- 1 year ago
Allha Kahan sy aya ha? Allah ko kis ny paida kia ha? By @EngineerMuhammadAliMirzaClips
Engineer Muhammad Ali Mirza's views on the existence of God are rooted in Islamic theology and rational argumentation. He emphasizes the concept of Tawheed (the oneness of God) and argues that the existence of God is evident through the complexity and order of the universe. According to him, the natural world, with its intricate design and purposeful creation, points to a higher intelligence—God.
Mirza also engages with philosophical arguments, such as the cosmological argument, which posits that everything in existence has a cause, leading to the necessity of a first cause, which is God. He refutes atheistic perspectives by highlighting the limitations of human understanding and the insufficiency of science in explaining metaphysical realities.
He often stresses the importance of understanding God through both revelation (the Quran) and reason, urging people to explore their faith intellectually and spiritually. He addresses common questions and doubts about God's existence, providing answers based on Islamic teachings and logical reasoning.
Engineer Muhammad Ali Mirza's views on the existence of God are rooted in Islamic theology and rational argumentation. He emphasizes the concept of Tawheed (the oneness of God) and argues that the existence of God is evident through the complexity and order of the universe. According to him, the natural world, with its intricate design and purposeful creation, points to a higher intelligence—God.
Mirza also engages with philosophical arguments, such as the cosmological argument, which posits that everything in existence has a cause, leading to the necessity of a first cause, which is God. He refutes atheistic perspectives by highlighting the limitations of human understanding and the insufficiency of science in explaining metaphysical realities.
He often stresses the importance of understanding God through both revelation (the Quran) and reason, urging people to explore their faith intellectually and spiritually. He addresses common questions and doubts about God's existence, providing answers based on Islamic teachings and logical reasoning.
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00:00तो ये पहले तो ख़ुदा आया नहीं है खुदा हमेशा से हम इसे मैथमाटिकली साबित करते हैं
00:07जो universal truth established हो चुके में उसको तो आप कोई दुबारा से challenge न न करें
00:17यानि ये universal truth है कि 2 plus 2 is equal to 4 अब इसे कोई 5 या 3 बनाने की कोशिश करें
00:26तो जुल्म पर मबनी काम कर रहा है आप दुबारा से wheel भी invent कर लें तब भी ये
00:31mathematical equation तो अपनी जगर रहेगी बिल्कुल इस तरीके से ये चीज इस्टेबलिश हो चुकी है
00:36कि काइनात पहले नहीं थी तो आई है आपको पता कुछ अरसा ये नजरिया रहा है
00:43सत्तरमी और अठारमी सदी में कि ये steady state काइनात है हमेशा से ऐसे ही चाल रही है
00:48लेकिन ये अब नजरिया अपनी मौत मार गया हम जिस एरा में वैठे है ना ये नजरिया
00:55आट से नहीं बिग बैंग के बाद से ही जब वो हबल ने वो टेलिसकोब के ज़रीए चीज देखी थी
