Skip to playerSkip to main contentSkip to footer
  • 1 year ago
चेन्नई. केरल में बर्ड फ्लू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। राज्य के अलाप्पुझा में दो पंचायतों को फ्लू ने बुरी तरह से प्रभावित किया है, जिसके बाद राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने स्वास्थ्य विभाग के निदेशक को केरल सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिनियम 2023 के तहत उचित उपाय शुरू करने का निर्देश दिया है। इस कारण तमिलनाडु-केरल के सीमावर्ती जिलों को अलर्ट कर दिया गया है और गहनता से परीक्षण किए जा रहे हैं। केरल की सीमा से लगे तमिलनाडु के जिलों में चौकियों पर केरल से आने वाले वाहनों की जांच की जा रही है और कीटाणुनाशक का छिडक़ाव किया जाता है।

कोयम्बत्तूर में बढ़ाई गई निगरानी
केरल से कोयम्बत्तूर आने वाले ट्रकों सहित वाहनों को गहन निरीक्षण के बाद ही अनुमति दी जाती है। पशुपालन विभाग ने 12 बॉर्डर चेक पोस्ट पर चौबीसों घंटे की निगरानी बढ़ा दी है। इन सीमा चौकियों में अनाइकट्टी, वालयार, वेलांदावाज़म, मेलबावी, मुल्ली, मीनाक्षीपुरम, गोपालपुरम, सेम्मनमपथी, वीरप्पागौंडनपुडुर, नादुप्पुनि, जमीन कलियापुरम और वडक्कडु शामिल हैं। इन सभी चेक पोस्ट पर एक पशु चिकित्सक और चार अन्य कर्मचारियों के रखा गया है। पोल्ट्री मीट, अंडे और बत्तख ले जाने वाले वाहनों को रोकने और वापस करने के निर्देश जारी किए गए हैं और केरल से राज्य में प्रवेश करने वाले अन्य वाहनों को फ्यूमिगेट और कीटाणुरहित करने के लिए कदम उठाए गए हैं। अधिकारियों ने कहा कि पोल्ट्री फार्मों से 432 नमूने उठाए गए हैं और उनकी जांच की गई, उनमें बर्ड फ्लू का कोई निशान नहीं है। साथ ही, नामक्कल क्षेत्र में पोल्ट्री फार्मों में बीमारी की रोकथाम के उपाय तेज कर दिए गए हैं। नामक्कल जिले में जहां बड़ी संख्या में पोल्ट्री फार्म हैं, किसानों ने अपने फार्मों में एहतियाती उपाय तेज कर दिए हैं।

एच5एन1 क्या है?
लाइव साइंस के अनुसार, एच5एन1, जिसे बर्ड फ्लू के रूप में भी जाना जाता है, एवियन इन्फ्लूएंजा ए का एक अत्यधिक रोगजनक उपप्रकार है, जो पोल्ट्री में गंभीर बीमारी पैदा करने और कभी-कभी मनुष्यों और अन्य स्तनधारियों में फैलने के लिए जाना जाता है। हालांकि यह मुख्य रूप से पक्षियों को प्रभावित करता है, लेकिन यह मनुष्यों सहित गैर-पक्षी प्रजातियों में घातक परिणाम दे सकता है।

Category

🗞
News

Recommended