रात में यानी सूर्यास्त के बाद दाह संस्कार करने पर माना जाता है कि स्वर्ग के द्वार बंद हो जाते हैं और नर्क (death ritual) के द्वार खुल जाते हैं. ऐसे में जीव की आत्मा को नरक का कष्ट भोगना पड़ता है. आपने गौर किया ही होगा कि मृत्यु के बाद किसी भी इंसान के शव को अकेला भी नहीं छोड़ा जाता है. दरअसल, इसका संबंध गरुड़ पुराण (garuda purana) से है.
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