किया अंजू जब बच्चे को जूले पर
05:45उसके पास पहुचा अंजू उसे अपनी और आते देख कर आखे। सक्ती से बन कर ली मानो उसे डर हो कि उसके साथ जो कुछ हो रहा हो वो एक सपना हो।
06:15अगर उनके सामने आकर उनके आनन्द में बाधा नहीं बनना चाहती थी मैं तो दोनों को इस प्यार भरे पल में आगे बढ़ने का इंतिजार कर रही थी जिसके बाद तो उन्हें कुछ भी होश नहीं रहेगा की।
06:45मुझे भी अपने दिल में अपने जीवन में शामिल कर लो मैं बरसो से तुम्हारे इंतिजार में तडपी हूं।
06:51आज मेरी हर तमनना पूरी कर दू उसके इस भाव को समझते हुए सुधीर ने उसके कंधे पर हात रखकर उसे गले से लगा लिया।
06:59अंजू बोली आज से मैं आपकी बिन व्याही बीवी बन रही हूं।
07:03आप तो मेरी कलपना थे जाने कितनी। बार आपको सोच सोच कर मैं खुद को कितनी बार शांत कर जूगी हूं।
07:11मगर आज मेरी सहली ने अपने दिल का टुकडा मुझे भी चुने दे दिया।
07:16अंजू सुधीर के सीने से लग कर बोली फिर दोनों ने एक खेल शुरू किया कुछ ही देर में सुधीर का मन हलका हो चुका था और अंजू फिसल कर जमीन पर बैठ गई उसमें अंजू के बाल खोल कर उसके चहरे पर बिखेर दिये।
07:46अंजू ने धखा देकर सुधीर को गिरा दिया सुधीर ने उठने की कोशिश की मगर वापस उसने सुधीर के इरादों को नाकाम कर दिया ठहरो इतने उतावले मत हो तुम्हारी इच्छा भी अभी पूरी करती हूँ।
08:13अंजू मुझे दूद पीना है मेरे लिए दूद का इंतजाम करो अंजू बोली नहीं ऐसे नहीं पहले मुझसे रिक्वेस्ट करो फिर मैं तुम्हें दूद पीने को दूंगी सुधीर लगातार।
08:23प्लीज प्लीज करने लगा तब कही जाकर अंजू ने उसकी बात मानी फिर कुछी देर बादन।
08:30जू मुस्कुराती हुई बोली बस बस अब रुख जाओ कुछ मेरे बच्चे के लिए भी तो छोड़ो तभी सुधीर बोला कोई बात नहीं तुम्हारा बच्चा बॉटल से पी लेगा जब सुधीर ने दूद पी लिया तो अब अंजू की बारी थी खेल धीरे धीरे सिरि
09:00रहे थे और इतनी दूर से दोनों को देख रही थी लेकिन अब मुझे दिक्कत हो रही थी इसलिए मैं भी प्लेग्राउंड में चली गई
09:08गुबारे से हवा निकाल दी हो अब वो मैट पर पड़ी पड़ी जोर जोर से हामफ रही थी उसके हर एक सांफ से पूरा शरीर उपर नीचे हो रहा था इस कुष्ठी के खेल में सुधीर जीट चुका था पर अंजू भी किसी मामले में सुधीर से कम साबित नहीं हुई थी
09:38जीव द्वारा किये गए कृत्य का बदला ले लिया था सुधीर तो शरीर से बहुत स्ट्रांग था वो फिर से कुष्ठी के लिए तैयार हो गया थोड़ा सा सुस्ता लेने के बाद अंजू भी तैयार हो गई मैं बोली इस बार की खेल में मैं भी शामिल हूंगी फिर हम त
10:08कर नींद की आगुश में चले गए इसके बाद तो बस सिलसला सा चल पड़ा मैंने अंजू को विश्वास दिला दिया था कि हम तीनों के अलावा कोई और इस बारे में नहीं जानेगा चाहे वो राजीव ही क्यों ना हो हम तीनों अब हम एक ही कमरे में एक ही बिस्तर पर सो
10:38दरूर सबकी नजर बचा कर एक दो बार खाली कर ही देता लेकिन अब मैं उतना बुरा नहीं मानती थी क्योंकि मैंने उससे अपना बदला ले लिया था उसकी बीवी को मैंने अपने पती की दूसरी बीवी बना दिया था लेकिन सुधीर और मेरे प्यार में किसी तरह का को