बिहार का डेहरी डालमियानगर का इलाका कभी विश्व के औधोगिक मानचित्र पर पांच दशकों तक राज किया है। लेकिन बदलते वक्त के साथ साथ यह इलाका अपनी इस पहचान को खोता चला गया। हालात यह हुए की इलाके का उधोग खंडहर में तब्दील हो गया और फैक्ट्रियां कबाड़ हो गई और यहाँ के लोग बेरोजगारी का दंश झेलते झेलते पलायन को मजबूर होने लगे ऐसे में यहाँ के सांसद और बिधायक ने भी कभी इस इलाके को बिकसित करने की बात नही सोची हां इतना जरुर उन्होंने किया की चुनाव में वोट लेने के खातिर इलाके के लोगो को गुमराह जरुर किया सपने जरुर दिखाए।दअरसल एक कारण यह भी रहा की तमाम संसाधनों के बावजूद यह इलाका आर्थिक दृष्टिकोण से पिछड़ता चला गया कही कल कारखाने भी लगने से दूर रहे।
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