01:01तो हबल ने ये देखा कि काइनात में जितने भी ये एजरामे फलकी है यानि अस्मान पे जितने आपको सियारे स्तारे नजर आ रहे है ना
01:10इन में कॉमन चीज ये है कि सब एक दूसर से दूर जा रहे है और उसके लिए उसने स्पेक्टरम जब ड्रा किया स्पेक्टरम जब ग्रैजूली किसी चीज का लाइट का स्पेक्टरम रेड की तरफ शिफ्ट हो इट मींस के वो आप से दूर जा रही है तो ये चीज लॉ�
01:40और ये असल टुरुथ है कि ये दूर इसलिए जा रहे है कि कहीं एक जगा से ये स्टार्ट हुए थे
01:44ये तो एक नैचिनल चीज है अच्छा
01:47उन्होंने कहा कि अगर हम टाइम को रिवर्स करें और ऐसे पॉंट पे पहुंचें
01:51कि जहां से ये चीज स्टार्ट हुए थी तो उसको साइन्टिस्ट ने नाम दिया कि वो एक ऐसा पॉंट था
01:58कि जिसकी डेंस्ट्री इंफिनिट थी ना ख़तम होने वाली और वालियूम जीरो था
02:05वालियूम जीरो है और डेंस्ट्री इंफिनिट है
02:10क्रियेशन एक्स नहीं लो अदमे माल से वुजूद कुछ नहीं था तो ये हो गया
02:17और फिर वो कहते हैं कि ये जो बिग बैंग हुआ है इस बिग बैंग के बाद
02:26अगर एक सेकिंड के ट्रिलियन ट्रिलियन हिस्से के अंदर भी ज़रा सी डिस्टर्मस आती
02:33तो एक काइनाद वुजूद में नहीं आ सकती थी और ये तो सिर्फ वुजूद में आने की बात है फिर जो बिलियन्स और फाइंट ट्यूनिंग्स प्लेनेट अर्थ के उपर मुझूद हैं हर स्यारे के इतबार से जमीन का सूरे से फासला फिर इनकी ग्र
03:04क्रियेशन एक्स नहीं लोगी है
03:06यानि इनसान या काइनाद ये पैदा हुए हैं
03:12प्रॉब्लम तब थी आपके लिए जब आप ये मांते के ये भी अमेशा से हैं
03:16अमेशा से इनसान पैदा हो रहे हैं और दूसरा एंड कोई नहीं है
03:19ये तो मसला आलकार दिया है आपका सायंस ने
03:22उनका नहीं क्रियेशन तो हुई है
03:26अब इसका क्रियेटर है या नहीं है
03:29इसके उपर वो आके बात करते हैं
03:32अब ये जो फाइन ट्यूनिंग्स हैं
03:34इनको समझने के लिए इतने दमाग की जुरूत है
03:37इतने ब्रेंज की जुरूत है
03:39डियने की स्ट्रक्चर को समझने के लिए
03:41इस हर्मनी को समझने के लिए
03:43समझने के लिए, बनाने के लिए नहीं सरकात
03:47इतने ब्रेंज लग जाये, आज तक हम डिस्कावरीज ही कर रहे हैं
03:51यह जितने हम चीज़ें दर्याफ़त करते हैं न
03:53वो हम कानून-कुदरत दर्याफ़त करते हैं
03:55यहने अगर हमने यह चीज़ एकस्प्लॉर कर लिए
03:58कि सुरज मश्रिक से निकलता है, मगरिब में गुरूब होता है
04:00विद रिस्पेक्ट टू जमीन
04:02वैसे तो गुरूब होते ही नहीं है न निकलता है
04:04तो यह एक फिजिकल फेनॉमिना है
04:06जो हमने डिस्कवर किया है
04:08इस फेनॉमिना ने सुरज को पैदा नहीं किया
04:13यह क्रियेटर ओफ सान तो नहीं है
04:15यह अगर आपको पता चल गया
04:17अंडे में से चूजा निकलता है
04:20और चूजा इतने अरसे के लिए अंडे को
04:22आप गरमाईश में रखते हैं 22 दिन के लिए
04:24मुर्गी के नीचे यह किसी मशीन में
04:26इस इंफर्मेशन ने
04:28चूजे को पैदा नहीं किया
04:31पैदा होने के बारे में इंफर्मेशन है
04:33आप इसके अंदर मुझी चले जाएं
04:35जितना डीब डिक करते जाएं
04:37अल्टिमेटली आपकी
04:39एक इंफर्मेशन एड होगी
04:43यह नहीं होगा कि आपको यह पता चल जाएं
04:45कि इसने पैदा किया
04:47वो तो मुर्गी को खुद नहीं पता
04:49जो पैदा करने वाली है
04:51क्रोकोडाइल को, एलिफन्ट को
04:53यह पता ही नहीं मेरे अंदर क्या क्या qualities है
04:55जिसको यह पता ही नहीं मेरे अंदर क्या qualities है
04:57इनसान को नहीं पता अभी तक मेरे अंदर क्या qualities है
04:59साइंस थोड़ा बहुत आपको explore कर रही है
05:01तो creator तो हम
05:03inequalities के हाई नहीं है
05:05और पिछे एक brain इस इतमार से है
05:07कि वो एक organized तरीके से
05:09और ये भी चीज
05:11definitely feasibility के तैथ
05:13आप समझें mathematics
