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  • 1/21/2023
अक्सर हम लोग सोना-चांदी, हीरे-मोती, रुपए-पैसे, जमीन-जायदाद, बंगला-गाड़ी आदि को ही धन-संपत्ति या दौलत मानते रहें हैं। कुछ हद तक यह बात सही भी है। लेकिन प्रश्न यह है कि क्या यही असली धन है। अगर असली धन यही होता तो ऐसे लोग जिनके पास यह सारी चीजें हैं, वे चिंता, दुःख, मानसिक तनाव, डिप्रेशन आदि से अधिक ग्रस्त क्यों रहते हैं? क्यों ऐसे लोग जिंदगी से संतुष्ट नहीं हो पाते हैं? क्यों इनमें आत्महत्या की प्रवृत्ति अधिक होती है? इससे पता चलता है कि हीरे-मोती, जमीन-जायदाद, मोटी-मोटी बैंकबैलेंस आदि असली धन नहीं हैं। यह सभी तो जीवन की गाड़ी को आगे बढ़ाने के लिए साधन मात्र हैं।

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