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  • 1/18/2023
देवताओं ने पार्वती शंकर पुत्र गणेश को आशीर्वाद दिया किन्तु शनिदेव उन्हें सिर नीचे किये हुए एक ही आँख से (बायी आँख से ) देख रहे थे। पार्वती ने उन्हें देख लिया और बोली- आप मेरे पुत्र को एक आँख से ही क्यों देख रहे हैं तब शनिदेव ने कहा-आप मेरी माता समान हैं। आप से क्या छिपाना ? फिर भी आप से कहते हुए मुझे झिझक का अनुभव हो रहा है। तब पार्वती ने कहा-संकोच कैसी ? जो कहना है बिना किसी संकोच से कहो। तब पार्वती जी की बात को सुनकर शनिदेव ने कहा माते! यदि मैं भरपूर नजर से आप के पुत्र को देख लिया तो अपशकुन हो सकता है।

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