05:15में established हो चुकी है
05:17कि ये पूरे एक organized तरीके से जो चीज चल रही होती है
05:19उसके बीचे एक brain जरूर होता है
05:21brain के बगएर ये कोई design कर नहीं सकता
05:25physics का second of thermodynamics
05:27जो है
05:29कि entropy या तो constant रहती है
05:31या increase करती है in a disorder
05:33खुदाना खासता यहां पे धुमाका हो जाए
05:35तो हर चीज बिखर जाएगी
05:37इसके बाद दुनिया का कोई
05:39धुमाका दुबारा इसको इस हालत में
05:41arrange नहीं कर सकता
05:43इसको कहता है entropy कि कहीं पे
05:45बिगार आता है तो वो बढ़ता है ये हो सकता है
05:47कि मजीद आप लोग लायें तो ये बिगार और बढ़ता जाए
05:49या जितना है उतना ही दे
05:51वापिस organize नहीं हो सकता
05:53जब तक के दुबारा से
05:55intervene करके आप
05:57ये करना है जिसना वो जियारत में उन्होंने
05:59मुहमदली जिना के वो सारे वो museum तबा कर दिया था
06:01दैशत गर्दों ने तो दुबारा से उन्होंने
06:03बनाया है तो खुद बखुद तो नहीं बना
06:05दमाके के बाद तो सब कुछ खुद बखुद पहल गया था
06:07लेकिन दुबारा उस जगाबे
06:09लाने के लिए आपको budget लगए
06:11brain लगए effort put की हैं
06:13फिर जाके वो organize हुआ है
06:15तो इसका मतलब है order बनाने के
06:17लिए brain चाही होता है
06:19disorder के लिए कोई मसला नहीं
06:21और disorder के बाद दुबारा order बन जए
06:23इसके लिए brain चाहिए
06:25सरकार ये कौन सा disorder है
06:27ये कौन सा big bang है
06:29छोटा सा दमाका
06:31organize नहीं करता चीज को वो बिगाड़ता है
06:33और इतना बड़ा दमाका
06:35इतना बड़ा order ले आया है कि planet earth के उपर
06:372 million से जदा species है
06:39एक एक species के उपर आप जिनगी गुजा रहे हैं
06:41आप सिर्व उसकी आदते ही नहीं बता सकते
06:43क्या है
06:45ये तो छोटने के
06:47ये बनी कैसी है
06:49तो ये तो एक
06:51ना खतम होने वाला
06:53सिंस्र है
06:55तो ये brain तो established है
06:57अगला step ही है कि ये जो brain है
06:59वो Richard Dawkins भी कहता है
07:01वो Richard Dawkins भी कहता है
07:03जब Fred Heil का जुमला
07:05उसे quote किया गया
07:07Fred Heil एक बहुत बड़ा
07:09समझे फिलोसुफर भी था
07:11सांटिस्ट भी था उसने कहा था
07:13कि इंसान का
07:15बन जाना
07:17खुद बखुद
07:19ये इसी तरह का फेनॉमिना है
07:21इस से बढ़कर complex फेनॉमिना है
07:23कि कोई शब्स ये claim करे
07:25कि कोई हवाई जगड
07:27टॉर्नेडो चला
07:29और उसने कूडे कबाड के
07:31धेर से material उठाया और एक
07:33Boeing 747 त्यार कर दिया
07:35ये दुनिया का कोई पागल बेवकूफ आदमी
07:37में ये बात नहीं मानेगा
07:39उसको थो छोड़ते एक
07:41कोई नहीं मानेगा
07:45तो उसने कहा इससे complex चीज़ इनसान है
07:47उसको तुम ये मानेगा
07:49कि खुद बखुद मानेगी ये बगएर किसी brain के
07:51अच्छा तो इसका
07:53जवाव आपको पता है रिचर्ट डॉकिन्स ने क्या दिया
07:55उसने एक chapter बनाया उसकी heading
07:57रखी the ultimate Boeing 747
07:59उसने कहा फिर सबसे बड़ा
08:01Boeing 747 तो God है
08:03आप ये कह रहे हो कि
08:05इनसान इतना complex है कि खुद
08:07बन नहीं सकता किसी के
08:09बनाये बगएर
08:11तो जो इसको बनाने वाला है वो तो उससे
08:13जना complex है
08:15वो तो ultimate Boeing 747
08:17है अगर इतना
08:19मुश्किल इनसान DNA structure
08:21वाला
08:23ये आप कहते हो खुद नहीं बनेगा
08:25इसको कोई बनाएगा
08:27तो जिसने इसे बनाया
08:29वो तो इससे जदा complex चीज़ है
08:31तो उसका भी कोई
08:33creator होना चाहिए
08:35तो हमने क्या कहा था रुको जड़ा
08:37सवर करो
