सीमांत और मरुस्थलीय जैसलमेर जिले में पिछले दो दिनों से जारी मूसलाधार बारिश का डराने वाला दौर मंगलवार सुबह से थम गया। जिससे सबने राहत की सांस ली। विशाल जिले में व्यापक और चौतरफा बारिश से शहर से लेकर गांवों तक में लोगों को नुकसान झेलना पड़ा और सरकारी सम्पत्तियों की भी हानि हुई। जैसलमेर के 868 साल पुराने सोनार दुर्ग की बुर्ज से लगती दीवार का एक हिस्सा भरभरा कर गिर जाने से दहशत का वातावरण बना वहीं शहर में कई बस्तियों में घरों व व्यापारिक स्थलों पर पानी के आ जाने से संबंधित लोगों को आर्थिक नुकसान हुआ। दूसरी ओर जैसलमेर-जोधपुर मार्ग से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में अनेक सडक़ों पर बरसाती नदियों के चलने व नालों के ओवरफ्लो हो जाने से यातायात बाधित हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में नुकसान की कहानियां सोशल मीडिया के जरिए सामने आ रही है। आने वाले दिनों में बरसात का पानी उतरने के बाद पीडि़त प्रशासन की चौखट पर पहुंच सकेंगे। जिला और पुलिस प्रशासन के साथ मातहत अधिकारी व कार्मिक राहत कार्यों की निगरानी व क्रियान्वयन में जुटे रहे।
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