चंडीगढ़: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंडीगढ़ में नए कानूनों को समर्पित करते हुए कहा कि न्याय की पहली कसौटी है कि उसे समय पर दिया जाए। हम सभी ने यह कहावत सुनी है: न्याय में देरी, न्याय से इनकार के समान है। 'भारतीय न्याय संहिता' और 'नागरिक सुरक्षा संहिता' के माध्यम से देश ने त्वरित न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। समय पर आरोप-पत्र दाखिल करने और फैसले सुनाने को प्राथमिकता दी गई है। मामले के प्रत्येक चरण को पूरा करने के लिए समय-सीमा तय की गई है। हालांकि, इन सुधारों को लागू हुए अभी कुछ ही महीने हुए हैं और इन्हें पूरी तरह से लागू होने में समय लगेगा। लेकिन जो बदलाव पहले ही दिख रहे हैं और देश के विभिन्न हिस्सों से जो प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं, वे वाकई उत्साहजनक और संतोषजनक हैं।