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  • 3 years ago
दूसरे दलों की चुनावी राह को अबतक आसान बनाने वाले प्रशांत किशोर उर्फ पीके के राजनीति की ओर प्रस्थान से बिहार के दलों में बेचैनी है। कई मुद्दों पर मतभेद रखने एवं दूसरों पर सतत हमलावर रहने वाले सारे दल पीके के विरोध के मामले में एक नजर आ रहे हैं। किसी ने अभी तक पीके के कदम की प्रशंसा नहीं की है। चारों तरफ से हमले किए जा रहे हैं। यह इनकार में स्वीकार का संकेत है। प्रशांत किशोर ने अपनी पहली प्रेस कान्फ्रेंस में 30 साल के लालू-राबड़ी एवं नीतीश कुमार के शासन पर जैसे ही सवाल उठाए, वैसे ही सबने उनके नए अवतार को चौतरफा घेर लिया।

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