Jagjivan Ram Son Suresh Ram Scandal : ये कहानी है साल-1977 की, जब देश में पहली बार गठबंधन वाली सरकार (Government) का गठन हुआ था। प्रधानमंत्री (Prime Minister) पद की रेस में थे, मोरारजी देसाई (Morarji Desai) और तब के बड़े दलित नेता (Dalit Leader) बाबू जगजीवन राम (Babu Jagjivan Ram)। लेकिन प्रधानमंत्री (PM) की कुर्सी मिली जयप्रकाश नारायण (Jai Prakash Narayan) के करीबी कहे जाने वाले मोरारजी देसाई (Morarji Desai) को, इस बात से बाबू जगजीवन राम (Jagjivan Ram) बेहद खफ़ा हो गए। उन्हें मनाया गया और किसी तरह से उपप्रधानमंत्री पद स्वीकार करने को राज़ी किया गया। वे 1971 के भारत-पाक युद्ध (Indo Pak war) के दौरान, इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) सरकार में रक्षा मंत्री (Defense Minister) थे। लेकिन वे उन नेताओं में से एक थे, दो देश में आपातकाल (emergency) लगाए जाने के फैसले से नाराज़ थे और इसी बात पर उन्होने कांग्रेस (Congress) को गुडबाय कह दिया था। फिर जब 1977 के चुनाव हुए, तो कांग्रेस को हार का समना करना पड़ा और गठबंधन वाली सरकार का गठन हुआ, तो उन्हें उपप्रधानमंत्री (Deputy Prime Minister) बनाया गया। लेकिन उनकी लालसा प्रधानमंत्री बनने की थी। उनकी जनता के बीच खूब अच्छी छवि थी, प्यार वे उन्हें बाबूजी कहकर बुलाया जाता था।