08:39for the sake of argument हम तुम्हारी बात के साथ
08:41agree करते हैं लेकिन
08:43आगे चल
08:45वो जो creator है जिसने
08:47हमारे creator को बनाया होगा
08:49तो यकीनन वो
08:51हमारे creator से भी जदा complex
08:53creator होगा तो फिर
08:55उसका भी कोई creator होना चाहिए
08:57अब तु
08:59क्यामत तक लगा रहा है एक वेशन
09:01कहीं खतम नहीं होगी
09:03ता वक्ते के कोई एक creator
09:05ऐसा हो जिसे किसी नहीं न बनाया हो
09:07तो वही तो है
09:11सूरे इखलास में यही तो definition है
09:15सरकार यह आपको
09:17math समझा सकती है
09:19यह आपको physics समझा सकती है
09:21यह कितनी बड़ी definition
09:23है हमने बच्चमन में ऐसे ही याद कर लिया
09:25के ना उसका कोई बाप है
09:27ना कोई बेटा
09:29तो हम एक अखलाकी से तर्जमा कर रहे है न
09:35तो actual तर्जमा है कि ना वो खुद किसी से निकला है
09:37ना उससे कोई निकला है
09:39वो हमेशा से है
09:41इसलिए भुखारी मुसल्म में हदीस है कि तुमारे पास
09:43शेटान आता है न
09:45तो कहते हैं पहाडों को किसे ने बनाया
09:47पूछते हैं द्रक्तों किसे ने बनाया
09:49तुम कहते हैं अल्लाह ने
09:51तुम कहते हैं उसको जवाब के तोरमा
09:53जब वो सवाल पूछते है
09:55पिर मुफ्तलि सवाल करते हैं तुम अल्लाह कहते हैं
09:57एंड पर वो कहते हैं अल्लाह को किसे ने बनाया
09:59अब तुमने कहना है फिर इसमें
10:01कुल हू अल्लाहू अहद
10:03अल्लाहू समद लम यलिद वलम जूलद
10:05वलम यकुल लहू कुर्फ़ुन अहद
10:07ज़हरां नबील अस्नाम तो इतने कह सकते थे
10:09न आपको अल्लाह तला ने हमारी
10:11हदायद का इमाम बनाया है
10:13ठीक है
10:15लेकिन बाद में जब ये
10:17Mathematical Equations
10:19Scientific Discoveries
10:21और ये Universal Truth
10:23इंसानों को अल्लाह तला ने
10:25दर्याफ़त करवाए हैं तो अब हम
10:27बड़ी असानी से इसको मजीद
10:29Explain कर सकते हैं
10:31कि अगर कोई Creator का Creator है तो उसका
10:33भी कोई Creator होगा और यूँ ये
10:35एक समझ ले
10:37ना खतम होने वाला सिस्रा शुरू हो जाएगा
10:39ये आपको मन
10:41अच्छा अब आप सोचने होगे ये क्यों मानना पड़ेगा कि
10:43कोई एक ऐसा होना चाहिए
10:45कि जिसका ये इसलिए मानना पड़ेगा
10:47कि दूसी तरफ एक्वेशन जो है वो फिजिकली
10:49कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
10:51कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
10:53कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
10:55कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
10:57कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
10:59कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
11:01कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
11:03कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
11:05कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
11:07कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
11:09कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
11:11कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
11:13कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
11:15कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
11:17कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
11:19कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
11:21कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
11:23कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
11:25कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
11:27कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
11:29कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
11:31कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
11:33कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
11:35कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
11:37कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
11:39कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
11:41कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
11:43कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
11:45कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
11:47कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
11:49कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
11:51कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
11:53कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
11:55कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
11:57कि जिसका ये क्यों मानना पड़ेगा
12:00ये एक ऐसा अंदा कुआ है
12:02ये वो कोंसेप्ट है
12:04कि जिसमें आप घरग भी हो जए
12:06आपको इसका कोई सिरा नहीं पकड़ाई देगा
12:09और ये अल्ला की ऐसी क्वालिटी है
12:12बारल ये क्वालिटी तो हम अल्ला के साथ शेर नहीं कर सकते
12:16लेकिन जो उसकी दूसरी क्वालिटी है
12:18कि वो हमेशा के लिए है
12:20उसने देखे आपको शेर कर लिए है अपने साथ
12:23हालिक और मखलूग के फर्क के साथ
12:25हमेशा की जिन्दी उसने चन्नत में आपका मुकदर कर दी है
12:29यानि वो क्वालिटी तो शेर नहीं हो सकती
12:31कि हमेशा से हो
12:33लेकिन हमेशा के लिए हो
12:36ये उसने आपको दे दिए
12:38देखें ये वो कुंसेप्ट है जिसके बाद
12:40आप अल्ला से बुहबत करें
12:42कि देखें वो अकेला था
12:44उसने अपने साथ आपको शरीक कर लिया
12:46इस इतबार से
12:48कि खालिक और मखलूग का फर्क तो है
12:50लेकिन उसने देखें आपको
12:52क्या-क्या नेमतें जननत में देनी है
12:54आप खुएश करेंगे वो चीज आपके सामने आ जाएगे
12:56इसके लिए मैंने वो
12:58मिनी गौड की टर्म डिवाइस की थी
13:00खालिक और मखलूग के साथ
13:02समझाने के लिए और आप से इस से बड़ी बात
13:04यह कहते हैं यह जी वो जननत में
13:06तो आप दुआ करेंगे तो आपको मिलेगा
13:08खुएश और कुन फयकून नहीं होगा
13:10सरकर खुएश ही है
13:12और आप तो बात ही न करें
13:14आप तो पने बाबों के लिए दुनिया में
13:16यह कहते हैं कि निगां बार क्या कर दिता
13:18तुसी दुनिया निगां बार के कर दो
13:20दुआ भैर
13:22कभी आया कि अब्दुल कादर चाहिए
13:24दुआ की तो मुर्दा जीनदा हो गया
13:27कुन फये कुन तुसी दुनिया में मनने बैठे हो यो
13:29सानो जननत ही ही कुन फये कुन के उपर
13:31तुम जो है वो
13:33कहते हो कि यह शिर्क कर रहे है
13:35तुमारे सारे बाबों के बारे में
13:37तुम यह दुनिया में शिर्क मनने वे हो
13:38जो है ही सब कुछ जूट है
13:40हम तो आखरत बता रहे हैं
13:42कुन फये कुन इस इत्बार से कि आपके ख्वाईश के बाद
13:44वो चीज आपके सामने हा जाएगी
13:46चाहें तो इशारों से अपने
13:48काया ही पलटते है दुनिया की
13:50हाँ यह हाल है
13:52खिदमत गारों का सरकार कालम की होगी
13:54दुआओं से नहीं
13:56जैसे आनु कहता नहीं जननती दुआद उबाद मिलेगा इशारेण
13:58और कुछ नहीं मिलेगा तो उसी दुनिये जी अपनी जननम
14:00बनाई होगी है इस्ट्राधे कीदे रखे
14:02और जो एक्शॉल है वो तो है इंशाल्ला तला
14:04हाँ
14:06आपके लिए और आप जिनको मानते हैं उनकी लिए
14:08ना हो इसलिए आप मानने के लिए
14:10त्यार नहीं है हमारे लिए तो है इंशाल्ला तला
14:12है इंशाल्ला
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